पुलिस की तफ्तीश पूरी निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ हो, किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय न हो- गहलोत

निष्पक्ष एवं त्वरित कार्रवाई से ही पुलिस महकमे का इकबाल बुलंद होगा, राजस्थान पुलिस अपनी कार्यशैली और अनुसंधान के तौर-तरीकों में प्रोफेशनल एप्रोच के साथ बदलाव लाकर देश की नंबर वन पुलिस के रूप में अपनी पहचान बनाए- सीएम गहलोत

img 20210609 wa0277
img 20210609 wa0277

Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हर आपराधिक प्रकरण में पुलिस की तफ्तीश पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ हो. किसी भी निर्दोष और पीड़ित व्यक्ति के साथ अन्याय न हो. निष्पक्ष एवं त्वरित कार्रवाई से ही पुलिस महकमे का इकबाल बुलंद होगा. सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान पुलिस अपनी कार्यशैली और अनुसंधान के तौर-तरीकों में प्रोफेशनल एप्रोच के साथ बदलाव लाकर देश की नंबर वन पुलिस के रूप में अपनी पहचान बनाए.

सीएम आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के समय लॉकडाउन को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने में पुलिस विभाग ने सकारात्मक भूमिका से आमजन के बीच बेहतर छवि बनाई और इससे पुलिस के प्रति विश्वास कायम हुआ. पुलिस की यही छवि आगे भी बरकरार रहनी चाहिए.

यह भी पढ़े: आधी रात राठौड़ सहित बीजेपी नेताओं को सचिन पायलट का करारा जवाब- पहले अपना घर संभालो….

सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने अपराध नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए हैं. थानों में उचित माहौल में फरियादियों की सुनवाई के लिए स्वागत कक्षों के निर्माण, तथा अनिवार्य एफआईआर दर्ज करने के साथ ही पुलिस महकमे के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण की दिशा में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों को देशभर में सराहा गया है. प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष बनाने के काम को गति दी जाए.

मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यकों सहित समाज के कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने में पुलिस मानवीय नजरिए के साथ तफ्तीश करे. संवेदनशील मामलों में निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि लोगों के बीच पुलिस की छवि में सुधार हो. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने विभिन्न प्रकार के माफिया तथा संगठित अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. खनन, भू-माफिया, मादक पदार्थ तथा हथियारों की तस्करी, धोखाधड़ी तथा निवेश के नाम पर पैसा हड़पने वाले माफियाओं में पुलिस अपनी कार्रवाई से कानून का भय पैदा करे.

यह भी पढ़ें: वैक्सिनेशन में महिलाओं का पिछड़ना बेहद चिंता का विषय, सरकार करे डोर-टू-डोर व्यवस्था- वसुन्धरा राजे

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे निर्देशित करते हुए कहा कि पुलिस कार्मिकों को फील्ड पोस्टिंग देते समय उनके पिछले कार्यकाल का फीडबैक जरूर लिया जाए. फील्ड में पोस्टिंग के बाद आमजन के बीच से निरंतर फीडबैक प्राप्त करने का एक सिस्टम तैयार किया जाए, जिसकी प्रभावी मॉनीटरिंग गृह विभाग करे.

इसके साथ ही सीएम अशोक गहलोत ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि पुलिस विभाग के कार्मिकों की आचरण एवं शिष्टाचार को लेकर नियमित ट्रेनिंग कराई जाए क्योंकि पुलिस के खिलाफ अधिकतर शिकायतें उनके व्यवहार से जुड़ी होती हैं. थानों में हिरासत में होने वाली मौतों एवं मारपीट की घटनाओं पर अंकुश के लिए सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के काम को गति देने के निर्देश दिए, जिनकी हर जिले में ऑनलाइन मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो. जहां अभय कमाण्ड सेंटर हैं, वहां थानों को इससे जोड़ा जा सकता है.

यह भी पढ़ें: पायलट के समर्थन में आए भंवर जितेन्द्र सिंह ने कहा- पूरे हों पायलट से किए वादे, सरकार को नहीं कोई खतरा

कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान सीएम गहलोत ने बीट कांस्टेबल की भूमिका को और प्रभावी बनाने तथा मिलीभगत की शिकायतों को रोकने के लिए एक पारदर्शी स्थानांतरण नीति बनाने पर भी बल दिया. अच्छा काम करने वाले पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहन मिले और लापरवाह एवं अपराधियों से सांठगांठ करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. सीएम गहलोत ने कहा कि आमजन में बेहतर छवि बनाने के लिए पुलिस कार्मिकों का सतत फीडबैक और मूल्यांकन किया जाना उचित होगा.

बैठक में जुड़े मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि खनन माफिया, मादक पदार्थों तथा पिछड़े वर्गों के खिलाफ आपराधिक मामलों में पुलिस और अधिक प्रभावी कार्रवाई कर पीड़ित को न्याय दिलाए. वहीं पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि कई आपराधिक घटनाओं में पुलिस कार्मिकों की लिप्तता सामने आने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गयी है. लाठर ने बताया कि पुलिस ने एक्साइज एक्ट, आर्म्स एक्ट, सभी प्रकार के माफियाओं तथा एनडीपीएस प्रकरणों में प्रो-एक्टिव होकर कार्रवाई की है. विभिन्न प्रकार के अपराधों में त्वरित अनुसंधान कर अपराधियों के खिलाफ चालान प्रस्तुत करने का प्रतिशत भी बढ़ा है.

Leave a Reply