हमारे साथ नहीं हुआ न्याय, पिछली बाड़ेबंदी में जो वादे किए थे नहीं हुए पूरे, वोट कांग्रेस को ही देंगे- खिलाड़ी

कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 35 दिन जब बाड़ेबंदी हुई तो यह कहा गया था कि हर विधायक को सम्मान मिलेगा. कोई विधायक केवल विधायक नहीं रहेगा, लेकिन सवा साल तक किसी ने नहीं पूछा कि तुम्हारे क्या हाल हैं?

अब खिलाड़ी ने खोला CM गहलोत के खिलाफ मोर्चा
अब खिलाड़ी ने खोला CM गहलोत के खिलाफ मोर्चा

Politalks.News/Rajasthan/Rajyasabha. प्रदेश की 4 सीटों पर 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार के खिलाफ जयपुर में मोर्चा खोलकर बैठे 6 कांग्रेसी विधायकों ने बीते रोज गहलोत सरकार में मंत्री राजेन्द्र गुढा के आवास पर ही डेरा डाले रखा. यहां तक कि रात का डिनर भी सभी विधायकों ने साथ में ही किया. इस बीच कल दिनभर नाराज विधायकों ने एक एक कर मीडिया के सामने गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला. इसी कड़ी में वरिष्ठ नेता और हाल ही में राजनीतिक नियुक्तियों के दौरान एससी आयोग के अध्यक्ष वाली लॉलीपॉप ले चुके कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी शुक्रवार को नाराजगी जताते हुए कहा कि 35 दिन जब बाड़ेबंदी हुई तो यह कहा गया था कि हर विधायक को सम्मान मिलेगा. कोई विधायक केवल विधायक नहीं रहेगा, लेकिन सवा साल तक किसी ने नहीं पूछा कि तुम्हारे क्या हाल हैं?

मंत्रीपद की उम्मीद लगाए बैठे बेचारे विधायक खिलाड़ी बैरवा ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि अगर ऐसे ही कैबिनेट रिशफलिंग करनी थी, तो पहले ही कर देते, इसमें इतनी देरी क्यों की गई ? खिलाड़ी बैरवा ने कहा की सरकार बचाने में उन सभी विधायकों का रोल था, जो 34 दिन होटल में रहे. ऐसे में जो पहले से मंत्री थे, उन्हीं को प्रमोशन करके आगे भेज दिया गया तो बाकी बचे विधायकों का जुर्म क्या था? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए खिलाड़ी बैरवा ने कहा कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ, जो वादे किए गए थे वह पूरे नहीं हुए, इसी के चलते पीड़ा है. हालांकि गहलोत खेमे के माने जाने वाले विधायक खिलाड़ी बैरवा ने यह भी कहा कि हम पक्के कांग्रेसी हैं, वोट कांग्रेस को ही देंगे, लेकिन यह पीड़ा मेरी अकेले की नहीं है, कई साथियों की है. हमारे साथ सही नहीं किया गया. हमने हमारी पीड़ा बता दी है, लेकिन राज्यसभा में वोट कांग्रेस को ही देंगे.

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वरिष्ठ विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा अपनी नाराजगी जताते हुए आगे कहा कि सबको पता है कि बाड़ेबंदी में कौन-कौन नेता थे? जिन्होंने वादे किए थे और अब वही चुनाव लड़ने के लिए आ गए हैं. अगर 3 में से एक भी प्रत्याशी राजस्थान का होता, तो हमें अच्छा लगता. यह बात हम जैसे कुछ लोग बोल रहे हैं और कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. लेकिन पीड़ा सबके दिलों में है. खिलाड़ी बैरवा ने कहा कि हम पार्टी के वफादार सिपाही हैं. लेकिन गुलाम नहीं है, हमारा भी सम्मान होना चाहिए, हमें जिस मौके पर बात रखनी होगी वह जरूर रखेंगे.

हाल ही में एससी आयोग के अध्यक्ष बने खिलाड़ी लाल बैरवा ने पहली बार 4 शेड्यूल कास्ट के कैबिनेट मंत्री बनाए जाने पर भी कहा कि किस बात की संतुष्टि हमें होगी? जबकि हमारी जनसंख्या ज्यादा है और एसटी वर्ग की जनसंख्या कम. उसके बावजूद एसटी के पांच मंत्री बनाए गए, जबकि हमारे दो मंत्री और बनाए जाने चाहिए थे. उन्होंने कहा कि किस बात की वाहवाही लूटी जा रही है? क्या बना दिए सबको मालूम है. किसी से भी पूछ लें जो बने हैं. उनकी हैसियत क्या है? बैरवा ने कहा कि जब तक स्वतंत्र प्रभार और स्वतंत्र लोगों को पद नहीं मिलेंगे, कुछ नहीं हो सकता.

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वहीं ब्यूरोक्रेसी पर भी जमकर हमला बोलते हुए विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि अभी तीन मंत्री धौलपुर गए थे, लेकिन एसपी उनसे मुलाकात तक नहीं करने पहुंचे. क्या मजाक है? ऐसे अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करना चाहिए. खिलाड़ी बैरवा ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी अगर शेड्यूल कास्ट की जमीन पर कोई काबिज है और प्रशासन उसे उठा नहीं पा रहा केवल फॉर्मेलिटी पूरी कर रहा है तो इसका क्या फायदा? बैरवा ने कहा कि एससी के पास एक दो बीघा जमीन होती है उस पर भी कोई और कब्जा कर ले तो उस गरीब का क्या होगा? इसके साथ ही उन्होंने पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि 60 फीसदी एट्रोसिटी केस के मामलों में एफआर लग रही है. पुलिस कह रही है कि यह मामले झूठे हैं.जबकि सामाजिक परंपराओं में रहने वाला शेड्यूल कास्ट का व्यक्ति अगर गांव के पंच पटेल के कहने पर समझौता कर लेता है तो वह झूठा कैसे हुआ?

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