लोकतंत्र के सम्मान के लिए तुलसी राम सिलावट या बिकाऊ राम मिलावट को हर हाल में हराना है- जीतू

शिवराज सिंह के वायरल ऑडियो पर भड़का कांग्रेस नेता का गुस्सा, पटवारी ने केंद्र सरकार पर लगाया देश में कोरोना फैलाने का आरोप, पीएम और गृहमंत्री से की इस्तीफे की मांग

पॉलिटॉक्स न्यूज/एमपी. इस समय अगर देश में सियासत कहीं सबसे ज्यादा गर्मायी हुई है तो वो है मध्यप्रदेश, जहां सियासत पूरी तरह से उबाल पर है. राज्यसभा चुनाव और 24 सीटों पर होने वाले उप चुनाव से एकदम पहले यहां की राजनीति में ऐस भूचाल आ जाएगा, इसकी कल्पना तो खुद बीजेपी तक ने नहीं की होगी. इस बवंडर की वजह है एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वायरल ऑडियो, जिसके बाद कांग्रेस बीजेपी पर हावी होती दिख रही है. इसके बाद पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में न केवल सीएम शिवराज पर निशाना साधा, ​बल्कि तुलसी सिलावट को बिकाऊ राम मिलावट नाम से संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के सम्मान के लिए उन्हें हराना होगा.

दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक कथित ऑडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस आक्रामक हो गई है. ऑडियो क्लिप में सीएम शिवराज कहते सुनाई दे रहे हैं ‘केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए, नहीं तो ये सबकुछ बर्बाद कर देगी.’ बताया जा रहा है कि वायरल ऑडियो इंदौर की एक रेजीडेंसी का है, जहां सीएम शिवराज सिंह सांवेर के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उनके साथ पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद थे. हालांकि वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है.

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इसके बाद जीतू पटवारी ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए सीएम शिवराज पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने इंदौर में सच्चाई को खुद बयां कर दिया कि कांग्रेस की लोकप्रिय, स्थिर सरकार को उनके केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर भाजपा ने सिंधिया के साथ मिलकर गिराया. केंद्रीय नेतृत्व नहीं चाहता था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चले. पटवारी ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही कहती आयी है कि भाजपा ने साजिश- षड्यंत्र रच सरकार गिरायी. इससे स्पष्ट है कि तुलसी सिलावट किस तरह से बिक गए. अब तक कांग्रेस के आरोप थे, लेकिन मुख्यमंत्री के ऑडियो से साफ हो चुका है कि कांग्रेस की सरकार कैसे गई. कांग्रेस अब इस मामले को लेकर विशेषज्ञों से सलाह के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. साथ ही राष्ट्रपति से भी गुहार लगाएंगे.

पूर्व मंत्री ने केंद्र सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए देश में कोरोना महामारी फैलने का जिम्मेदारी बताया. जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बार-बार कह रही थी कि मप्र की सरकार गिराने के चक्कर में पूरे देश में कोरोना की महामारी फैली क्योंकि लॉकडाउन लेट किया गया. राहुल गांधी की सलाह के बाद भी न तो एयरपोर्ट और न ही देश में लॉकडाउन किया गया. इसलिए देश की सरकार महामारी को फैलाने की दोषी है. मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि अगर सिंधिया नहीं होते, तुलसी सिलावट नहीं होते तो सरकार को नहीं गिरा सकते थे. ऐसे में जो स्वास्थ्य मंत्री था, जिसकी ये सारी जिम्मेदारी थी, वो बिक गया.

जीतू पटवारी ने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री ने खुद अपने भाषण में ये बात बताई कि उन्हें प्रधानमंत्री ने कहा, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, देश की सरकार ने कहा कि मप्र की सरकार गिराना है.’

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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने पत्रकार वार्ता में सीएम शिवराज के इंदौर दौरे और तुलसी सिलावट पर निशाना साधते हुए कहा लोकतंत्र की हत्या कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कोरोना संकट की चिंता करते हुए इंदौर आना तो बहाना मात्र था, दरअसल, सांवेर उप चुनाव जीतना उनका मुख्य उद्देश्य है. इसलिए सांवेर का चुनाव कांग्रेस पार्टी को हर हाल में जीतना है. पटवारी ने जीत का दावा ठोकते हुए कहा कि सांवेर का चुनाव हम एक लाख फीसदी जीतेंगे. पटवारी ने कहा कि लोकतंत्र के सम्मान के लिए जीतना जरूरी है. इसके लिए तुलसी राम सिलावट या बिकाऊ राम मिलावट को किसी भी हाल में जीतने नहीं देंगे.

इधर, पटवारी ने पुलिस-प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हमारे एक भी कार्यकर्ता पर आपने द्वेषपूर्ण कार्रवाई की तो इसका परिणाम भुगतना होगा. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आप किसी पार्टी के नौकर नहीं हो. ऐसे में द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने से दूर रहे.

जीतू पटवारी ने प्रेस वार्ता के बाद सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी की वर्चुअल रैली पर निशाना साधा. पटवारी ने लिखा, ‘शिवराज सिंह के ऑडियो ने यह साबित कर दिया की मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार षड्यंत्र के तहत गिराई गई. देश मे कोरोना भी इन्ही लोगो के कारण फैला. यदि समय रहते कदम उठाये गए होते तो आज शायद हालात बदतर नहीं होते. तब तो मोदी शाह को सरकार गिरानी थी, अब बीजेपी वर्चुअल रैली में व्यस्त हैं.’

जीतू पटवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को संविधान के विरुद्ध कार्य करने के लिए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की बात कही. पटवारी ने कहा कि इतिहास याद रखेगा जब देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने षड्यंत्र रच कर मध्य प्रदेश में जनता द्वारा चुनी हुई कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराया.

वहीं जीतू पटवारी के बयान के बाद और शिवराज के ऑडियो वायरल होने के बाद बीजेपी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई.

प्रदेश की 24 सीटों पर होने हैं उपचुनाव

बता चुनाव आयोग ने अभी 24 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के बीच इसे लेकर गुणा-भाग जारी है. उपचुनाव सितंबर में संभावित हैं. 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में अभी 206 सदस्य हैं. इसमें 107 भाजपा के और 92 कांग्रेस के 92 सदस्य हैं. चार निर्दलीय, एक समाजवादी पार्टी और दो बसपा विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं. वर्तमान में बहुमत का आंकड़ा 104 है. उप चुनाव के बाद बहुमत के लिए 116 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

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