Politalks.News/UP/AjamKhan. आखिर 89वें मुकदमें में जमानत पाकर 27 महीने के बाद जेल से बाहर आए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के विधायक आजम खान (Azam Khan) आज सीतापुर जेल से रिहा होने के बाद अपने घर पहुंच चुके हैं. जेल से लेकर रामपुर पहुंचने तक पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक आजम खान का समर्थकों ने जोरशोर से स्वागत किया. घर पहुंचने के बाद आजम खान ने एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अपने 40 साल के सियासी सफर की दास्तां सुनाई. यही नहीं आजम ने बड़ा बयान देते हुए बताया कि जेल में उन्हें बाहर निकलने के बाद मेरा एनकाउंटर करने की धमकी मिली है. इसके साथ ही बिना नाम लिए शायराना अंदाज में आजम ने अखिलेश पर निशाना भी साधा. इसके अलावा आजम ने जमानत पर मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हुए उसे विधाता स्वरूप बताया.
रामपुर अपने घर पहुंचे सपा विधायक आजम खान ने शायराना अंदाजा में बिना नाम लिए अखिलेश यादव और सपा के कुछ चुनिंदा नेताओं पर हमला बोला. आजम ने कहा कि मैंने साबित करने की कोशिश की कि मेरी ईमानदारी संदिग्ध नहीं है. मुझे सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है. इसके साथ ही आजम खान ने कहा कि अभी मेरे लिए बीजेपी, बसपा और कांग्रेस इसलिए बहुत बड़ा सवाल नहीं है, क्योंकि मुझ पर, मेरे परिवार और मेरे लोगों पर हजारों की तादाद में जो मुकदमें दायर किए हैं. उसमें मैं कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरा अपना हाथ है. मेरे अपनो लोगों का बड़ा योगदान है, मालिक उन्हें सदबुद्धि दे. आजम ने कहा, अब तक के जीवन में उन पर कई जानलेवा हमले भी हुए हैं लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था, इसलिए उनकी मौत नहीं हुई. कोरोनाक़ाल को याद करते हुए आजम ने बताया कि सीतापुर जेल में रहने के दौरान उन्हें भयंकर कोरोना हो गया था. मेरे सामने से लाशें जा रही थीं, मैं तब नहीं मरा. मेरे चाहने वालों ने बहुत कोशिश कि मै फिर जिंदा बाहर आ गया.
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यही नहीं प्रेसवार्ता के दौरान वरिष्ठ सपा नेता आजम खान ने जेल में पुलिसकर्मी द्वारा मिली धमकी का भी खुलासा किया. आजम ने कहा कि जब वह जेल में थे तो उनसे एक दारोगा उनका बयान लेने आया था. इस दौरान दारोगा ने कहा था बचकर रहें. जमानत मिलने के बाद अगर रामपुर जाएं तो भूमिगत रहें, आपका एनकाउंटर भी हो सकता है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान आजम ने कहा, अखिलेश यादव मेरे लीडर नहीं हैं. हालांकि कुछ मामला में आजम खान ने अखिलेश यादव पर चुप्पी भी साधी. दो साल से ज्यादा जेल में रहने के बाद आजम खान ने कहा, मैं जमीर बेचने वाला नहीं हूं. मेरे लिए बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस बड़ा सवाल नहीं.
जेल में मिली यातनाओं का जिक्र करते हुए आजम खान ने कहा, 40 साल के सियासी सफर में उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. आजम ने बताया कि जमीन हड़पने को लेकर जो आठ मुकदमे दर्ज थे वह उन्होंने जीत लिए हैं और जिन लोगों ने उन जमीन छीनने का आरोप लगाया था कि उनको जमीन का चेक से पेमेंट किया गया था. जिस समय जमीन खरीदी गईं थी तब उन जमीनों का मूल्य दो हजार रुपये बीघा था, लेकिन हमने उन्हें 40 हजार रुपये बीघा के हिसाब से रुपये दिए थे. आजम ने कहा, चाहें तो वह भी उन पर केस कर सकते हैं, लेकिन नहीं करेंगे.
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आजम खान ने अपने 40 साल के सियासी सफर का जिक्र करते हुए कहा, उनका मिशन राजनीति नहीं था. उन्हें सोन या चांदी के कंगन नहीं चाहिए थे. उन्होंने शहर के हाल का जिक्र करते हुए कहा रामपुर की इमारतें और नगर पालिका का क्या हाल है आप देख सकते हैं. आपको अंदाजा होगा हमने कैसा शहर बनाया था और अब कैसा हो गया. आजम ने बताया कि 40 साल के सियासी सफर में पहले भी वह जेल जा चुके हैं. पौने दो बरस तक बनारस की जेल में रह चुके हैं. आजम खान ने आगे कहा, सीतापुर की जेल में 27 महीने तक जिन बैरकों में उन्हें रखा गया, वहां केवल उन्हीं को रखा जाता था जिन्हें दो-तीन दिन में फांसी लगने वाली हो.
जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री आजम खान ने कहा, मैंने एक मौके पर जेल में हुई वीसी के दौरान जज साहब से ये कहा था कि आपके पास आसमान वाले की पावर्स हैं. उन पावर्स का इस्तेमाल आपको कैसे करना है ये आपको तय करना है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, मैं ये समझता हूं कि हमारे कुछ हाईकोर्ट के फैसलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसला से जिस तरह से इंसाफ मिला है उसमें यही कहा जा सकता है कि उन्होंने विधाता की दी हुई पावर्स का जायज इस्तेमाल किया है.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए आजम खान को अंतरिम जमानत दी है. वह भ्रष्टाचार समेत कई अन्य मामलों में पिछले 27 महीने से सीतापुर की जेल में बंद थे. इसके साथ ही सपा नेता को अब सभी 88 मुकदमों में जमानत मिल चुकी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल उन्हें अंतरिम जमानत दी गई है. जबकि सपा नेता को रेगुलर बेल के लिए निचली अदालत में दो हफ्ते में अर्जी दाखिल करनी होगी. साथ ही कहा कि जब तक निचली अदालत जमानत पर कोई फैसला नहीं लेती तब तक आजम खान अंतरिम जमानत पर रिहा रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवाई, जस्टिस एस गोपन्ना की बेंच इस पर आजम की जमानत पर फैसला सुनाया है.