Ravindra Kumar Ray Latest News – रवींद्र कुमार राय झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य में पार्टी के पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष है. डॉ रविंद्र कुमार कोडरमा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के सांसद भी रह चुके है, जहां से अब केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी भाजपा की सांसद है. झारखंड की बाबू लाल मरांडी सरकार में वे खान एवं खनिज मंत्री भी थे जबकि बाद में अर्जुन मुंडा सरकार में उन्हें उद्योग एवं श्रम मंत्री बना दिया गया था. बिहार से अलग राज्य झारखंड के गठन में भी रविंद्र कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है. आपातकाल के समय से राजनीति में सक्रिय होने वाले रविंद्र कुमार झारखंड के कद्दावर नेता माने जाते है. इस लेख में हम आपको रवींद्र कुमार राय की जीवनी (Ravindra Kumar Ray Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
रवींद्र कुमार राय की जीवनी (Ravindra Kumar Ray Biography in Hindi)
| पूरा नाम | रवींद्र कुमार राय |
| उम्र | 67 साल |
| जन्म तारीख | 02 मई 1958 |
| जन्म स्थान | झारखंड के गिरिडीह |
| शिक्षा | पीएचडी |
| कॉलेज | विनोबा भावे विश्वविद्यालय |
| वर्तमान पद | झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता |
| व्यवसाय | राजनीतिक |
| राजनीतिक दल | भाजपा |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | जय नारायण राय |
| माता का नाम | कृष्णा देवी |
| पत्नी का नाम | विद्या |
| बेटें का नाम | दो बेटे |
| बेटी का नाम | एक बेटी |
| स्थाई पता | डी-52, हरमू हाउसिंग कॉलोनी, रांची, झारखंड |
| वर्तमान पता | – |
| फोन नंबर | 09431115318 |
| ईमेल | rkraibjp@gmail.com |
रवींद्र कुमार राय का जन्म और परिवार (Ravindra Kumar Ray Birth & Family)
रवींद्र कुमार राय का जन्म 2 मई 1958 को झारखंड के गिरिडीह जिले के मरगोड़ा गाँव में हुआ था. उनका जन्म बाघोचिया परिवार में हुआ था और वे हथवा राज की कैडेट शाखा से जुड़े थे. बाघोचिया एक जनजाति समूह हुआ करती थी जो बांसगांव एस्टेट के नाम से जाना जाता था और जिसे बाद में दिलीपनगर एस्टेट के नाम से भी जाने जाना लगा. आजादी के बाद ये सब भारत में शामिल हो गए थे.
रवींद्र कुमार राय के पिता का नाम जय नारायण राय था, जो आज़ादी के बाद से 2005 तक अपनी पंचायत के सरपंच रहे. रवींद्र कुमार राय की माता का नाम कृष्णा देवी था.
रवींद्र कुमार के दादा बाबू नागेश्वर राय भी क्षेत्र के जाने माने व्यक्ति हुआ करते थे. वे अपने ज़माने में रामगढ़ के डॉ. बसंत नारायण सिंह के करीबी सहयोगी होने के साथ ही रामगढ़ राज स्वतंत्रता पार्टी के सदस्य भी थे. वे वर्ष 1957 में धनबाद से बिहार विधानसभा के सदस्य थे और उन दिनों वे हज़ारीबाग़ खनन बोर्ड के सदस्य थे.
रवींद्र कुमार राय की शादी वर्ष 1983 में विद्या से हुई. उनके तीन संतान है. दो बेटे और एक बेटी. रवींद्र कुमार राय हिन्दू है. रवींद्र कुमार राय पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.
रवींद्र कुमार राय की शिक्षा (Ravindra Kumar Ray Education)
डॉ रवींद्र कुमार राय ने भरकट्टा से हाई स्कूल और हज़ारीबाग के सेंट कोलंबा कॉलेज से स्नातक किया. बाद में उन्होंने वर्ष 1979 में रांची विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम.ए.) किया और वर्ष 2004 में विनोबा भावे विश्वविद्यालय से छोटा-नागपुर के विशेष संदर्भ में आरएसएस का विकास विषय पर इतिहास में पीएचडी (डॉक्टरेट) की.
