आनंदपाल एनकाउंटर की दुबारा CBI जांच की मांग, राजपूत समाज के नेताओं ने दी आंदोलन की चेतावनी

पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार ने राजनीतिक षड्यंत्रपूर्वक सीबीआई से करवाकर समाज पर कुठारघात किया है, सीबीआई ने समाज के जिन 24 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है. उनमें से अधिकतर तो सांवराद में गए ही नही थे- लोटवाडा

49 Anandpal 2598732 835x547 M
49 Anandpal 2598732 835x547 M

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के बहुचर्चित गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में पिछले रविवार सीबीआई ने राजस्थान पुलिस को क्लीन चिट देते हुए एफआर लगा दी. वहीं सीबीआई ने आनंदपाल की पुत्री चरणजीत सिंह कंवर उर्फ चीनू व आनंदपाल के वकील सहित 22 राजपूत नेताओं को दंगे भड़काने का आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की. इस मामले को लेकर राजपूत समाज के नेता बीजेपी सरकार पर लगातार आरोप लगा रहे हैं. रविवार को राजपूत समाज के नेताओं ने प्रेसवार्ता कर आनंदपाल एनकाउंटर और सांवराद हिंसा की सीबीआई जांच दुबारा करवाने की मांग की है. राजपूत समाज के नेताओं के खिलाफ पेश की गई चार्जशीट वापस नहीं लेने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाडा ने आनंदपाल एनकाउन्टर मामले को लेकर पत्रकारों से वार्ता की. इस दौरान लोटवाडा ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राजपूत सामज ने जिस पार्टी को अपने खून और पसीने से सींचा, उसी पार्टी की सरकार ने समाज के हितों पर कुठाराघात करने का काम किया है. लोटवाड़ा ने आनंदपाल एनकाउंटर प्रकरण और उसके बाद सांवराद में हुई हिंसा प्रकरण की सीबीआई जांच रिपोर्ट पर जमकर सवाल उठाते हुए दोबारा सीबीआई जांच करवाने की मांग की.

गिरराज सिंह लोटवाडा ने कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार और संघर्ष समिति के बीच 18 जुलाई 2017 को शासन सचिवालय में गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया, तत्कालिय पंचायत मंत्री व सरकारी प्रतिनिधियों के मध्य हुए समझौते पत्र में आनन्दपाल प्रकरण में 24 जून 2017 को हुई आनन्दपाल के एनकाउंटर एफआईआर संख्या नम्बर 190/17 पुलिस थाना रतनगढ और 12 जुलाई को सांवराद में हुए घटनाक्रम में सुरेन्द्र सिंह की मृत्यु एफआईआर संख्या नम्बर 238/17 पुलिस थाना अशोक नगर से सम्बन्धित प्रकरणों की जांच सीबीआई से करवाये जाने पर सहमति बनी थी.

यह भी पढ़ें: अधिकारियों के तबादलों पर मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की तीखी प्रतिक्रिया- आखिर हम क्यों नहीं रख सकते निरंतरता?

राजपूत सभा अध्यक्ष लोटवाडा ने आगे कहा कि पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार ने उस समय हुए समझौते से परे जाकर राजनैतिक षड्यंत्रपूर्वक सीबीआई से करवाकर समाज पर कुठारघात किया है. सीबीआई से चार्जशीट पेश करवा कर समाज के 24 सामाजिक व सभ्य लागों को फंसाने का गैरकानूनी कुकृत्य किया जा रहा है. जिसकी राजपूत समाज कटु शब्दों में निन्दा करता है. लोटवाड़ा ने कहा कि सीबीआई ने समाज के जिन 24 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की है. उनमें से अधिकतर तो सांवराद में गए ही नही थे. ऐसे कई लोग हैं जो वहां से जल्दी आ गए थे उनके भी इसमें नाम है. यह एक पूरे प्लानिंग के तहत एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

