रेपकांड की हो CBI जांच, पुलिस का यूटर्न चौंकाने वाला, CM क्यों नहीं छोड़ रहे गृह मंत्रालय का मोह- पूनियां

अलवर रेपकांड पर तेज हुई सियासत, भाजपा ने की CBI जांच की मांग, 17-18 जनवरी को बीजेपी प्रदेशभर में करेगी प्रदर्शन, पूनियां ने प्रेसवार्ता कर कांग्रेस और गहलोत सरकार पर साधा निशाना, पुलिस के यूटर्न पर उठाए सवाल, बोले-'यूपी और पंजाब चुनाव के कारण तो यूटर्न नहीं? कांग्रेस आलाकमान के आंख, नाक और कान पिछले 3 साल से बंद, राजस्थान सरकार कमजोर, लाचार और बेबस, सीएम गहलोत ने क्या अनर्थ कर दिया की वो गृह मंत्रालय का नहीं छोड़ रहे मोह'

CM क्यों नहीं छोड़ रहे गृह मंत्रालय का मोह- पूनियां
CM क्यों नहीं छोड़ रहे गृह मंत्रालय का मोह- पूनियां

Politals.News/Rajasthan. राजस्थान (Rajasthan) में अलवर रेपकांड (Alwar Gang Rape) को लेकर सियासत प्रचंड होती जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने मामले में विपक्ष को राजनीति नहीं करने और जांच रिपोर्ट आने से पहले बयानबाजी नहीं करने सलाह दी है तो भाजपा इस मामले को लेकर कांग्रेस सरकार पर जबरदस्त हमलावर है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां (Satish Poonia) ने अलवर रेप कांड मामले की CBI जांच की मांग की है. पूनियां ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि राजस्थान सरकार और पुलिस का इकबाल खत्म हो चुका है. नाबालिग मूकबधिर बच्ची के साथ हुई इस घटना ने राजस्थान को शर्मसार किया. पूनियां ने यह भी कहा कि, ‘अलवर पुलिस अधीक्षक और सरकार का यू-टर्न और रेप नहीं मानने का बयान चौंकाने वाला है’. पूनियां ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर 17-18 जनवरी को सड़कों पर उतरने की बात कही है.

‘सीबीआई जांच की मांग को लेकर 17-18 जनवरी को सड़कों पर उतरेगी भाजपा’
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘अब प्रदेश की गहलोत सरकार इस केस को सीबीआई को सुपुर्द करती है या नहीं, उससे सब साफ हो जाएगा. लेकिन कांग्रेस की सरकार पर दबाव बनाने के लिए भाजपा सड़कों पर उतरेगी. 17-18 जनवरी को प्रदेशभर में बीजेपी मंडल स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी. जब तक सीबीआई जांच के लिए सरकार तैयार नहीं हो जाती, बीजेपी इस मांग को उठाती रहेगी’.

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‘सरकार और पुलिस ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल को नहीं मिलने दिया प्रियंका से’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘बीजेपी ने अपने प्रतिनिधिमंडल के जरिए पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात की थी. लड़की हूं लड़ सकती हूं का लुभावना नारा प्रियंका गांधी ने दिया था, इसलिए उनसे उम्मीद थी कि वो इस संवेदनशील मामले में अपनी पार्टी की प्रदेश सरकार को एक्शन लेने के लिए कहतीं, लेकिन उनका रवैया विपरीत रहा. पूनियां ने कहा कि बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल सवाईमाधोपुर में उन्हें राजस्थान की बिगड़ी कानून व्यवस्था की जानकारी देने गया था, लेकिन सरकार और पुलिस ने बीजेपी नेताओं को उनसे मिलने नहीं दिया’.

‘पुलिस का यू टर्न सवालों के घेरे में’

सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी परिवार के साथ रणथम्भौर में अपना जन्मदिन मनाने आई. गांधी परिवार को रिद्धि-सिद्धि की अटखेलियां भाईं. बुधवार को यह एक सुर्खियां भी बनीं. दूसरी खबर 15 साल की नाबालिग बच्ची के प्राइवेट पार्ट को डैमेज करते हुए एक दर्दनाक घटना को लेकर पुलिस की तरफ से आई, जिसका 3 घंटे ऑपरेशन चला. यही नहीं सर्जरी करने वाले डॉक्टर्न ने कहा- भगवान ना करें हमें जिन्दगी में ऐसी कोई सर्जरी दोबारा करनी पड़े. देशभर में यह खबर सुर्खी बनी और पूरा प्रदेश सकते में आ गया. लेकिन शुक्रवार को अचानक अलवर पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कांफ्रेंस कर दुष्कर्म के कोई सुबूत नहीं होने की बात कही, जबकि इससे पहले सरकार के मंत्री पीड़िता का हाल जानने गए.

