ठीक नहीं चल रहे कर्नाटक सियासत के ग्रह नक्षत्र, मुख्यमंत्री सहित प्रमुख नेताओं को जाना पड़ेगा जेल!

कर्नाटक में सब कुछ सही नहीं, सिद्धारमैया और कुमार स्वामी के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज तो दो -दो एफआईआर ने बढ़ाई येदियुरप्पा की मुसीबतें

(Karnataka Politics)
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. कर्नाटक (Karnataka Politics) में विधानसभा चुनावों को केवल डेढ़ साल ही बीता है और इस दौरान तीन बार सत्ता पलट हो चुका है. इस नाटकीय घटनाक्रमों के बाद भी लग रहा है जैसे कर्नाटक की गर्म राजनीति के ग्रह नक्षत्र अपनी सीधी चाल पर नहीं लौट पा रहे. कुछ महीनों पहले कर्नाटक में सरकार गिरने और नई सरकार बनने के बाद अब यहां के प्रमुख नेताओं की जान पर बनी हुई है. इस लिस्ट में सिद्धारमैया, कुमार स्वामी, डीके शिवकुमार और वर्तमान मुख्यमंत्री येदियुरप्पा भी शामिल हैं जिन्हें आने वाले समय में जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. बता दें, प्रदेश में 15 विधानसभा सीटों पर 5 दिसम्बर को उपचुनाव होने हैं.

हुआ कुछ यूं कि (Karnataka Politics) कर्नाटक पुलिस ने राज्य के दो पूर्व सीएम सिद्धारमैया और एचडी कुमार स्वामी सहित बेंगलुरू के तत्कालीन पुलिस आयुक्त टी.सुनिल कुमार, उनके अधीनस्थ पुलिसकर्मियों और कांग्रेस व जेडीएस के कुछ नेताओं के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है. यह मामला लोकसभा चुनावों के दौरान की गई आयकर छापेमारी का विरोध करने के लिए दर्ज हुआ है. वहीं सीएम येदियुरप्पा के खिलाफ जाति के नाम पर वोट मांगने के आरोप में दो एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. इसके अलावा, गृहमंत्री और सीएम के सांसद पुत्र बीवाई राघवेंद्र के वाहन जांच न करने को चुनाव आयोग ने अपने 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

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इस संबंध में बेंगलुरू की एक अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मल्लिकार्जुन ए. की शिकायत पर हाल ही में कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस को आपराधिक साजिश रचने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के प्रयास करने सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था. मामला कांग्रेस और जेडीएस नेताओं के आवास पर मारे गए आयकर छापों के विरोध में आयकर कार्यालय के पास तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सचित अन्य नेताओं की ओर से किए विरोध प्रदर्शन से संबंधित है. (Karnataka Politics) आरोप है कि कुमारस्वामी ने मीडिया को संभावित छापेमारी की जानकारी दी थी. उनका संदेह अगले ही दिन सही साबित हुआ जब सुरक्षा बल राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैल गया. उसके बाद दोनों पार्टियों के के नेताओं ने आयकर कार्यालय में व्यापक प्रदर्शन किया.

जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है उनमें सिद्धारमैया, कुमार स्वामी, डीके शिवकुमार, तत्कालीन उप मुख्यमंत्री जी.परमेश्वर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंड्डू राव, तत्कालीन पुलिस उपायुक्त राहुल कुमार और डी.देवराजू के अलावा सभी निर्वाचन अधिकारी भी शामिल हैं.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ जाति के नाम पर वोट मांगने के आरोप में (Karnataka Politics) दो एफआईआर दर्ज कराई गई है. अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रियंका मैरी फ्रांसिस ने एक बयान में कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 23 नवंबर को कागवाड़ विधानसभा क्षेत्र के गोकाक और शिरूप्पी गांव में अपने भाषण में कथित तौरपर जाति के नाम पर वोट मांगे थे.

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वहीं दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने 6 पोस्ट कर्मचारियों पर 20 नवंबर को गृहमंत्री बासवराज मोम्मई के वाहन की जांच न करने का आरोप लगाते हुए दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया. उनके वाहन चालक के खिलाफ मुद्दुर थोन में एफआईआर दर्ज कराई गई है. (Karnataka Politics) मुख्यमंत्री के सांसद बेटे बीवाई राघवेंद्र के वाहन की जांच नहीं करने के आरोप में चुनाव आयोग ने अपने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया.

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