Anandiben Patel Latest News – आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश की राज्यपाल है. अस्सी के दशक में भारतीय जनता पार्टी के साथ अपनी राजनीति यात्रा शुरू करने वाली आनंदीबेन पटेल भाजपा की वरिष्ठ नेत्री मानी जाती है. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनने से पहले वो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की राज्यपाल बन चुकी है. आनंदीबेन पटेल गुजरात की पहली और अब तक की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री भी है जबकि वह सरोजिनी नायडू के बाद उत्तर प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल हैं. आनंदीबेन गुजरात से भाजपा की राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी है. इस लेख में हम आपको उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल राय की जीवनी (Anandiben Patel Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
आनंदीबेन पटेल की जीवनी (Anandiben Patel Biography in Hindi)
| पूरा नाम | आनंदीबेन मफतलाल पटेल |
| उम्र | 83 साल |
| जन्म तारीख | 21 नवंबर 1941 |
| जन्म स्थान | मेहसाणा, गुजरात |
| शिक्षा | एमएससी, एमएड (गोल्ड मेडलिस्ट) |
| कॉलेज | – |
| वर्तमान पद | उत्तर प्रदेश के राज्यपाल |
| व्यवसाय | राजनीतिक, सेवानिवृत्त प्राचार्य |
| राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | जेठाभाई |
| माता का नाम | – |
| पति का नाम | मफतलाल पटेल |
| बेटें का नाम | संजय |
| बेटी का नाम | अनार |
| स्थाई पता | धरम, शान बंगले के पास, शिलाज अहमदाबाद |
| वर्तमान पता | राजभवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
| फोन नंबर | 9087654321 |
| ईमेल | – |
आनंदीबेन पटेल का जन्म और परिवार (Anandiben Patel Birth & Family)
आनंदीबेन पटेल का जन्म 21 नवंबर 1941 को गुजरात के मेहसाणा जिले के विजापुर तालुका के खरोद गाँव में हुआ था, जहाँ उनके पिता जेठाभाई एक शिक्षक थे.
आनंदीबेन पटेल की शादी 29 मई 1962 को मफतलाल पटेल से हुई. उस समय आनंदीबेन 21 वर्ष की थी जबकि मफतलाल 28 के थे, जो सरसपुर आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में मनोविज्ञान के प्रोफेसर थे.
शादी के चार वर्ष मेहसाणा जिले में बिताने के बाद दोनों गुजरात के अहमदाबाद चले गए. उन दिनों आनंदीबेन गणित और विज्ञान की शिक्षिका हुआ करती थीं. बाद में आनंदीबेन अहमदाबाद के आश्रम रोड स्थित मोहिनीबा कन्या विद्यालय में प्रिंसिपल बन गई. आनंदीबेन और उनके पति मफतलाल पटेल कानूनी रूप से तो अलग नहीं हुए, लेकिन 1985 में वे अलग हो गए. आनंदीबेन 31 वर्ष तक शिक्षिका की नौकरी करने के बाद स्वेच्छा से उसे छोड़ दी.
आनंदीबेन पटेल के दो बच्चे हैं. लड़के का नाम संजय है जबकि लड़की का नाम अनार है. संजय की शादी हिना से हुई है और उनका एक बेटा भी है जिनका नाम धर्म है. वही अनार की शादी जयेश से हुई है और उनकी एक बेटी है जिनका नाम संस्कृति है. आनंदीबेन पटेल हिन्दू है.
आनंदीबेन पटेल का शुरूआती जीवन (Anandiben Patel Early Life)
आनंदीबेन पटेल ने एनएम हाई स्कूल से पढ़ाई की है. बाद में, उन्होंने एमएससी, एम.एड किया. आनंदीबेन पटेल का शुरूआती जीवन शिक्षण क्षेत्र से जुड़ा रहा. उन्होंने पहले शिक्षिका और बाद में प्रिंसिपल की भूमिका में जीवन का एक लंबा समय बिताया. पटेल अहमदाबाद के मोहिनीबा कन्या विद्यालय में शिक्षिका के रूप में कार्य किया, जहाँ पटेल उच्चतर माध्यमिक स्तर की छात्राओं को विज्ञान और गणित पढ़ाया करती थी जबकि बाद में, वे उसी विद्यालय की प्रधानाचार्या बन गई.
आनंदीबेन पटेल का राजनीतिक करियर (Anandiben Patel Political Career)
आनंदीबेन पटेल की राजनैतिक यात्रा अस्सी के दशक से शुरू हुई है. राज्यपाल बनने से पहले तक वे भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री मानी जाती थी. आनंदीबेन पटेल का राजनीति में आना एक संयोग कहा जा सकता है क्योकि राजनीति में आने से पहले उनका किसी भी दल से जुड़ाव नहीं था. वो किसी छात्र राजनीति में भी सक्रिय नहीं रही है, जैसा कि कई पुराने नेता के इतिहास देखने पर मिलता है.
