स्वामी प्रसाद मौर्य की जीवनी | Swami Prasad Maurya Biography in Hindi

swami prasad maurya biography in hindi
swami prasad maurya biography in hindi

Swami Prasad Maurya Latest News – उत्तर प्रदेश की राजनीति में कभी बड़े कद के नेता की श्रेणी में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का विवाद से पुराना रिश्ता रहा है. मौर्य राज्य में सनातन धर्म विरोधी बयानबाजी देने के लिए जाने जाते है. पांच बार विधायक रहे मौर्य कभी मायावती, मुलायम सिंह यादव और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके है. फिलहाल वे अपनी पार्टी जनता के राष्ट्रीय अध्यक्ष है. इन दिनों वे इसलिए भी फिर चर्चा का हिस्सा बने है क्योकि उन्हें एक युवक ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली में सबके सामने थप्पड़ मार दिया. हालांकि उनके समर्थको ने युवक की पिटाई कर दी. वैसे स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ऐसा पहला बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी वे कई बार अपने विवादित बयानों के कारण अपमानित हो चुके है. फ़रवरी 2023 में कुछ लोगो ने उनपर स्याही फेंकी थी. इस लेख में हम आपको स्वामी प्रसाद मौर्य राय की जीवनी (Swami Prasad Maurya Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

स्वामी प्रसाद मौर्य की जीवनी (Swami Prasad Maurya Biography in Hindi)

पूरा नाम स्वामी प्रसाद मौर्य
उम्र 71 साल
जन्म तारीख 02 जनवरी 1954
जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़
शिक्षा स्नातकोत्तर
कॉलेज इलाहाबाद विश्वविद्यालय
वर्तमान पद अध्यक्ष
व्यवसाय राजनीतिक
राजनीतिक दल राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम बदलू मौर्य
माता का नाम जगन्नाथी
पत्नी का नाम शिवा मौर्य
बेटें का नाम उत्कृष्ट मौर्य
बेटी का नाम संघमित्रा मौर्य
स्थाई पता
वर्तमान पता
फोन नंबर
ईमेल

स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म और परिवार (Swami Prasad Maurya Birth & Family)

स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म 2 जनवरी 1954 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के चकवध में हुआ था.  स्वामी प्रसाद मौर्य के पिता का नाम बदलू मौर्य और माता का नाम जगन्नाथी था.

स्वामी प्रसाद मौर्य की शादी शिवा मौर्य से हुई थी. उनकी दो संतान है. एक बेटा और एक बेटी. स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से लोकसभा सांसद हैं. जबकि उनके बेटे उत्कृष्ट मौर्य भी एक नेता हैं, जिन्होंने ऊंचाहार रायबरेली से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा हालांकि दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा.

स्वामी प्रसाद मौर्य हिन्दू है और जाति से कुशवाहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य पर 9 आपराधिक मामले दर्ज है.  जिसमें कई अपराधिक मामले संगीन है.

स्वामी प्रसाद मौर्य की शिक्षा (Swami Prasad Maurya Birth Education)

स्वामी प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक और कला स्नातकोत्तर (M.A.) किया.

स्वामी प्रसाद मौर्य का राजनीतिक करियर (Swami Prasad Maurya Political Career)

स्वामी प्रसाद मौर्य की राजनीतिक यात्रा नब्बे के दशक से भी पहले आरम्भ हुई. मौर्य ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत बसपा के साथ की थी.  मौर्य उत्तर प्रदेश के पडरौना विधानसभा क्षेत्रसे वर्ष 2009 से लेकर 2017 तक तीन बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीतकर विधायक चुने गए थे. लेकिन 22 जून 2016 को मौर्य ने बसपा पर यह आरोप लगाते हुए पार्टी से त्यागपत्र दे दिया कि पार्टी टिकट के लिए पैसे लेती है. मौर्य के आरोप लगाने के कुछ समय बाद ही मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे निराधार बताया और मौर्य के पार्टी छोड़ने पर संतोष जतलाते हुए कहा कि मौर्य को वैसे भी पार्टी से निकाला जाता क्योकि वे बसपा के भीतर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे थे. बसपा से निकाले जाने के बाद मौर्य ने जुलाई 2016 में लोकतांत्रिक बहुजन मंच नामक पार्टी बनाने की घोषणा की.

बाद में स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया. मौर्य को योगी के प्रथम कार्यकाल में श्रम एवं रोजगार कार्यालय, शहरी रोजगार और गरीबी उन्मूलन मंत्री बनाया गया. हालांकि 21 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उनका मंत्रालय (विभाग) श्रम, रोजगार, समन्वय मंत्री में बदल गया.

इसके बाद कुछ वर्ष तक सब कुछ ठीक ठाक चला पर उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 11 जनवरी 2022 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी मंत्रिमंडल के कैबिनेट मंत्री पद और भाजपा से त्यागपत्र दे दिया. इतना ही नहीं, मौर्य ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने समाज के लगभग सभी वर्गों के साथ अन्याय किया है, इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दिया. जबकि भाजपा का कहना था कि उन्होंने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि उन्हें बताया गया था कि उनके बेटे को 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से विधायक का टिकट नहीं दिया जाएगा क्योकि भाजपा शुरू से किसी प्रकार के वंशवाद या भाई भतीजावाद के विरुद्ध रही है.

भाजपा छोड़े जाने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य जनवरी 2022 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन उन्हें अपने गढ़ पडरौना से टिकट देने से इनकार कर दिया गया इसके बजाय उन्हें फाजिलनगर से लड़ने के लिए कहा गया, जिसके बाद में मौर्य सपा के टिकट पर 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव राज्य के फाजिलनगर सीट से लड़ा और भाजपा के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा से हार गए. यहाँ से भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार कुशवाहा की जीत हुई थी.  इससे पहले समाजवादी पार्टी ने मौर्य को पार्टी का महासचिव बना दिया था.

पार्टी बदलने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में भी अधिक समय तक टिक कर नहीं रह पाएं. मौर्य जनवरी 2022 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बनाये जाने के लगभग दो वर्ष बाद 20 फरवरी 2024 को एमएलसी और समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.  इसी के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य 22 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष चुने गए.

स्वामी प्रसाद मौर्य की संपत्ति (Swami Prasad Maurya Property)

2024 के लोकसभा चुनाव में दाखिल किये गए घोषणापत्र के अनुसार स्वामी प्रसाद मौर्य की कुल संपत्ति 8.72 करोड़ रूपये हैं जबकि उनपर कोई कर्ज नहीं है.

सनातन धर्म विरोधी बयानों को लेकर फिर विवादों में

स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म के विरुद्ध बयान देने के लिए जाने जाते है. इसी क्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य ने सनातन धर्म के पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को लेकर आरोप लगाया था कि इसमें शूद्र जाति को नीचा दिखाया गया है. मौर्य यही तक नहीं रुके बल्कि अपने समर्थको के साथ रामचरितमानस को जला दिया था. इसी के बाद समाजवादी पार्टी ने मौर्य का मनोबल बढ़ाने के लिए उसे समाजवादी पार्टी का  महासचिव बना दिया लेकिन जब मामला तूल पकड़ा तो सपा ने मौर्य से यह कहकर दुरी बना ली कि यह मौर्य की अपनी सोच है और इसका पार्टी से कोई लेना – देना नहीं है.

इस लेख में हमने आपको स्वामी प्रसाद मौर्य की जीवनी (Swami Prasad Maurya Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

Google search engine