‘गठित SIT की रिपोर्ट आने से पहले पुलिस का यूटर्न खड़े करता है सवाल
सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘गहलोत सरकार ने बलात्कार के मुआवजे के रूप में उसके परिजनों को साढ़े 3 लाख रुपए दिए. एसआईटी गठित की गई. उसकी रिपोर्ट आने से पहले ही पुलिस का यू-टर्न सवाल खड़े करता है. क्या प्रियंका गांधी को इस जलालत से बचाने के लिए यू-टर्न हुआ?

‘यूपी और पंजाब चुनाव के कारण तो यूटर्न नहीं?’

सतीश पूनियां ने सवाल उठाया कि, ‘क्या कांग्रेस की अलग-अलग प्रदेशों के हिसाबों से अलग-अलग सियासत है. राजनीतिक पर्यटन, सुर्खियां बटोरने और ट्वीटर पर राजनीति करने वाले कांग्रेस नेताओं से सवाल है- क्या यूपी और पंजाब चुनाव के कारण कार्रवाई को यू-टर्न दिया जा रहा है? जिस तरह प्रियंका गांधी ने बिल्कुल उलटा एक्ट किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुप्पी साधी, वो क्या इशारे करती है.

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‘अलवर कलेक्टर की भाषा फ्रस्टेशन वाली’

अलवर कलेक्टर की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘जब स्कूल-कॉलेज की छात्राएं शिकायत करने पहुंचीं, तो कलेक्टर ने उनके पेरेंट्स के मोबाइल फोन नम्बर मांगे. यह सरकारी दबाव और बचाव की भाषा में फ्रस्ट्रेशन था. इसलिए राजस्थान की पुलिस और प्रशासन से पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है’. आपको बता दें, सोशल मीडिया पर अलवर कलेक्टर का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो रेपकांड के मामले में प्रदर्शन करनी पहुंची एक बालिका से सवाल जवाब कर रहे हैं.

‘कांग्रेस आलाकमान के आंख, नाक और कान पिछले 3 साल से बंद’

गहलोत सरकार और कांग्रेस आलाकमान को आड़े हाथ लेते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘राजस्थान के मसले में कांग्रेस आलाकमान के आंख, नाक, कान पिछले 3 साल से बंद हैं. राजस्थान के लिए यह बहुत शर्मनाक घटना का दोहराव हुआ है. 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भी अलवर के थानागाजी में ऐसी घटना हुई. लेकिन चुनाव के कारण उस मुद्दे को कई दिनों तक गहलोत सरकार ने दबाए रखा. पूरा देश जानता है राजस्थान जैसे पीसफुल स्टेट में अपराधों की बाढ़ आई है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार में 6 लाख से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं. 11 फीसदी हर साल अपराधों में बढ़ोतरी होना बताता है कि सरकार का इकबाल खत्म हो गया’.

‘राजस्थान सरकार कमजोर, लाचार और बेबस’

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने अशोक गहलोत का 2017 का ट्वीट याद दिलाते हुए कहा कि, ‘भाजपा सरकार के वक्त उन्होंने अपराधियों पर कार्रवाई नहीं होने से हौंसले बुलंद होने की बात कही. बीते 30 दिन की घटनाओं को देखें. उदयपुर में आदिवासी पीड़ित महिला से रेप की कोशिश, बूंदी में नाबालिग से रेप कर जंगल में फेंका, बांसवाड़ा के घाटोल में मूक-बधिक से रेप हुआ. राजस्थान में ऐसी घटनाओं से साफ है कि राजस्थान सरकार कमजोर,लाचार, बेबस है, सरकार का इकबाल खत्म हो गया है’.

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‘सीएम गहलोत ने क्या अनर्थ कर दिया की वो गृह मंत्रालय का मोह नहीं छोड़ रहे

मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘परिवार और पार्टी से ज्यादा मुख्यमंत्री ने अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश पिछले 3 साल में की है. जन घोषणा पत्र का वादा थोथा है. मुख्यमंत्री ने पुलिस की सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया. कांग्रेस पार्टी के पास गृहमंत्री के लिए कोई दूसरा काबिल व्यक्ति नहीं है‘. पूनियां ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, ‘मुख्यमंत्री ने ऐसा क्या अनर्थ कर दिया कि वो गृह मंत्रालय का मोह नहीं छोड़ रहे. कांग्रेस पार्टी में क्या कोई ऐसा काबिल आदमी नहीं है, जो राजस्थान का गृह विभाग चला सके. फुल टाइम 24 घंटे का गृहमंत्री प्रदेश को चाहिए होता है’.

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