बेरोजगारों की मांगों पर आचार्य तो संविदाकर्मियों के लिए हेमाराम-सोलंकी ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

एक बार फिर पायलट कैम्प के निशाने पर गहलोत सरकार! आचार्य प्रमोद ने बेरोजगारों के आंदोलन के लिए सीएम गहलोत को ठहराया जिम्मेदार, बोले- अपनी मुसीबत प्रियंका गांधी के गले में डालना उचित नहीं, तो संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर पायलट कैंप हुआ मुखर, चुनावी घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने की मांग

फिर एक बार अपनों के निशाने पर गहलोत सरकार
फिर एक बार अपनों के निशाने पर गहलोत सरकार

Politalks.News/Rajasthan. हाल ही में हुए गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन के दौरान किए गए एकजुटता के दावे की दिन-ब-दिन परतें खुलती जा रही है. ताजा मामले में राजस्थान के बेरोजगारों का लखनऊ में जारी धरना और संविदाकर्मियों की नियमित करने की मांग को लेकर गहलोत सरकार अपनों के निशाने पर है. प्रदेश के बेरोजगारों का यूपी की राजधानी लखनऊ में किया जा रहा विरोध अब सियासी रंग ले चुका है. इस आंदोलन के लिए सचिन पायलट के शुभचिंतक यूपी के कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद (Acharya Pramod) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Ashok Gehlot) को ही जिम्मेदार ठहराते हुए खुद की मुसीबत (Trouble) को प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के गले में डालने का आरोप लगाया है. वहीं इधर, संविदाकर्मियों की नियमित करने की मांग को लेकर पायलट कैंप से गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हेमाराम चौधरी (HemaRam Choudhary)और विधायक वेद प्रकाश सोलंकी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं. ऐसे में बेरोजगारों सहित अन्य मुद्दों पर भाजपा के साथ गहलोत सरकार को अपनों के वार का भी सामना करना पड़ रहा है.

अपनी मुसीबत प्रियंका जी के गले में डालना उचित नहीं- आचार्य
उत्तरप्रदेश के लखनऊ में पिछले 5 दिन से धरना दे रहे प्रदेश के बेरोजगारों के प्रदर्शन को लेकर प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता आचार्य प्रमोद ने ट्वीट किया है कि, ‘यूपी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे राजस्थान के बेरोजगारों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तत्काल बातचीत कर समस्या का समाधान निकालना चाहिए. अपनी मुसीबत को प्रियंका गांधी के गले में डाल देना उचित नहीं है‘. आचार्य प्रमोद के इस ट्वीट को बेरोजगार महासंघ के जुड़े सभी युवा बेरोजगार रिट्वीट कर मुख्यमंत्री से जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं. तो वहीं सोशल मीडिया पर भी आचार्य का ये ट्वीट ट्रेंड भी कर रहा है.

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राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ का लखनऊ में धरना

राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ के बैनर तले कुछ बेरोजगार युवा पिछले 5 दिनों से उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं. बेरोजगारों का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में उनके साथ वादाखिलाफी की है. ऐसे में वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मिल अपनी समस्या का समाधान चाहते हैं. राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा है कि, ‘राजस्थान कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारों से वादे तो किए, लेकिन उन्हें अब तक पूरा नहीं किया. ऐसे में मजबूरन बेरोजगारों को कड़ाके की ठंड में उत्तर प्रदेश में विरोध करना पड़ रहा है. जिस दिन राजस्थान की सरकार बेरोजगारों से लिखित समझौता कर लेगी, हमारा अनशन उसी वक्त खत्म हो जाएगा. अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया, तो आने वाले चुनाव में कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा’.

संविदाकर्मियों की मांग को लेकर अपनों के निशाने पर गहलोत सरकार

इधर प्रदेश के विभिन्न सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर भी पायलट कैंप के सिपहसालारों ने गहलोत सरकार को घेरा है. आपको बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बनने पर संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. यही नहीं सरकार बनते ही संविदाकर्मियों को लेकर एक कमेटी का भी गठन कर दिया, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक नहीं आई है. संविदाकर्मियों की इसी मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री हेमराम चौधरी और चाकसू विधायक वेदप्रकाश सौलंकी ने मांग उठा रहे हैं.

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पायलट कैंप उठा रहा है लगातार मांग

गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन में पायलट कैम्प से कैबिनेट मंत्री बने हेमाराम चौधरी ने कहा कि, ‘संविदाकर्मियों को नियमित करने का मुद्दा मैंने पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में भी उठाया था. मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से सुना और अधिकारियों को इसे जल्द ही समाधान करने के निर्देश भी दिए थे’. वहीं चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा है कि, ‘उपचुनावों से पहले भी सरकार ने संविदा कर्मियों से वादा किया था, अब उसे पूरा करना चाहिए. संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा है. इसमें कोई बड़ा खर्च भी नहीं आएगा तो इसे पूरा करने में क्या हर्ज है’. हालांकि वेदप्रकाश ने मंत्रिमंडल में एससी-एसटी को अच्छा प्रतिनिधित्व गहलोत सरकार की तारीफ भी की और कहा कि इससे अच्छा संदेश दिया गया है.

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