गिरिराज सिंह ने आनन्दपाल एनकाउन्टर की जांच पर संदेह प्रकट करते हुए कहा कि जिस तरह की जांच सीबीआई ने एफआईआर संख्या नम्बर 115/17 थाना जसवतंगढ में की है, जिसमें बिना धरातल पर जांच करे, फौरी तौर पर, हवा हवाई जाँच कर, उस आन्दोलन में मौजूद नहीं लोगों को भी अभियुक्त बना चार्जशीट पेश की है. इस आधार पर हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि सीबीआई जैसी प्रतिष्ठित संस्था ने आनन्दपाल एनकाउन्टर पर सही व निष्पक्ष जांच नहीं कर, सत्यता पर पर्दा डालते हुए उस केस पर एफआर पेश की है जो कि उनकी प्रतिष्ठा को भी धुमिल करता है. सीबीआई जांच में एनकाउंटर का सीन दिन में रिक्रिएट किया गया जबकि एनकाउंटर अमावस्या की रात को हुआ था. यह सब संदेह के घेरे में आता है.

लोटवाडा ने सर्व समाज संघर्ष समिति से जुड़े सभी संगठनों द्वारा, राज्य की कांग्रेस सरकार व केन्द्र की भाजपा सरकार से मांग करते हुए कहा कि उक्त आनन्दपाल एनकाउन्टर प्रकरण की पुनः निष्पक्ष जांच करवायी जाये व एफआईआर संख्या नम्बर 115/17 थाना जसवंतगढ सहित तत्कालीन उक्त प्रकरण से जुड़े सभी गैरकानूनी मुकदमे वापस लेकर राजपूत समाज के साथ न्याय करवाये.

गिरर्राज सिंह लोटवाडा ने कहा कि हमारे समझौते में यह कहीं नहीं था कि आंदोलन की सीबीआई जांच करवाई जाए. मुगल काल में भी ऐसा नहीं हुआ कि जिन्होंने आंदोलन किया उन पर कुठाराघात किया गया हो. केंद्र और राज्य सरकार से हमारी मांग है कि मुकदमे को एफआर लगाकर खत्म किया जाए. लोटवाडा ने बताया कि 12 जुलाई को समाज की इस मामले को लेकर बैठक बुलाई गई है सरकार अगर मान जाती है तो उनका धन्यवाद अर्पित करेंगे और सरकार अगर हमारी मांग नहीं मानती है तो हम आंदोलन करेंगे.

यह भी पढ़ें: सीएम गहलोत का बड़ा फैसला, इस साल नहीं होंगी स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाएं, बिना परीक्षा होंगे प्रमोट

लोटवाडा ने राजपूत समाज के विधायकों व सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा कि वो अगर इस मामले को लेकर मौन बैठे रहेंगे तो इसकी निश्चित रूप से उन्हें सजा मिलेगी. समाज सब जानता है, समाज सब कुछ देख रहा है. बीजेपी के पूर्व विधायक भवानी सिंह इस मामले को लेकर बोले हैं. मौजूदा सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मंत्री होते हुए भी बोले हैं, हम उनका स्वागत करते हैं. इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मेरी वार्ता हुई है, उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि गृह मंत्री के सामने मामले को रख कर इस समझौते के अनुरूप मांग रखेंगे. राज्य सरकार से भी हम मांग करते हैं कि वह इस केस को विड्रो कर सकते है. यह एक सामाजिक मामला है, अगर यह मामला खत्म नहीं होगा तो समाज इससे उज्जवलित होगा.

गौरतलब है कि इस मामले में राजपूत समाज के नेताओं के खिलाफ पेश की गई चार्जशीट को लेकर बीते शुक्रवार परिवहन मंत्री प्रतासिंह खाचरियावास ने केंद्र व राज्य के बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाए थे. इसके साथ ही सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए. खाचरियावास ने कहा था कि आनंदपाल सिंह एनकाउंटर फ़र्ज़ी था. इसलिए ही सीबीआई की जांच मांगी गई थी, लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार व केंद्र सरकार के इशारे पर सीबीआई ने तो राजपूत समाज के सभी नेताओं को ही दोषी करार दे दिया. इससे पहले श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी भी बीजेपी नेताओं पर जांच में फेरबदल के आरोप लगा चुके है.

Leave a Reply