पायलट ने की हनुमान बेनीवाल पर हुए हमले की कड़ी निंदा वहीं चुनाव आयुक्त के जवाब पर टिप्पणी से किया इंकार

पायलट ने कहा- निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था, उसके मान सम्मान को ठेस ना पहुंचे, यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी, वहीं जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा पुलिस का दायित्व

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर हुए हमले की कडी निंदा की है. हनुमान बेनीवाल पर हुए हमले की निंदा करते हुए पायलट ने कहा कि सभ्य समाज और लोकतंत्र में किसी भी प्रकार की हिंसा को कोई जगह नहीं. इसको हम स्वीकार नहीं कर सकते. जिसने भी इस तरह की घटना को अंजाम दिया है, उस पर पुलिस उचित कार्यवाही कर रही होगी. राजनीति में विरोध हो सकता है, वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन इस प्रकार का हमला अगर कोई किसी पर करता है तो मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं.

आगे पायलट ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसकी जिम्मेदारी हम सब की है. लेकिन इस प्रकार से किसी निर्वाचित सांसद पर कोई हमला करता है तो उसकी सबको मिलकर निंदा करनी चाहिए. हमारे प्रदेश में अलग-अलग विचार हैं, अलग-अलग दल है, अलग-अलग सोच है, हमारे बीच मतभेद भी हो सकते हैं लेकिन इस प्रकार कोई भी व्यक्ति किसी जनप्रतिनिधि पर हमला करता है तो मैं उसकी निंदा करता हूं. इस तरह की घटनाओं पर पुलिस प्रशासन संज्ञान ले ताकि सभी जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा पुख्ता की जाए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न घटे. इस पर हमें जिम्मेदारी से काम करना चाहिए.

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गौरतलब है कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पिछले दो दिन बाड़मेर जिले के टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर थे. गुरूवार को सांसद बेनीवाल ने किसानों को विशेष पैकेज व मुआवजा देने की मांग को लेकर बाड़मेर कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान भीड़ में साजिश के तहत घुसे हमलावर खरताराम बाना ने बेनीवाल पर हमले के लिए गिरेबान पकड़ थी. इस घटना के बाद बेनीवाल ने कहा कि उन पर किसी सिरफिरे व्यक्ति ने चाकू से हमला किया.

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शुक्रवार को अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा के जवाब पर किसी भी टिप्पणी से इनकार करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि मैं चुनाव आयुक्त के जवाब पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है और संस्था की गरिमा उनको भी बनाए रखनी है और हमें भी. चुनाव कराना और कब कराना, ये जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की है. मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा, उसके बाद स्थिति एकदम स्पष्ट है. आज फिर हम लोग आग्रह कर रहे हैं कि अगर कुछ और दिशा निर्देश सुप्रीम कोर्ट से मिलते हैं तो उसकी पालना की जाए. हाईकोर्ट के फैसले के बाद जहां थोड़ी अनिश्चितता थी, उसको सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है.

आगे पायलट ने कहा कि निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके मान सम्मान को ठेस ना पहुंचे, यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. मैं उन सभी लोगों का और संस्थाओं का सम्मान करता हूं जिनको हमारे संविधान ने बनाया है. सरकार, विपक्ष, निर्वाचन आयोग, कोर्ट हम सबका सामूहिक कर्तव्य एक ही है कि लोकतंत्र मजबूत हो और समय पर चुनाव हो सके. डिप्टी सीएम ने कहा कि चुनाव आयोग को जो भी दस्तावेज चुनाव कराने के लिए चाहिए, वो तमाम दस्तावेज विभाग के पास मौजूद है. चुनाव के लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है. अब चुनाव कब होगा, इसका अंतिम निर्णय तो निर्वाचन आयोग ही करेगा.

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बता दें, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 14 जनवरी को राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा को पत्र लिखकर जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव 7 फरवरी तक कराने की अपील की थी. इस पर गुरूवार को प्रदेश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक भास्कर में प्रकाशित स्पेशल इंटरव्यू में आयुक्त मेहरा ने कहा, ‘पंचायत पुनर्गठन, लॉटरी सहित कई मुददों पर डिप्टी सीएम सचिन पायलट के विभाग ने पहले तो एडवोकेट जनरल की राय ली, उस राय में स्पष्ट है कि बगैर सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के कुछ न करें. फिर पायलट ने हमें पत्र लिखा कि चुनाव कराएं तो ऐसे में हमारा कहना है कि काश पायलट चिटठी में ये भी कहते कि हम एडवोकेट जनरल की राय नहीं मान रहे हैं. पायलट को राय देने से पहले सोचना चाहिए कि चुनाव में 3 माह लगते है. इतना जल्द चुनाव कराना संभव नहीं है.’