पायलट को लेकर फिर बोले गहलोत- भूलो और माफ करो, इसमें सब बातें आ गई, जो न समझे वह अनाड़ी है

दो साल पूरे होने पर अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ पत्रकारों से रूबरू हुए सीएम गहलोत, प्रदेश भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना, सीएम गहलोत ने कहा- भगवान किसी की जिंदगी में 2020 जैसा साल नहीं दे, पायलट के सवाल पर बोले हर कार्यकर्ता ही है एसेट

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की गहलोत सरकार के दो साल पूरे होने पर आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ पत्रकारों से रूबरू हुए. इस मौके पर सीएम गहलोत ने प्रदेश भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. वहीं अपनी सरकार के विभागों का लेखा जोखा पेश करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि 2 साल में घोषणा पत्र के 50 फीसदी से ज्यादा वादे हमने पूरे किए. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि भगवान किसी की जिंदगी में 2020 जैसा साल नहीं दे.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना को हमने बेहतर ढंग से लागू किया. भारत सरकार ने सामाजिक आर्थिक जनगणना में शामिल लोगों को ही पात्र माना, लेकिन हमारी योजना में खाद्य सुरक्षा में पात्र लोगों के अलावा भी लाभार्थियों को जोड़ा. इसपर अतिरिक्त पैसा राज्य सरकार वहन कर रही है. जनवरी में महात्मा गांधी आयुष्मान बीमा योजना को लॉन्च किया जाएगा.

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इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि कि देश में दिखावे के लिए लोकतंत्र है. सीएम गहलोत ने कहा है कि भाजपा मुस्लिमों को चुनावों में टिकट तो नहीं देती, लेकिन सरकारें गिराने के लिए जरूर इस्तेमाल करती है. राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराने का भाजपा पर षडय़ंत्र करने का आरोप लगाते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान व जफर इस्लाम प्रदेश की सरकार गिराना चाहते थे. इसमें प्रदेश के चार बीजेपी नेता जो ‘बगुला भगत‘ बनते हैं वो बीजेपी नेता भी इसमें शामिल थे. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार को गिराने के लिए इन नेताओं ने क्या-क्या नहीं किया. जब हम यहां विधायकों की बैठक कर रहे थे तो हमारे लोगों पर ईडी और आयकर विभाग के छापे डलवाए जा रहे थे.

पीसी के दौरान प्रदेश प्रभारी अजय माकन के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को एसेट बताने के सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इसमें क्या गलत कहा अजय माकन ने, हर कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी का एसेट (सम्पत्ति) है. जो बड़ा कार्यकर्ता होता है, वो बड़ा एसेट होता है. वहीं सचिन पायलट मामले में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमने जैसलमेर से निकलने पर ही कहा था कि “भूलो और माफ करो’, इसमें सब बातें आ गई, आज भी वही बात है, जो न समझे, वह अनाड़ी है.”

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किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र पर संवादहीनता का आरोप लगाते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि आंदोलन से आज जनता की प्रतिष्ठा दांव पर है. जब जनता की प्रतिष्ठा नहीं रहेगी, तो नेता और सरकार की कहां से रहेगी. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए किए कामों को बताते हुए कहा कि किसान कर्जमाफी केन्द्रीयकृत बैंकों को लेकर अटकी हुई है, वहां केन्द्र सरकार राज्य की मदद करे.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि हमने जो तीन बिल बनाए वे राज्यपाल रोककर बैठे हैं. इससे पहले मॉबलिचिंग को लेकर बिल पास किया गया, वो राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए आज भी अटका हुआ है. सीएम ने कहा कि राष्ट्रपति के पास तो मुख्यमंत्रियों से मिलने तक का समय नहीं है, चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने समय मांगा, लेकिन राष्ट्रपति ने समय नहीं दिया.

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इस दौरान इशारों में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लोगों को बर्बाद कर रही है, लाखों लोगों का पैसा डूब गया, आदर्श और संजीवनी में लाखों लोगों का पैसा डूब गया. ये सब लुटेरे हैं. पैसा इकट्ठा करके भाग जाते हैं. आम लोग इनके झांसे में आने की बजाय बैंकों में ही पैसा जमा करें. डूबने के बाद पैसा वापस नहीं मिलता. राजस्थान में हम यह बीमारी खत्म करना चाहते हैं. मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार अब राज्य को मिल गया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पीएम मोदी ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा करके गए थे, लेकिन आज तक उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया. सीएम ने कहा कि 16 पेयजल परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजनाओं का दर्जा दे रखा है तो 17वीं को क्यों नहीं?

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वहीं सरकार के 2 साल पूरे होने पर पीसी में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा कि हमारी सरकार ने 2 साल में घोषणा पत्र को क्रियान्वित किया, वह काबिले तारीफ है और आगे भी शानदार काम होगा. अजय माकन ने कहा कि केंद्र सरकार 3 काले कृषि कानून लेकर आई है, इन काले कानूनों वह क्यों विरोध करते हैं, इसकी वजह है. ये काले कानून एमएसपी को कमजोर कर रहे हैं. मंडियों को कमजोर कर रहे हैं. मुनाफाखोरी को बढ़ावा देने का प्रयास है. इनसे किसान के हित प्रभावित हो रहे हैं. इन कानूनों से हमारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रभावित होगी. बफर स्टॉक प्रभावित होगा, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से मुनाफाखोरी बढ़ेगी, कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि तीनों कृषि कानून केंद्र सरकार वापस ले.