विशेष: गोवा में पक रही ‘सियासी खिचड़ी’, कांग्रेस को धुरी बना पवार दे रहे हैं महागठबंधन को आकार

गोवा में महागठबंधन की तैयारी, चुनाव में कांग्रेस की स्थिति मजबूत देख TMC ने बढ़ाया हाथ, सियासी दिग्गज शरद पवार रच रहे हैं बड़ी पटकथा, 6 पार्टियों को एक साथ लाने की तैयारी, अगर सफल होता है पवार का पायलट प्रोजेक्ट तो देश की राजनीति में किया जाएगा लागू

क्या पवार का सपना होगा साकार?
क्या पवार का सपना होगा साकार?

Politalks.News/GoaElection. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) का घमासान चरम पर पहुंच चुका है. सभी की नजरें उत्तरप्रदेश पर टिकी है वहीं दूसरी ओर क्षेत्रफल की दृष्टि से एक और सियासी खिचड़ी पक रही है, अगर यह पकती है तो देश की राजनीतिक दिशा बदल सकती है. सियासी चर्चा है कि गोवा में विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन (Mahagathbandhan) बन सकता है. जिसकी धुरी कांग्रेस होगी और इस सियासी खिचड़ी को पका रहे हैं सियासी दिग्गज और एनसीपी सुप्रिमो शरद पवार (sharad panwar). आने वाले एक दो दिन में इस पर मुहर लग सकती है. क्योंकि गोवा में 14 फरवरी को मतदान होना है. इसलिए विपक्षी पार्टियों को जो भी फैसला करना है वह एक-दो दिन के अंदर ही करना होगा. मौजूदा हालात में ऐसा लग रहा है कि अगर कांग्रेस (Congress) ने तृणमूल कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और सीटों के बंटवारे पर ज्यादा समस्या नहीं आई तो विपक्ष का एक महागठबंधन बन जाएगा, जिसमें अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी को छोड़ कर बाकी सभी पार्टियां होंगी. सियासी जानकारों का कहना है कि अगल पवार का गोवा का पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो वो उसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी करेंगे.

सूत्रों की मानें तो गोवा में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात को देख कर तृणमूल कांग्रेस ने अपनी ओर से कांग्रेस से बात की है और गठबंधन का प्रस्ताव दिया है. राज्य की चुनाव प्रभारी और टीएमसी की सांसद महुआ मोईत्रा ने खुद कहा है कि, ‘पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कांग्रेस के टॉप नेताओं के संपर्क में है. इसकी असल वजह यह बताई जा रही है कि पिछले कुछ दिनों में तृणमूल की स्थिति कमजोर हुई है. कांग्रेस के जो नेता पार्टी छोड़ कर तृणमूल में गए थे, उनमें से कई नेताओं ने कांग्रेस में घर वापसी कर ली है. वहीं भाजपा सरकार में मंत्री माइकल लोबो भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, जिनका कैथोलिक वोटों पर खासा प्रभाव है. इसके बाद कांग्रेस की संभावना मजबूत दिखने लगी है और यही कारण है कि कांग्रेस की धुरी पर महागठबंधन बनाने का प्रयास चल रहा है.

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आपको बता दें कि यहां कांग्रेस ने पहले से गोवा फॉरवर्ड पार्टी से तालमेल किया हुआ है और उधर तृणमूल कांग्रेस और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के बीच तालमेल है. अगर ऐसे में कांग्रेस और टीएमसी साथ आते हैं तो दोनों प्रादेशिक पार्टियां ऑटोमेटिक रूट से गठबंधन का हिस्सा बन जाएंगी. कांग्रेस की बातचीत अभी शरद पवार की पार्टी एनसीपी के साथ चल रही है. जानकार सूत्रों की मानें तो शरद पवार अपनी पार्टी के साथ तालमेल की बात तो कर ही रहे हैं साथ ही तृणमूल कांग्रेस को भी विपक्ष के गठबंधन में लाने की बातचीत कर रहे हैं. अगर शरद पवार की रणनीति कामयाब होती है तो गोवा में पांच पार्टियों का मजबूत महागठबंधन बन जाएगा.

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वहीं शिव सेना के नेता भी गोवा में प्रचार के लिए पहुंच गए हैं और चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. कोंकण के इलाके में शिवसेना का असर है और वह गोवा में कुछ सीटों को प्रभावित करने की क्षमता रखती है. अगर कांग्रेस और पवार शिवसेना को साथ आने के लिए तैयार करते हैं तो विपक्ष का गठबंधन छह पार्टियों का हो जाएगा और दूसरी ओर भाजपा अकेले लड़ेगी. इस आमने-सामने के मुकाबले में आम आदमी पार्टी के लिए कोई जगह नहीं है. ऐसे में आप की स्थिति पिछली बार की तरह ही होगी, जब वह कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी.

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