ना दस्तावेज, ना बायोमीट्रिक, ऐप के जरिए होगी NPR के लिए जनगणना

मोदी कैबिनेट में हुआ फैसला, पूरी प्रक्रिया के लिए जारी हुआ 8700 करोड़ से अधिक का फंड, दो नई परियोजनाओं को भी मिली मंजूरी

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप (NRC) के खिलाफ देशभर में मचे घमासान के बीच मोदी सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के नवीनीकरण को सरकार की हरी झंडी मिल गई है. मंगलवार को को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी. NPR (National Population Register) के अपडेशन के लिए 3,941.35 करोड़ और पूरी प्रक्रिया के लिए केंद्र ने 8,754.23 करोड़ रुपए का फंड को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद की मंजूरी दे दी है. मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी.

प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अभी तक अंग्रेजों के जमाने वाली जनगणना होती है लेकिन इस बार नई तकनीक से जनगणना होगी. यह स्व-घोषणा है जिसके लिए कोई दस्तावेज, बायोमीट्रिक व अन्य की आवश्यकता नहीं है. जनगणना के लिए विशेष तरह से एप तैयार किया गया है. जनगणना में कोई भी दस्तावेज देने की जरुरत नहीं होगी. एनपीआर के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा. एनपीआर के जरिए लोगों का सरकारी योजनाओं की पहुंच असली लाभार्थियों तक पहुंचाने का भी मकसद है.

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एनपीआर का पूरा नाम नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (National Population Register) है. देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना इसका मुख्य लक्ष्य है. जनसंख्या रजिस्टर का मतलब है कि इसमें किसी गांव या ग्रामीण इलाके या कस्बे या वार्ड या किसी वार्ड या शहरी क्षेत्र के सीमांकित इलाके में रहने वाले लोगों का विवरण शामिल होगा. रजिस्टर नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. कोई भी व्यक्ति जो 6 महीने या उससे अधिक समय से किसी इलाके में रह रहा हो तो उसे नागरिक रजिस्टर में जरूरी रजिस्ट्रेशन कराना होता है.

गौरतलब है कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 2010 में एनपीआर बनाने की पहल शुरू हुई थी. तब 2011 में जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था. आजादी के बाद 1951 में पहली जनगणना करवाई गई. प्रत्येक 10 साल में होने वाली जनगणना अब तक 7 बार करवाई जा चुकी है. अभी 2011 में की गई जनगणना के आंकड़े उपलब्ध हैं और 2021 की जनगणना पर काम जारी है. (National Population Register)

अटल के नाम पर दो परियोजनाओं को मंजूरी

प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के नाम पर दो परियोजनाएं शुरू होगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चिन्हित क्षेत्रों में 5 वर्षों की अवधि के लिए 6000 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ अटल भुज योजना (ATAL JAL) को मंजूरी दी. कल से अटल योजना की शुरुआत होगी. केंद्रीय प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अटल टनल मनाली से लेह तक बनाने की योजना 2005 में शुरू हुई थी. इसका 80 पर्सेंट काम पूरा हो चुका है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वदेश दर्शन योजना में 2018-19 के दौरान स्वीकृत 10 परियोजनाओं के लिए 627.40 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी है. सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के सृजन को मंजूरी दे दी है. रक्षा स्टाफ के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाने वाला अधिकारी होगा और सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख भी होगा.

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