Politalks.News/Bihar/Lalu/CBI बहुचर्चित आरआरबी घाटाले में शुक्रवार को सुबह सुबह ही सीबीआई ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, उनके परिवार और उनसे जुड़े देशभर के 17 ठिकानों पर छापेमारी की. इससे पहले सीबीआई ने लालू परिवार के चार सदस्यों समेत 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. लालू यादव पर आरोप है कि रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों की कीमती जमीनें अपने करीबी लोगों के नाम लिखवाई थीं. बाद में इन जमीनों को अपने और परिवार के सदस्यों के नाम गिफ्ट करा दिया था. सबसे बड़ी बात ये है कि यह पहला मामला है जिसमें पहली बार लालू-राबड़ी की पांचवी बेटी हेमा का नाम सामने आया है. वहीं सीबीआई की इस कार्रवाई पर कविता के अंदाज में लालू के बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि, ‘ऐ हवा जाकर कह दो, दिल्ली के दरबारों से, नहीं डरा है-नहीं डरेगा, लालू इन सरकारों से.’ तेजस्वी के इस ट्वीट को आरजेडी के कई वरिष्ठ नेताओं ने रि-ट्वीट किया है.
आपको बता दें कि एक यूनिवर्सिटी में स्पीच देने के लिए तेजस्वी यादव इन दिनों लंदन गए हुए हैं. ऐसे में सीबीआई की इस छापेमारी पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने ट्वीटर के जरिए कड़ी प्रतिक्रिया दी है. तेजस्वी ने कहा कि, ‘सत्य और तथ्य का मार्ग वह अग्निपथ है, जिस पर चलना कठिन है, पर असंभव नहीं. देर से ही सही, लेकिन विजय सदैव सत्य की ही होती है.’ तेजस्वी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को इस तरह की छापेमारी से नहीं डरने की अपील की और कहा कि, ‘हम लड़ रहे हैं, जीत रहे हैं, आगे भी लड़ते रहेंगे और जीतते रहेंगे.’
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वहीं, बीते रोज राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई की छापेमारी पर राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा है कि भाजपा बिहार के लोगों को नहीं जानती है, अगर लोगों ने ठान लिया तो लोकतंत्र पर इस हमले का ऐसा बदला लेगी कि भाजपा का नाम लेने वाला कोई नहीं रह जाएगा. वह जितना भी डरा लें, न तो बिहार की जनता डरने वाली और न ही लालू प्रसाद और न ही तेजस्वी यादव.
सांसद मनोज झा ने आगे कहा कि जानकारी मिली तो कोई आश्चर्य नहीं हुआ, हां दुख हुआ कि भाजपा लोकतंत्र को कहां ले जा रही है. जब-जब जनउभार हुआ है भाजपा ऐसा ही करती है. लेकिन बिहार लोकतंत्र की जननी है और लोकतंत्र पर हो रहे ऐसे हमलों को अब सह नहीं सकता है. हाल में जब जातीय जनगणना और बेरोजगारी के सवालों पर गोलबंदी होने लगी और कई दूसरे दल भी साथ होने लगे तो भाजपा डर गई और दूसरों को डराने के लिए एक मरी हुई चिड़िया को फिर से घर पर बैठा दिया.
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ये है पूरा मामला
आपको बताएं कि आरोप के मुताबिक लालू प्रसाद यादव वर्ष 2004-2009 तक जब रेल मंत्री थे तो बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में चतुर्थ वर्गीय पद पर नौकरी दी गई थी. नौकरी देने के एवज में उनके या उनके परिवार के सदस्यों से जमीन लिखवाई गई. ये जमीन राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर 5 सेल डीड और 2 गिफ्ट डीड के जरिए हस्तांतरित की गई. जमीन का कुल रकवा 1,05,292 वर्गफुट है और वर्तमान में सर्किल रेट के हिसाब से इसकी कीमत 4 करोड़ 39 लाख 80 हजार 650 रुपये है. आरोप है कि जमीन के बदले रेलवे के अलग-अलग जोन में इनकी नियुक्ति की गई और अधिकतर जमीनों की खरीद भी कैश में दिखाई गई है.
यहां आपको बता दें, सीबीआई की एफआईआर में लालू, राबड़ी के अलावा बेटी मीसा और बेटी हेमा का भी नाम है. लालू की पांचवी बेटी हेमा का नाम पहली बार किसी मामले में सामने आया है. हेमा यादव ने बीआईटी रांची से बीटेक की डिग्री ली है. हेमा की शादी दिल्ली की एक पॉलिटिकल फैमिली में हुई है. हेमा के पति का नाम विनित यादव है और विनीत भी पॉलिटिक्स में एक्टिव हैं.
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इन्हें किया गया नामजद
सीबीआई द्वारा दर्ज FIR में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी के अलावा उनकी दो बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव को नामजद किया गया है. इन चार के अलावा नौकरी पाने वाले राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय राय, धर्मेन्द्र राय, विकास कुमार, पिंटू कुमार, दिलचंद कुमार, प्रेम चंद कुमार, लाल चंद कुमार (सभी महुआ बाग, धनौत, पटना), ह्दयानंद चौधरी (इटवा, मीरगंज, गोपालगंज) और अभिषेक कुमार (बिंडौल, बिहटा) के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है. यानी कुल 16 के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है.