पंचायतीराज चुनाव का पहला चरण रहा शानदार, रिकॉर्ड 81.51 फीसदी हुआ मतदान, पाली रहा फिस्सडी तो हनुमानगढ़ ने मारी बाजी

97 साल की विद्या देवी बनी सीकर के पुरानाबास ग्राम पंचायत की सरपंच, लक्ष्मणगढ़ की लालासी पंचायत से सुचित्रा गढ़वाल सबसे युवा सरपंच

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में गांव की सरकार यानि पंचायतीराज के पहले चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है. पहले चरण के चुनाव में प्रदेश के 31 जिलों की 87 पंचायत समितियों के लिये 2726 ग्राम पंचायतों में सरपंच के लिए चुनाव किया गया जिसमें 17,242 सरपंच उम्मीदवार मैदान में थे. वहीं 26800 वार्ड पंच के लिए 42,704 उम्मीदवार मैदान में थे. पहले चरण के चुनाव में प्रदेश में रिकॉर्ड 81.51 प्रतिशत मतदान हुआ. हनुमानगढ़ जिले में सर्वाधिक 89.25 प्रतिशत तो वहीं सबसे कम मतदान पाली जिले में 67.23 प्रतिशत हुआ. चुनाव के नतीजे 17 जनवरी को ही मतदाने के तुरंत बाद घोषित कर दिए गए थे.

पंचायतराज चुनाव के पहले चरण में 97 वर्षीय विद्या देवी सीकर जिले की पुरानाबास ग्राम पंचायत की सरपंच चुनी गईं. विद्या देवी प्रदेश की सबसे बुजुर्ग सरपंच चुनी गयी है. वहीं लक्ष्मणगढ़ की लालासी पंचायत से 22 वर्षीय सुचित्रा गढ़वाल सबसे युवा सरपंच चुनी गईं. सुचित्रा फिलहाल एमए की पढ़ाई भी कर रहीं है. इसके साथ ही टोंक जिले की नटवाड़ा पंचायत में 8 साल पहले पाकिस्तान से आईं नीता कॅवर सरपंच चुनी गईं. लंबी कानूनी लडाई के बाद नीता कॅवर को 5 महिने पहले ही भारत की नागरिकता प्रदान की गई थी.

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प्रदेश की सबसे बुजुर्ग सरपंच विद्या देवी ने पंचायत चुनाव में अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी आरती मीणा को 207 वोटों से हराया. चुनाव जीतने के बाद विद्या देवी ने बताया कि मैंने पहली बार सरपंच का चुनाव लड़ा है. मेरे ससुर सूबेदार सेदूराम 20 साल तक इसी पंचायत से निर्विरोध सरपंच रहे. इसके बाद पति मेजर शिवराम सिंह भी एक बार इसी पंचायत से सरपंच चुने गए थे. बेटा राम सिंह कृष्णा भी यहां से दो बार सरपंच रह चुका है. वहीं विद्या देवी ने बताया कि उनका पोता मोंटू कृष्णनिया फिलहाल नीमकाथाना तहसील से पार्षद है. विद्या देवी 97 वर्ष की उम्र में भी एक दम स्वस्थ है और पंचायत की विधवाओं को पेंशन, हर घर में पानी की आपूर्ति, सडकों के निर्माण और साफ सफाई के लिए काम करना चाहती हैं.

प्रदेश की सबसे युवा सरपंच बनी सुचित्रा गढ़वाल लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति की लालासी ग्राम पंचायत से चुनी गई है. सुचित्रा एमए की छात्रा है और फिलहाल लक्ष्मणगढ के तोदी कॉलेज में पढ़ाई कर रही है. सुचित्रा के पिता राजेंद्र गढ़वाल एक समाजसेवी है. सुचित्रा के राजनीतिक जीवन के बात करे ये सुचित्रा ने पहली बार कोई चुनाव लडा. सुचित्रा के जीत से पूरे गांव में खुशी का माहौल नजर आया ओर गांव में जमकर आतिशबाजी की गई. सरपंच बनने के बाद सुचित्रा ने कहा कि वो अपनी पंचायत में स्वच्छता, पेयजल व सडकों के लिए विशेष रूप से काम करेगी.

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वहीं टोंक जिले की नटवाड़ा ग्राम पंचायत से पाकिस्तान की बेटी ओर नटवाड़ा की बहु सरपंच चुनी गई है. टोंक जिले की नटवाड़ा ग्राम पंचायत से नीता कॅवर ने पहली बार में ही सरपंच का चुनाव जीत लिया. नीता 2001 में पाकिस्तान से अपने चाचा नखत सिंह सोढ़ा के साथ जोधपुर आई थीं. इसके बाद नीता ने 2005 में जोधपुर के सैफिया कॉलेज से स्नातक किया. नीता की 19 फरवरी 2011 को नटवाड़ा राजघराने में शादी हुई थी. लंबी कानूनी लडाई के बाद नीता को 5 महिने पहले सितंबर 2019 में ही भारतीय नागरिकता मिली थी. नीता कंवर के श्वसुर लक्ष्मण करण इसी पंचायत से तीन बार सरपंच रह चुके हैं, ऐसे में उनके अनुभवों का भी नीता को सरपंच बनने में काफी लाभ मिला.

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