बात यह हुई कि वर्ष 1987 में वह स्कूल की ओर से पिकनिक के लिए गई हुई थी जहां उन्हें पता चला कि दो लड़कियां पानी में डूब रही है. लड़कियों को पानी में डूबते हुए देखकर उन्होंने उन दोनों लड़कियों को बचाने के लिए सरदार सरोवर जलाशय में छलांग लगा दी. उनके इस बहादुरी भरे कार्य के लिए उन्हें उन दिनों राष्ट्रपति का ‘बहादुरी पुरस्कार’ मिला था. फिर यही से उनकी राजनीति में आने का मार्ग खुल गया. केशुभाई पटेल और नरेंद्र मोदी के आग्रह पर आनंदीबेन पटेल वर्ष 1987 में गुजरात प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनने के लिए राजी हो गई और इसी के साथ वो भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ गई. हालांकि उन दिनों भाजपा का प्रभाव आज ऐसा बिलकुल भी नहीं था. इसी कारण लोग इस पार्टी में आना पंसद नहीं करते थे.
आनंदीबेन पटेल ने 1992 में भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की ‘एकता यात्रा’ में भाग लिया. उस समय मुरली मनोहर जोशी का पार्टी में प्रभाव ऐसा ही था जैसा कि आज अमित शाह का है. ऐसे में पटेल जल्द ही राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर में आ गई और पार्टी की वरिष्ठ नेत्री बन गई. अब जब वो पार्टी की वरिष्ठ नेत्री की श्रेणी में आ गई तो पार्टी ने उन्हें वर्ष 1994 में गुजरात से राज्यसभा के लिए टिकट दिया और वो पहली बार राज्यसभा की सदस्य बनी.
आनंदीबेन पटेल ने 1998 में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और ‘मंडल विधानसभा क्षेत्र’ से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और अपने पहले चुनाव में वे विजयी रही. इसी के बाद वो मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के कार्यकाल में शिक्षा मंत्री बनाई गई. इसके बाद आनंदीबेन पटेल ने 2002 और 2007 में ‘पाटन विधानसभा क्षेत्र’ से अपना दूसरा और तीसरा विधानसभा चुनाव लड़ा और लगातार जीत हासिल की. आनंदीबेन को उनके दूसरे कार्यकाल में फिर से एक बार शिक्षा मंत्री बनाया गया जबकि उनके तीसरे कार्यकाल में उन्हें सड़क एवं भवन तथा राजस्व मंत्री बनाया गया.
आनंदीबेन पटेल ने 2012 में अपना चौथा विधानसभा चुनाव गुजरात के ‘घाटलोडिया निर्वाचन क्षेत्र’ से चुनाव लड़ा और चौथी बार जीत हासिल की. इस चुनाव में पटेल ने 175,000 से अधिक मतों के अंतर से चुनाव जीता, जो इस चुनाव में सबसे अधिक था. इस जीत के बाद उन्हें गुजरात सरकार में सड़क और भवन, राजस्व, शहरी विकास और शहरी आवास, आपदा प्रबंधन और पूंजी परियोजनाओं की कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
2014 में जब नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव जीतकर भाजपा के प्रधानमंत्री चेहरा के रूप में उभरे फिर पार्टी की अपार जीत के बाद उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनाया गया तब आनंदीबेन पटेल मोदी के स्थान पर गुजरात की मुख्यमंत्री बन गई. इस तरह आनंदीबेन पटेल ने 22 मई 2014 को नरेंद्र मोदी के बाद गुजरात के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. आनंदीबेन पटेल गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं. हालांकि वो इस पद पर अधिक दिनों तक नहीं रही. उन्होंने 1 अगस्त 2016 को इस्तीफा दे दिया क्योंकि नवंबर 2016 में वह 75 वर्ष की हो रही थीं. चूँकि भाजपा में संविधान है कि कोई भी नेता या नेत्री 75 वर्ष के बाद रिटायर माने जाते है. इसी कारण उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया. इसी के बाद गुजरात में विजय रूपानी मुख्यमंत्री बने, जिनकी इसी वर्ष (2025) में अहमदाबाद के एयर इंडिया विमान हादसा में मृत्यु हो गई.
आनंदीबेन पटेल का राज्यपाल के रूप में करियर
आनंदीबेन पटेल को 29 जुलाई 2019 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविद ने उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया. इससे पहले राज्य में राम नाइक राज्यपाल थे.
आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनने से पहले दो राज्यों का राज्यपाल बन चुकी है. आनंदीबेन 15 अगस्त 2018 से 28 जुलाई 2019 तक छत्तीसगढ़ की राज्यपाल रही. जबकि वह 23 जनवरी 2018 से 28 जुलाई 2019 तक मध्य प्रदेश की राज्यपाल रही.
वर्तमान में आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश की राज्यपाल है.
इस लेख में हमने आपको उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की जीवनी (Anandiben Patel Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