रवींद्र कुमार राय का शुरुआती जीवन (Ravindra Kumar Ray Early Life)
डॉ पढाई के बाद रवींद्र कुमार राय कुछ समय के लिए जॉब में लग गए. डॉक्टरेट करने के बाद डॉ रवींद्र गिरिडीह जिले के आदर्श कॉलेज राजधनवार में इतिहास के व्याख्याता बन गए. हालांकि बताया जाता है कि ज्यादातर वे अवकाश पर ही रहे.
रवींद्र कुमार राय का राजनीतिक करियर (Ravindra Kumar Ray Political Career)
डॉ रवींद्र कुमार राय का राजनीतिक करियर पांच दशक पहले शुरू हुआ. 1975 में आपातकाल के समय रवींद्र राय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए और भूमिगत अभियानों में शामिल रहे. उन दिनों वे अविभाजित बिहार के हज़ारीबाग, बरही, रामगढ़ और गोला का दौरा साइकिल से ही किया करते थे. उन दिनों उनका काम भूमिगत राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ संदेशों का आदान-प्रदान, योजनाएँ और रणनीतियों पर चर्चा करके आगे की योजना से सबको अवगत कराना था. उन दिनों पुरे देश में कांग्रेस की इंदिरा सरकार का आतंक छाया हुआ था और लोगो को बिना किसी केस मुक़दमे के ही जेल में डाल दिया जाता था.
बाद में रविंद्र 1977 में एबीवीपी में शामिल हो गए हालांकि तब तक वे किसी भी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा नहीं हुआ करते थे पर वर्ष 1984 में वे आधिकारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. फिर इसी के बाद वे 1988 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बनाये गए.
पहली बार वे 1985 और फिर 1990 में हुए अविभाजित बिहार के बगोदर और राजधनवार बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा पर सफलता नहीं मिली. हालांकि वे संघठन के भीतरी कार्यो से जुड़े रहे और राज्य में पार्टी की जीत में आगे भी काम करते रहे और उन्होंने गिरिडीह, जमुआ व गांडेय विधानसभा क्षेत्रों में हुए चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करायी.
रवींद्र कुमार राय ने पहली बार वर्ष 2000 में बिहार विधानसभा के राजधनवार विधानसभा सीट जीती थी और फिर राज्य के विभाजन के बाद बने अलग राज्य झारखंड में मंत्री बने. बाबूलाल मरांडी सरकार में रवींद्र कुमार खान एवं खनिज मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे.
तब के समय वे राज्य सरकार में मुख्यमंत्री के बाद दूसरे प्रभाव वाले नेता के तौर जाने जाते थे. चूंकि झारखंड में खनन एक महत्वपूर्ण बिषय है, राज्य में यह राजस्व व रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है इसलिए यह विभाग राज्य में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और रविंद्र इसी विभाग के कैबिनेट मंत्री थे.
बाद में जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हुआ और अर्जुन मुंडा झारखंड के नए मुख्यमंत्री बनाये गए तब डॉ रविंद्र कुमार इस सरकार में भी कैबिनेट में शामिल रहे. वे मुंडा सरकार में श्रम और उद्योग मंत्री थे. राज्य में यह विभाग भी अति महत्वपूर्ण माना जाता है क्योकि झारखंड में कई बड़े उद्योग स्थापित है और डॉ रविंद्र इसी विभाग के मुखिया बन गए थे.
डॉ रवींद्र कुमार राय 2014 के लोकसभा चुनाव में कोडरमा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार थे जिसमें उन्हें जीत मिली. इसी के बाद राज्य में हुए चुनाव से कुछ समय पहले अक्टूबर 2024 में उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था.
रवींद्र कुमार राय की संपत्ति (Ravindra Kumar Ray Assets)
2014 के लोकसभा चुनाव में दाखिल किये गए घोषणापत्र के अनुसार रवींद्र कुमार राय की कुल संपत्ति 1.05 करोड़ रूपये हैं जबकि उनपर 2 लाख रूपये का कर्ज भी है.
इस लेख में हमने आपको रवींद्र कुमार राय की जीवनी (Ravindra Kumar Ray Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























