विष्णु देव साय की जीवनी | Vishnu Deo Sai Biography in Hindi

vishnu deo sai biography in hindi
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Vishnu Deo Sai Latest News – विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं. विष्णु देव अविभाजित मध्य भारत के पहले वरिष्ठ आदिवासी नेता भी माने जाते हैं. साय भाजपा के साथ ही संघ के भी सक्रिय सदस्य रहे है. इस समय वे छत्तीसगढ़ के कुनकुरी विधानसभा सीट से विधायक है. एक आदिवासी नेता के तौर पर साय की राजनीतिक पकड़ केवल छत्तीसगढ़ तक ही सीमित नहीं रही है बल्कि वे मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और राजस्थान में भी एक प्रमुख आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते है. इस लेख में हम आपको छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राय की जीवनी (Vishnu Deo Sai Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

विष्णु देव साय की जीवनी (Vishnu Deo Sai Biography in Hindi)

पूरा नाम विष्णु देव साय
उम्र 61 साल
जन्म तारीख 21 फरवरी 1964
जन्म स्थान जशपुर, छत्तीसगढ़
शिक्षा
कॉलेज
वर्तमान पद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री
व्यवसाय राजनीतिक
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम स्वर्गीय श्री रामप्रसाद साय
माता का नाम जसमनी देवी साय
पत्नी का नाम कौशल्या देवी साय
बेटें का नाम एक बेटे
बेटी का नाम दो बेटियाँ
स्थाई पता
वर्तमान पता बगिया, कछुआ, छत्तीसगढ़
फोन नंबर
ईमेल

विष्णु देव साय का जन्म और परिवार (Vishnu Deo Sai Birth & Family)

विष्णु देव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को मध्य प्रदेश (अब छत्तीसगढ़) के जशपुर ज़िले के फरसाबहार विकासखंड स्थित बगिया गाँव में एक किसान परिवार में हुआ. विष्णु देव साय के पिता का नाम स्वर्गीय श्री रामप्रसाद साय और माता का नाम जसमनी देवी साय था. विष्णु देव साय का विवाह 27 मई 1991 को कौशल्या देवी साय से हुआ. उनके तीन बच्चे है. एक बेटे और दो बेटियाँ हैं. विष्णु देव साय  हिन्दू धर्म से है. जाति से वे आदिवासी (ST) कंवर हैं.

विष्णु देव साय की शिक्षा (Vishnu Deo Sai Education)

विष्णु देव साय ने प्रारंभिक शिक्षा वर्ष छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कुनकुरी के सरकारी उच्चतर विद्यालय से की.

विष्णु देव साय का शुरुआती जीवन (Vishnu Deo Sai Early Life)

विष्णु देव साय ग्रामीण पृष्ठभूमि से है. इसी कारण उनका शुरूआती जीवन गांव देहात में बीता. आदिवासी कंवर समुदाय से आने वाले साय की जड़ें कृषि में गहराई से जुड़ी हुई मानी जाती रही है, बावजूद इसके  उनका राजनीति से निकटता रही है. विष्णु देव का पारिवारिक इतिहास राजनीति से जुड़ा हुआ है. इसका कारण उनके चाचा माने जाते है जिनका नाम नरहरि प्रसाद साय और केदारनाथ साय था. उनके दोनों ही चाचा क्षेत्र के जाने माने नेता माने जाते थे.

अब यही कारण रहा कि घोर अभाव ग्रस्त गांव में जीवन बीताकर कर भी अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ा पाए और आज इस स्तर पर है, जिससे वे प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन है. उनके चाचा नरहरि प्रसाद साय 1962 से 1967 तक लैलुंगा विधानसभा क्षेत्र से और 1972 से 1977 तक बगीचा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे. बाद में, उन्होंने 1977 से 1979 तक संसद सदस्य व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री जैसे बड़े पद को संभाला. केदारनाथ साय ने 1967 से 1972 तक जनसंघ (भाजपा पहले जनसंघ के नाम से जानी जाती थी) काल के दौरान तपकारा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इसके अतिरिक्त, साय के दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक विधायक रहे.

विष्णु देव साय का राजनीतिक करियर (Vishnu Deo Sai Political Career)

विष्णु देव साय राजनीतिक घराने से आते है. उनके दोनों चाचा और दादा राजनीति में थे, बावजूदे इसके जब उनके पिता की मृत्यु हुई तब परिवार के भरण पोषण के लिए उन्हें खेती-बारी का सहारा लेना पड़ा. पर इसी अवधि में उनकी जान-पहचान दिलीप सिंह जूदेव से हो गई. स्वः दिलीप सिंह जूदेव उन दिनों भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता माने जाते थे और क्षेत्र के सांसद हुआ करते थे.

दिलीप सिंह के माध्यम से विष्णु देव ने प्रत्यक्ष राजनीति में कदम रखा. साय की राजनीति में इंट्री 1989 में हुई. इसी वर्ष वे अविभाजित मध्य प्रदेश की बगिया ग्राम पंचायत के पंच चुने गए. इसी के बाद वे वर्ष 1990 में बगिया ग्राम पंचायत के सरपंच चुने गए. अपनी जान-पहचान बढ़ाने की कला और चतुराई के कारण विष्णु देव जल्द ही राजनीति की ऊचाई पर लगातार चढ़ने लगे. इसी कड़ी में उसी वर्ष उन्होंने तपकरा विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत गए. फिर इसके बाद तो वे राज्य के विधायक बन गए.

विष्णु देव साय 1990 से लेकर 1998 तक लगातार दो कार्यकालों के लिए एमएलए रहे. उसके बाद विष्णु देव ने राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया और 1999 में ‘रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र’ से पहली बार खड़े हुए और जीत गए. इसी के बाद वे लगातार रायगढ़ लोकसभा सीट से चार कार्यकाल के लिए जीत हासिल करते रहे. साय 1999 से 2014 तक 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा के सांसद बने.

पार्टी कोई भी हो, वह उसी को पसंद करती है, जो जीतने की क्षमता रखता हो, कमजोर उम्मीदवार और नेता को कोई भी पार्टी महत्व नहीं देती. चूँकि विष्णु देव लगातार एक जिताऊ नेता यानि जो जीत की गारंटी दे सकता है, के तौर पर उभरे तो भाजपा में भी उनका कद बढ़ गया और पार्टी उन्हें बड़े-बड़े पद के लिए नामित करने लगी. इसी कड़ी में उन्हें मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल यानि 27 मई 2014 से 2019 तक केंद्रीय राज्य मंत्री का पद हासिल हुआ और उन्हें इस्पात, खान, श्रम और रोजगार मंत्रालय का मंत्री बनाया गया.

इससे पहले साय को वर्ष 2006 में भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इसके बाद साय ने वर्ष 2020 से लेकर वर्ष 2022 तक एक बार फिर इस पद पर आसीन रहे. इसी के बाद साय को 2 दिसंबर, 2022 को भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में नामित किया गया. इसके बाद 8 जुलाई 2023 को उन्हें भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति के पूर्ण सदस्य के पद पर पदोन्नत किया गया.

इसी के बाद जब 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव हुआ और राज्य में पार्टी बहुमत में आयी तो भाजपा ने घोषणा की कि विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री होंगे और इसी के बाद साय ने 13 दिसंबर 2023 को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में ‘छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री’ के तौर पर शपथ ली जबकि अरुण साव और विजय शर्मा राज्य के उपमुख्यमंत्री है. वर्तमान में, विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री है.

इस लेख में हमने आपको छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की जीवनी (Vishnu Deo Sai Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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