पॉलिटॉक्स ब्यूरो. कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सुर अपनी ही सरकार के लिए फिर से तेज हो रहे हैं. गुरुवार को उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी में नई सोच, नई विचारधारा और नई कार्यप्रणाली की जरूरत बताई. आज उन्होंने कांग्रेस के मेनिफेस्टो का एक भी वादा अधूरा रहने की स्थिति में सड़कों पर उतरने की बात कही. वहीं भिंड में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने भी किसान कर्जमाफी वादे के अनुसार न होने की बात को स्वीकारा.

टीकमगढ़ की एक सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेनिफेस्टो हमारे लिये ग्रंथ है. अगर मेनिफेस्टो का एक भी वादा अधूरा रहा तो मैं खुद सड़कों पर उतरूंगा. उन्होंने कहा कि सब्र रखना. अगर मेनिफेस्टो का एक भी अंक पूरा नहीं हुआ तो आप सड़क पर अपने को अकेला ना समझना. आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी खड़ा होगा. उन्होंने कहा कि अभी सरकार को एक साल हुआ है. आप चिंता मत करो. आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और तलवार भी मैं बनूंगा.

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गेस्ट शिक्षकों को नियमित करने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि थोड़ा इंतजार हमारे शिक्षकों को करना होगा. उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव से पहले आप की आवाज उठाई थी और यह विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग हमारी सरकार के मेनिफेस्टो में अंकित है.

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इससे पहले गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली चुनाव में हार को निराशाजनक बताते हुए पार्टी में नई सोच, नई विचारधारा और नई कार्यप्रणाली की जरूरत बताई. सिंधिया ने कहा कि देश बदल चुका है और आज इस परिप्रेक्ष्य में हमको भी अपनी सोच और विचारधारा के साथ मिलकर देश की जनता के सामने जाना होगा. अगर वो हमारा उद्देश्य है तो लोकसभा चुनाव के बाद कई राज्यों में हमें जीत भी हासिल हुई है हमारे सहयोगी दलों के साथ, चाहे वो झारखंड हो या महाराष्ट्र हो, लेकिन दिल्ली का जो परिणाम है, वो बहुत निराशाजनक है… इसमे कोई दो राय नहीं है. नई सोच, नई विचारधारा और नई कार्यप्रणाली की कांग्रेस को सख्त जरूरत है.

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वहीं मध्यप्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने भिंड जिले के मेंहगांव में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान ये माना कि राहुल गांधी द्वारा चुनावों में मध्यप्रदेश के किसानों से किया ऋण माफी का वादा सरकार पूरा नहीं कर सकी. गोविंद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने दस दिनों के अन्दर किसानों का दो लाख रूपये तक का कर्जा माफ करने का वचन दिया था, लेकिन उनकी सरकार अपने नेता के इस वादे को समय रहते पूरा नहीं कर पाई और विपक्ष लगातार सरकार पर किसानों से वादा खिलाफी का आरोप लगा रही है. हालांकि मंत्री गोविंद सिंह ने इसके लिये पूर्व की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए प्रदेश का खजाना नई सरकार के लिए खाली छोड़ने की बात कही.

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