असीम कुमार घोष की जीवनी | Ashim Kumar Ghosh Biography in Hindi

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Ashim Kumar Ghosh Latest News – असीम घोष हरियाणा के राज्यपाल है. पेशे से प्रोफ़ेसर रहे असीम आरएसएस से जुड़े रहे है. भाजपा में वे नब्बे के दशक के आरम्भ में शामिल हुए थे. राष्ट्रवादी विचार वाले असीम बंगाल में भाजपा की जमीन मजबूत करने सबसे पुराने नेता माने जाते है. वह बंगाल, जहाँ कभी कम्युनिष्टो का शासन हुआ करता था और बाद में, उसी की शैली पर आधारित शासन चलाने वाली ममता बनर्जी का फिलहाल शासन है पर बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने में अब सफल हो गई है. पर इस सफलता के पीछे जो लोग रहे है, उनमें असीम घोष जैसे शिक्षाविद भी है. इस लेख में हम आपको हरियाणा के राज्यपाल असीम कुमार घोष राय की जीवनी (Ashim Kumar Ghosh Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

असीम कुमार घोष की जीवनी (Ashim Kumar Ghosh Biography in Hindi)

पूरा नाम असीम कुमार घोष
उम्र 81 साल
जन्म तारीख 1944
जन्म स्थान ब्रिटिश भारत काल में बंगाल के हावड़ा
शिक्षा एम.ए.)
कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय
वर्तमान पद हरियाणा के राज्यपाल
व्यवसाय राजनीतिक
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम
माता का नाम
पत्नी का नाम
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता
वर्तमान पता राजभवन, हरियाणा, भारत
फोन नंबर
ईमेल

असीम कुमार घोष का जन्म और परिवार (Ashim Kumar Ghosh Birth & Family)

असीम कुमार घोष का जन्म 1944 में ब्रिटिश भारत काल में बंगाल के हावड़ा में हुआ था. असीम कुमार घोष ने प्रारंभिक शिक्षा विवेकानंद संस्थान, हावड़ा से की थी. उन्होंने पहले विद्यासागर कॉलेज और फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक (बी.ए. ऑनर्स) और स्नातकोत्तर (एम.ए.) किया. असीम कुमार घोष हिन्दू है.

असीम कुमार घोष की शिक्षा (Ashim Kumar Ghosh Education)

असीम कुमार घोष ने 1974 में गुवाहाटी विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्राग्ज्योति कॉलेज से बी.ए. (स्नातक) किया.

असीम कुमार घोष का प्रारंभिक जीवन (Ashim Kumar Early Life)

असीम कुमार घोष शिक्षाविद रहे है. वे कोलकाता के मनिंद्र चंद कॉलेज में 1966 से राजनीतिक विज्ञानं के प्रोफ़ेसर रहे है. आरम्भिक दिनों में राजनीति में उनके आने की कोई जानकारी नहीं मिलती है पर वे आरएसएस (संघ) से अवश्य जुड़े हुए रहे है. बंगाल में संघ और भाजपा दोनों शुरू से ही कमजोर स्थिति में रही है और जनता के बीच इनकी पहुंच नहीं के बराबर रही थी पर हाल के वर्षो में इसमें चमत्कारी सुधार हुआ है और राज्य में संघ और भाजपा दोनों की नींव मजबूत हुई है.

असीम कुमार घोष का राजनीतिक करियर (Ashim Kumar Ghosh Political Career)

असीम कुमार घोष 1991 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए है. इससे पहले वे किसी दूसरे राजनीतिक दल के सदस्य नहीं हुआ करते थे. एक जानकारी के अनुसार असीम कुमार घोष को राजनीति में लाने का श्रेय तपन सिकदर को जाता है. तपन सिकंदर ने ही उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. तपन सिकंदर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के मंत्रिमंडल में शामिल थे.

अटल बिहारी बाजपेयी वैसे लोगो को अधिक महत्व दिया करते थे जो शिक्षा क्षेत्र से या साहित्य के क्षेत्र से जुड़े हुए थे. उनका मानना था ये वो लोग होते है जो समाज को बदलने की क्षमता रखते है. अब यही कारण रहा कि अटल बिहारी बाजपेयी के असीम चहेते व्यक्तित्व रहे है और उन्ही के कारण असीम पार्टी में लगातार आगे बढ़ते रहे.

जिस समय असीम घोष बंगाल में पार्टी में शामिल हुए थे उस समय राज्य में भाजपा की कोई उपस्थिति नहीं थी. राज्य में हर ओर वामपंथी सरकार की पकड़ थी. राज्य में कम्युनिष्ट सरकार का एकछत्र राज्य हुआ करता था. 1998 में बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़कर अपनी स्वयं की पार्टी बनाने की घोषणा की थी और उसी वर्ष पार्टी बनाने के अगले वर्ष वह अटल बिहारी के नेतृत्व वाली एनडीए में भी शामिल हो गई थी.

कहते है जो जीवन के सबसे कठिन समय में साथ दें वही सबसे बड़ा हितैषी होता है, यही बात असीम घोष के लिए बंगाल भाजपा पर लागू होता है. असीम ने पार्टी को उस समय खड़ा करने में समय लगाया जब राज्य में पार्टी का दूर दूर तक कोई जनाधार नहीं था, यहां तक कि आडवाणी ‘मंदिर वही बनाएंगे’ वाला नारा भी बंगाल में कोई जादू नहीं कर पाया, हां पड़ोसी राज्य बिहार और झारखंड में भाजपा अपनी पैठ जमाने में काफी हद तक सफल हो गई पर बंगाल इससे अछूता ही रह गया. वैसे समय में असीम घोष पार्टी के लिए काम करते रहे और राज्य में जनाधार बढ़ाने की दिशा में ठोस रणनीति बनाने में लगे रहे.

असीम घोष वर्ष 1996 में भारतीय जनता पार्टी के राज्य सचिव और फिर 1998 में राज्य उपाध्यक्ष बनाये गए. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विशेष प्रिय होने के कारण उन्होंने असीम घोष को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की सिफ़ारिश की थी. वे 1999 से 2002 बंगाल भाजपा के अध्यक्ष पद पर रहे है. इसके बाद उन्होंने 2003 से 2005 तक त्रिपुरा भाजपा इकाई के पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया. असीम घोष 2004 से 2006 तक भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रह चुके है. असीम घोष राज्य में हावड़ा लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार भी रह चुके है पर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था.

इसके बाद, 14 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने असीम कुमार घोष को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया, जिससे वे बीरेंद्र नारायण चक्रवर्ती और हरि आनंद बरारी के बाद हरियाणा के राज्यपाल नियुक्त होने वाले तीसरे बंगाल से आने वाले व्यक्ति बन गए.

वर्तमान में, असीम कुमार घोष हरियाणा के 19वें राज्यपाल है.

इस लेख में हमने आपको हरियाणा के राज्यपाल असीम कुमार घोष की जीवनी (Ashim Kumar Ghosh Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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