पुलवामा हमला: पहली वर्षगांठ पर राहुल गांधी ने पूछे तीन सवाल तो संबित पात्रा ने बताया गांधी परिवार की आत्माओं को भ्रष्ट

बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के बयान को बताया 'नृशंस टिप्पणी', सीआरपीएफ ने भी किया ट्वीट, 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवान हुए थे शहीद

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. पुलवामा आतंकी हमले की आज पहली बरसी है. कश्मीर में एक आतंकी हमले में हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे. पूरा देश शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है. वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर तीन सवाल पूछते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा और हमले में जांच के परिणाम के बारे में सवाल उठाया है. वहीं राहुल गांधी के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी के बयान को ‘नृशंस टिप्पणी’ बताया. वहीं सीआरपीएफ ने भी सोशल मीडिया पर एक ट्वीट कर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं.

इससे पहले राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा, ‘आज जब हम पुलवामा आतंकी हमले में हमारे 40 सीआरपीएफ शहीदों को याद करते हैं, तो हमें पूछना चाहिए…

1. हमले से सबसे ज्यादा किसे फायदा हुआ?

2. हमले में जांच का परिणाम क्या है?

3. बीजेपी सरकार में से किसने अभी तक हमले की अनुमति देने वाली सुरक्षा चूक के लिए जवाबदेह ठहराया है?

राहुल गांधी के इस ट्वीट पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोशल मीडिया के जरिए ही पलटवार किया है. संबित पात्रा ने कहा कि पुलवामा हमला एक नृशंस हमला था और यह एक नृशंस टिप्पणी है. उन्होंने यहां राहुल गांधी के ट्वीट पर यहां निशाना साधा है. आगे संबित पात्रा ने कहा कि वो जानना चाहते है कि इससे सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ लेकिन श्रीमान गांधी, क्या आप लाभ से परे सोच सकते हैं? पात्रा ने आगे कहा कि गांधी परिवार कभी भी लाभ से परे नहीं सोच सकता. वे केवल भौतिक रूप से ही नहीं बल्कि उनकी आत्माएं भी भ्रष्ट है.

इसी कड़ी में सीआरपीएफ ने भी अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया और शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. सीआरपीएफ ने ट्वीट में लिखा, ‘तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं…गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं’.

https://twitter.com/crpfindia/status/1228023791621533696?s=20

गौरतलब है कि पिछले साल 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. पिछले एक दशक के दौरान सुरक्षाबलों पर यह एक सबसे बड़ा हमला था. यह हमला जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किया गया था. इस मामले की जांच अभी भी जारी है क्योंकि मामले का मुख्य गुनाहगार जैश मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में मौजूद है और अपने आतंकी साजिश के ताने-बाने बुनता रहता है.

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पुलवामा पर हमला हुआ तो देश का सीना मानो छलनी हो गया. हर किसी के दिल में दर्द था और आंख में आंसू. पुलवामा के शहीदों को आतंकियों ने जिस कायराना तरह से मौत के घाट उतार दिया गया उसकी पूरे देश ने निंदा की. देश में आक्रोश देखा गया और गुस्से की एक लहर पूरे देश ने महसूस की. बाद में भारतीय वायुसेना ने पीओके में घुसकर एयरस्ट्राइक की और आतंकी कैंप को निशाना बनाया.

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