गहलोत बोले सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जाएगा पूरा ख्याल, जानिए कैसा होगा मॉडिफाइड लॉकडाउन

प्रदेश में 21 अप्रैल से शुरू होगा मॉडिफाइड लॉक डाउन, प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए अधिकारियों को दी जिम्मेदारी, सभी प्रकार के मरीजों को मिले इलाज, संकट में हैं उद्योग, मदद पहुंचाए केन्द्र एफसीआई से सीधा गेहूं उठा सकेंगी आटा मिलें

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में बढते कोरोना संक्रमण और कोरोना की रोकथाम सहित सरकार द्वारा लिए जा रहे अन्य महत्वूर्ण निर्णयों की जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को वीडियों कांफ्रेस के जरिए पत्रकारों से मुखातिब हुए. इस दौरान सीएम गहलोत ने 21 अप्रैल से प्रदेश में लागू होने वाले मॉडिफाइड लॉकडाउन पर जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मॉडिफाइड लॉकडाउन मेें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जाए. सीएम गहलोत ने बताया कि किसी भी तरह की लापरवाही से संक्रमण बढ़ सकता है. ऐसे में हमारा प्रयास रहेगा कि लोगों की तकलीफें कम हों लेकिन साथ ही संक्रमण और बढ़ने का खतरा भी पैदा नहीं हो.

मुख्यमंत्री गहलोत ने वीसी के जरिए पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि जयपुर के चारदीवारी सहित प्रदेश के हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाकर उन्हें पूरी तरह सील किया गया है और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. चारदीवारी सहित सभी हॉट स्पॉट पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में टेस्टिंग की जा रही है. यही वजह है कि पॉजिटिव केस अधिक संख्या मेें सामने आ रहे हैं. इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा केस ऐसे होते हैं जिनमें लक्षण दिखाई नहीं देते और टेस्टिंग के बाद ही पॉजिटिव का पता चलता है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे बताया कि ज्यादा टेस्टिंग से पॉजिटिव मरीजों का पता शुरूआती दौर में ही चल जाता है और उनका इलाज भी संभव हो जाता है. इसके साथ ही दूसरों में संक्रमण फैलने से रोकने में भी मदद मिलती है. सीएम गहलोत ने कहा कि जयपुर की चारदीवारी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई पॉजिटिव मरीज इलाज के बाद नेगेटिव हुए हैं और उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है. अभी तक सिर्फ 10 कोरोना मरीजों को ही आईसीयू में रखने की नौबत आई है और अन्य मरीजों को अभी आईसीयू की जरूरत नहीं है.

आगे मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी बताया कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने का कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ किया जा रहा है. प्रदेश में बड़े स्तर पर सैम्पल कलेक्शन, टेस्टिंग एवं इलाज की पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं. इस दौरान सीएम गहलोत ने क्वारेंटाइन किए गए लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे घबराए नहीं, उनके लिए सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर्स पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं ताकि उन्हें कोई तकलीफ नहीं हो.

प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए अधिकारियों को दी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दूसरे राज्यों में राजस्थान के प्रवासी मजदूर एवं अन्य लोग अभी हैं उनके भोजन एवं राशन की व्यवस्था के सम्बन्ध में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है. इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को इस सम्बन्ध में दूसरे राज्यों के अधिकारियों के साथ निरंतर सम्पर्क में रहने और प्रवासियों की समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अन्य राज्यों से कई प्रवासी मजदूरों एवं जरूरतमंद लोगों ने इन अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित किया है.

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सभी प्रकार के मरीजों को मिले इलाज

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि सामान्य एवं गंभीर बीमारियों को लेकर अस्पताल पहुंचने वाले लोगों का समुचित इलाज करने के निर्देश सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों को दिए गए हैं. हमें जाति, धर्म एवं राजनीति से उपर उठकर इस महामारी से हमें मिलकर मुकाबला करना है. हर चुनौती को अवसर में बदलने की सोच के साथ प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है. लैब, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई गई है.

संकट में हैं उद्योग, मदद पहुंचाए केन्द्र

उद्योगों पर आए संकट और बोलते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण छोटे-बड़े उद्योगों के अस्तित्व पर संकट आ गया है. ऐसे में उन्हें जिंदा रखने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के सम्बन्ध में मैंने प्रधानमंत्री से दो बार हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अनुरोध किया था. फैक्ट्रियों के बंद होने से मजदूरों की स्थिति चिंताजनक हो गई है. ऐसे में भारत सरकार द्वारा समुचित कदम उठाए जाने चाहिए. सीएम गहलोत ने उम्मीद जताई कि 20 अप्रैल के बाद फैक्ट्रियों में काम शुरू हो सकेगा. ऐसे में जो मजदूर प्रदेश में रूके हुए हैं उन्हें फिर से रोजगार मिल जाएगा.

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एफसीआई से सीधा गेहूं उठा सकेंगी आटा मिलें

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे बताया कि हमने प्रदेश में आटा मिलों को एफसीआई के गोदामों से सीधा गेहूं उठाकर पीसकर आटा तैयार करने की व्यवस्था कर दी है. अब राशन वितरित करने वाले समाज सेवी एवं स्वयंसेवी संस्थाएं असहाय एवं निराश्रितों को गेहूं की बजाय आटा वितरित कर सकेंगे. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश के एक-एक व्यक्ति और एक-एक परिवार का ख्याल रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है और इसे पूरी तरह से निभाते हुए हमारी सरकार कोविड-19 महामारी का मुकाबला कर रही है. ऐसे समय में भी मीडियाकर्मी आमजन तक सूचनाएं पहुंचाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं. मेरी अपील है कि वे स्वयं का ध्यान रखने के साथ ही अपने परिवार का भी ध्यान रखें.

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