कश्मीर में बेशक भाजपा को मिली मुस्कुराने की वजह लेकिन घाटी की सियासत में लड़ाई अभी लंबी

यह चुनाव छोटे जरूर थे लेकिन इसके मायने बड़े हैं,घाटी से 'अनुच्छेद 370' हटाने के सवा साल बाद आयोजित हुए इन चुनाव पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई थी, ये चुनावी लड़ाई भारतीय जनता पार्टी और जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों के बीच सीधी टक्कर की थी

कश्मीर में भाजपा को मिली मुस्कुराने की वजह
कश्मीर में भाजपा को मिली मुस्कुराने की वजह

Politalks.News/Jammu-Kashmir. जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में भले ही गुपकार गठबंधन आगे निकल गया है, मगर भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद के लिए हुए चुनाव के परिणामों का भारतीय जनता पार्टी के साथ घाटी के कई राजनीति दलों को इंतजार था. ‘यह चुनाव छोटे जरूर थे लेकिन इसके मायने बड़े हैं.’ आइए हम आपको बताते हैं यह चुनाव परिणाम क्यों महत्वपूर्ण रहे. कड़ाके की ठंड के बीच मंगलवार को कश्मीर की सियासत गरमाई रही, क्योंकि जिला विकास परिषद के परिणाम घोषित किए जा रहे थे. मोदी सरकार के घाटी से ‘अनुच्छेद 370‘ हटाने के सवा साल बाद आयोजित हुए इन चुनाव पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई थी.

आठ चरणों में हुए इस चुनाव में लड़ाई सिर्फ सियासत की नहीं बल्कि लड़ाई जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े मुद्दे की थी. बम, बारूद और गोली से दूर स्वतंत्र साफ सुथरा चुनाव कराने की भी थी. ये चुनावी लड़ाई भारतीय जनता पार्टी और जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों के बीच सीधी टक्कर की थी. चुनाव नतीजों के आने के साथ ही इन सवालों का स्पष्ट जवाब जम्मू-कश्मीर की जनता ने दे दिया है.

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जम्मू कश्मीर में 280 सीटों के लिए जिला विकास परिषद चुनाव में पहले चरण का मतदान 28 नवंबर को हुआ था और 8वें व अंतिम चरण का मतदान 19 दिसंबर को हुआ. सबसे बड़ी बात यह रही कि कश्मीर में यह चुनाव बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित किए गए. बता दें कि बीजेपी के खिलाफ 7 दलों ने ‘गुपकार गठबंधन’ बनाकर एक साथ चुनाव लड़ा. गुपकार गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस, आवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपल्स मूवमेंट के साथ सीपीआई और सीपीएम शामिल हैं.

मालूम हो कि गुपकार गठबंधन वह है जो अभी 2 महीने पहले फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने घाटी की कई छोटी पार्टियों के साथ मिलकर बनाया है. कश्मीर घाटी में हुए इन चुनावों के परिणामों के बाद भले ही गुपकार गठबंधन को सबसेे ज्यादा सीटें मिली हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी के मुस्कुराने की वजह बड़ी हैै, क्योंकि बतौर राजनीतिक दल बीजेपी यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. दूसरी ओर जम्मू संभाग में भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है. बता दें घाटी में अपनी प्रतिष्ठा बचाए रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने इन चुनावों में काफी जान फूंकी थी.

कश्मीर में पहली बार कमल खिलाने में सफल रही भाजपा-

कश्मीर के चुनाव परिणाम को देखकर राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी आलाकमान इस बात से जरूर उत्साहित है कि घाटी में पहली बार कमल खिल गया है. इस चुनाव में पहली बार मुस्लिम बहुल इलाके में बीजेपी को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई है. भाजपा ने श्रीनगर, पुलवामा और बांदीपोरा में तीन सीटें जीती हैं. ये एक बड़े बदलाव का संकेत है. जम्मू क्षेत्र में बीजेपी 10 में से 6 जिलों में बहुमत हासिल कर चुकी है. यही नहीं भाजपा नेताओं का दावा है कि सिंगल पार्टी के तौर पर देखा जाए तो वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

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जम्मू-कश्मीर की 280 सीटों के जिला विकास परिषद सदस्य के चुनाव में स्थानीय पार्टियों के गुपकार गठबंधन को 112 सीटें, बीजेपी को 74, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी को 12, कांग्रेस 26 सीटें जीतकर तीसरे नंबर पर है, वहीं बसपा को भी एक सीट मिली, जबकि निर्दलीय आश्चर्यजनक रूप से 49 सीटें जीतने में कामयाब रहे हैं. ऐसे में गुपकार गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं. बता दें कि जिला विकास परिषद का चुनाव परिणाम जम्मू-कश्मीर के लिए बेहद खास है. दरअसल अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने से पहले जम्मू और कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली (ग्राम स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय, जिला स्तरीय) नहीं थी. इन चुनाव के जरिए जम्मू के 10 और कश्मीर घाटी के 10 यानी कुल 20 जिलों में डीडीसी का गठन होगा.

उमर – महबूबा और भाजपा के नेता चुनाव परिणामों को बता रहे अपने-अपने पक्ष में

जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद के आए चुनाव नतीजों को उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ भाजपा के नेता भी अपने पक्ष में बता रहे हैं. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने गुपकार के हक में वोट दिया है और केंद्र द्वारा जिस तरह गलत तरीके से अनुच्छेद 370 को हटाया गया उसे पूरी तरह नकार दिया गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने इन चुनावों को रेफरेंडम नहीं बनाया, न ही हमने अधिक कैंपेन किया फिर भी लोगों ने हमारा साथ दिया है. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि डीडीसी चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर ने गुपकर के पक्ष में वोट दिया है और अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र के फैसले को खारिज किया.

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दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी को घाटी में पहली बार परचम लहराने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि श्रीनगर से भाजपा के तीन उम्मीदवारों को जीत मिली है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह सत्यापित करता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को केंद्र शासित प्रदेश के विकास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण पर भरोसा है. दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने घाटी में बीजेपी का खाता खुलने पर कहा कि जनता ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर पूरा भरोसा जताया है.

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