दीया पॉलिटिक्स: राहुल-थरूर का विरोध तो ममता ने बोलने से किया इनकार, मोदी ने शेयर की ‘आओ दीया जलाएं’ कविता

महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने की अपील तो राहुल गांधी ने कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को बताया नाकाफी, शशि थरूर ने पीएम को कहा प्रधान शोमैन, प्रियंका ने जताई पॉवर ग्रीडस पर चिंता तो टीएमसी सांसद ने सच्चाई का सामना करने को कहा

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पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना से जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनिट तक दीये, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल की फ़्लैश लाइट जलाने की अपील ने देश में कुछ दिनों से जारी राजनीति के लॉक डाउन को तोड़ दिया है. पीएम मोदी की दीये जलाने की अपील का जहां राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना की समस्या आसमान में हल नहीं होगी तो वहीं प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर बोलने से मना करते हुए की मैं कोरोना से लड़ूं या इस मुद्दे पर राजनीति करूँ.

वहीं पी. चिदंबरम ने पी मोदी को अर्थशास्त्रियों की भी बात सुनने की सलाह दी तो सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी को प्रधान शो-मैन की उपाधि दे दी. इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीटर पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की ‘आओ दिया जलाएं‘ वाली कविता शेयर करते हुए बिना कुछ बोले दीया जलाने का संदेश दिया.

बात करें राहुल गांधी की तो कांग्रेस के वायनाड सांसद और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 से लड़ने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को नाकाफी बताया. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त परीक्षण नहीं कर रहा है. लोगों से ताली बजवाना और आकाश में रोशनी चमकाना समस्या का समाधान नहीं है.

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इसी तरह ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी की अपील पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी के मामलों में नहीं पड़ती. अभी मैं राजनीति करूं या कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकूं? आप लोग क्यों राजनीतिक जंग कराना चाहते हैं? जिनको मोदी की बात सही लगे, वे मानें. अगर मुझे सोना होगा तो मैं सोऊंगी. यह बिल्कुल निजी मामला है.

वहीं प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पॉवर ग्रिडस एवं इंजीनियरों की चिंता पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है. प्रियंका ने कहा कि जब देश कोरोना के खिलाफ युद्ध में एकजुटता का इजहार कर रहा है, आशा है कि केंद्र सरकार द्वारा पॉवर ग्रिडस एवं इंजीनियरों की चिंताओं का भी ध्यान रखा जा रहा है, ताकि संकटकाल में और जरूरत के समय बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न हो. दरअसल महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री के अनुसार, एक साथ लाइट बंद करने से पावर ग्रिड फैल हो सकती है और ब्लैक आउट का खतरा हो सकता है.

इधर पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा कि हम आपकी सुनेंगे और 5 अप्रैल को दीया भी जलाएंगे लेकिन बदले में आप भी अर्थशास्त्रियों की बात सुनें. आज हम आपसे उन गरीबों के लिए एक सहायता पैकेज की उम्मीद कर रहे थे, जिसे वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने नजरअंदाज कर दिया था.

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वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘प्रधान शोमैन को सुना. उन्होंने लोगों की पीड़ा, बोझ और वित्तीय चिंताओं को लेकर कुछ नहीं कहा. यह सिर्फ फोटो-ऑप प्रधानमंत्री द्वारा तैयार किया गया फील-गुड मोमेंट था’. कांग्रेस नेता ने कहा ‘मोदी जी तर्क का दीया जलाएं, अंधविश्वास का नहीं’.

वहीं महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने लोगों ने लाइट न बंद करने को कहा. राउत ने कहा कि एक साथ लाइट बंद करने से पॉवर ग्रिड फेल होने का खतरा है इसलिए लोग माेमबत्ती या दीया तो जलाएं, लेकिन लाइट बंद न करें.

इसी क्रम में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी की अपील पर कहा, ‘लाइट बंद करके बालकनी में आएं? मोदी जी, सच्चाई का सामना करें. भारत की जीडीपी को 8-10% तक लाएं. लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के लिए तत्काल मजदूरी सुनिश्चित कीजिए. फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के नाम पर असली प्रेस को रोकना बंद करें’.

वहीं, बंगाल के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि देश को मोदी से कुछ दिशा की उम्मीद है. दीया जलाएंगे और कोरोना वायरस को खत्म करेंगे.

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गौरतलब है कि शुक्रवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 5 अप्रैल को कोरोना संकट के अंधकार को चुनौती देने लिए अपने घरों की सभी लाइटें बंद करके दिया जलाने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि हमें प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है. रविवार को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण है. घर की सभी लाइटें बंद कर, दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं.

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