कथित रेपकांड के वारदात स्थल की ‘सफाई’ पर राठौड़ ने उठाए सवाल- जल्दबाजी क्यों? दाल में कुछ काला…

अलवर में विमंदित बालिका से कथित रेपकांड पर सियासत जारी, वारदात स्थल से सबूतों की 'सफाई'! राठौड़ ने वारदात स्थल की साफ सफाई को बताया सुनियोजित साजिश, बोले- अहम साक्ष्य मिटाने में क्यों की गई जल्दबाजी, पुलिस बार बार क्यों बदल रही है बयान? दाल में है कुछ काला!

राठौड़ ने उठाए सवाल- जल्दबाजी क्यों? दाल में कुछ काला...
राठौड़ ने उठाए सवाल- जल्दबाजी क्यों? दाल में कुछ काला...

Politalks.News/Rajasthan. अलवर के कथित विमंदित बालिका गैंगरेप कांड (Alwar Gang Rape) को लेकर गहलोत सरकार (Gehlot Government) लगातार भाजपा के निशाने पर है. शनिवार को एक बार फिर विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने बयान जारी कर कहा कि, ‘अलवर में मूक बधिर नाबालिग से हुई दरिंदगी के मामले में शुरुआत से ही पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में रही है. सरकार ने जब जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है तो फिर तिजारा फाटक ओवरब्रिज स्थित घटनास्थल से साफ-सफाई के नाम पर सबूतों को साफ कर देना निश्चित रूप से सुनियोजित साजिश का हिस्सा है’. राठौड़ ने साक्ष्य समाप्त करने की साजिश बताया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए अलवर प्रशासन और पुलिस को जमकर आड़े हाथ लिया.

बार-बार बयान बदलना, मतलब दाल में है कुछ काला
अलवर पुलिस की एक्सीडेंट थ्योरी पर सवाल उठाते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘नाबालिग के साथ दरिंदगी के 11 दिन बाद भी पुलिस के हाथ तो खाली हैं ही साथ ही बार-बार बयान बदल रही है. दरिंदगी के जिस मामले को पुलिस प्रशासन दुर्घटना का रूप देने में लगी हुई है उसमें डिलीवरी ब्वॉय की गिरफ्तारी के बाद भी आधिकारिक रूप से कुछ भी बताने से बच रही है, जिससे स्पष्ट होता है कि दाल में कुछ काला है’.

यह भी पढ़ें- गवर्नर दे देते कानून को परमिशन तो किसानों की जमीन नहीं होती नीलाम- खाचरियावास के निशाने पर राज्यपाल

साक्ष्य समाप्त करने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण

वारदात स्थल की सफाई किए जाने को आड़े हाथ लेते हुए भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘सीबीआई के जांच करने से पहले ही प्रशासन की तरफ से साक्ष्य समाप्त करने के प्रयास किए गए हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है. जांच पूरी नहीं होने तक उस जगह को सील किया जाना चाहिए था लेकिन जानबूझकर ऐसा नहीं किया. अब यक्ष प्रश्न है कि CBI जांच शुरु होने से पहले प्रशासन ने इस मामले से जुड़े अहम साक्ष्य को मिटाने की इतनी जल्दबाजी क्यों की?

यह भी पढ़े: CM गहलोत ने PM मोदी को पत्र लिखकर जताया विरोध, IAS कैडर की केंद्र में डेप्यूटेशन से जुड़ा है मामला

अहम साक्ष्य मिटाने की इतनी जल्दबाजी क्यों?’

सबूतों को नष्ट करने को लेकर चूरू विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘इस संवेदनशील मामले में लगातार पुलिस प्रशासन का रवैया गैर जिम्मेदाराना रवैया सामने आ रहा है. प्रशासन को सबूतों को नष्ट करने की इतनी जल्दी क्या थी? जब सीबीआई टीम जांच के लिए जाएगी तो वह सिर्फ पुलिस के दिए साक्ष्यों पर ही निर्भर रहकर अपनी जांच आगे बढ़ा पाएगी. कुल मिलाकर पुलिस प्रशासन द्वारा नाबालिग के साथ हुई दरिंदगी पर पर्दा डाला जा रहा है ताकि इस घटना की सच्चाई सबके सामने ना आ सके.

Leave a Reply