गृह रक्षा विभाग में जल्दी होगी 2500 भर्ती, ऑनलाइन होगी प्रक्रिया: मुख्यमंत्री गहलोत

57वें गृह रक्षा स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत, केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- अहम घमंड छोडकर हकीकत का सामना करें मोदी सरकार, ऐसे कदम उठाएं जिससे हो देश का भला

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को 57वें गृह रक्षा स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. जयपुर के फतेहपुरा में स्थित केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान गृ​ह रक्षा में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने जानकारी देते हुए कहा कि गृह रक्षा विभाग में बहुत जल्द करीब ढाई हजार लोगों की भर्ती होगी. भर्ती की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. जवानों को विश्वास दिलाते हुए गहलोत ने कहा कि सरकार जवानों के वेतन भत्तों को बढ़ाने का प्रयास किया है इसमें आगे भी कोई कमी नहीं रखी जाएगी.

गृह सुरक्षा जवानों को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि गृह रक्षा स्थापना दिवस का महत्व किसी भी दृष्टि से कम नहीं आंका जा सकता है. लंबे समय से गृह सुरक्षा के जवान पूरे देश और प्रदेश की सेवा कर रहे हैं. जो जिम्मेवारी विभाग को दी जाती है, उसको निभाने में आप लोग कोई कमी नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने गृह रक्षा विभाग के सुदृढ़ीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. विभाग के पास अपना एक भवन नहीं है, ये बडे आश्चर्य की बात है. मुझे खुशी है कि निदेशालय के लिए हमारी सरकार ने विद्याधर नगर में जो भूमि दी है, वहां जल्द ही भवन बनेगा.

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री गहलोत (CM Ashok Gehlot)  ने हैदराबाद एनकांउटर पर भी अपनी राय साझा की. उन्होंने कहा कि एनकाउंटर किस रूप में हुआ, वो हैदराबाद पुलिस और सरकार बता सकती है लेकिन देश में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ना चिंताजनक है. उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जला देने की घटना मार्मिक थी. टोंक में मासूम के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के 12 घंटे में मुजरिम पकड़ा गया. इस तरह की घटनाओं से पूरा देश हिल जाता है. देश की सभी राज्य सरकारों को इस तरह के मामलों पर ध्यान देने की जरूरत है.

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देश की आर्थिक व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आर्थिक विशेषज्ञ है. उन्होंने देश की गिरती जीडीपी पर चिंता व्यक्त की. कहां तो जीडीपी 8 प्रतिशत थी जो अब 4.5 फीसदी रह गई है. जो आंकडे सरकार द्वारा बताए जा रहे हैं, उस पर भी संदेह है. जीडीपी, बेरोजगारी के नेशनल सेंपल सर्वे संगठन के आंकडों को राजनीतिक दृष्टिकोण के चलते लोकसभा चुनाव के वक्त छुपाया गया. सिर्फ इसलिए कि चुनावों में इसका असर नहीं पड़े. जैसे ही चुनाव खत्म हुए और आंकडे बाहर आ गए. इससे नाराज होकर NSSO के अध्यक्ष और सदस्यों ने इस्तीफा भी दिया था. इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि राजनीतिक फायदों के चलते आंकडों को रोका गया हो.

देश की सियासत में गर्माए हुए प्याज के मुददे पर मोदी सरकार को घेरते हुए गहलोत ने कहा कि इन दिनों प्याज के दाम बढ़ रहे है. प्याज मिल नहीं रहा ​है. सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती है- मुझे पता नहीं है क्योंकि मैं प्याज खाती नहीं हूं. कोई कहता है- प्याज खाना कम देना चाहिए. इस तरह के जवाब सरकार के ​लोग देते है. ये वहीं लोग है जो कांग्रेस सरकार के समय बढ़ चढ़ कर बात करते थे. अब बीजेपी के ​लोगों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने केंद्रीय सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी राष्ट्रवाद और धारा 370 के नाम पर वोट मांगती है. लेकिन जनता जानती है कि हम राष्ट्रवाद की जगह राष्ट्रवादी हैं. ऐसे में राष्ट्रवाद के नाम पर कब तक वोट मांगते रहेंगे. गहलोत ने यह भी कहा कि पहले बीजेपी के हाथों से राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और अब महाराष्ट्र निकला है. झारखंड में भी यही स्थिति बनने वाली है.

NRC के सर्वे पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग के बाद अमित शाह की देखरेख में सर्वे किया गया. एनआरसी के सर्वे की असम में धज्जियां उड़ गई. देश में 19 लाख हिंदू व मुसलमानों में भेद किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी संविधान दिवस पर विधानसभा स़त्र बुलाकर संविधान दिवस मनाने की बात करते है और इन्हीं के लोग संविधान की धज्जियां उडाते है. इस वक्त देश बड़े नाजुक दौर से गुजर रहा है.

गहलोत ने मोदी सरकार द्वारा लागू की गई जीएसटी और नोटबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि गलत तरीके से लागू की गई नोटबंदी व जीएसटी के कारण आज पूरी तरह से अर्थव्यवस्था खत्म हो गई है. केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को पैसा कम मिल रहा है. राज्य सरकारों को पैसा कम मिलेगा तो विकास कैसे होगा. इस पूरे मामले पर मोदी सरकार फंसती नजर आ रही है. मोदी सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि अहम घमंड छोडकर हकीकत का सामना करें और कुछ ऐसे कदम उठाएं जिससे देश का भला हो.

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