Pinarayi Vijayan Latest News – पिनाराई विजयन केरल के मुख्यमंत्री हैं. इस समय वे केरल के धर्मदम विधानसभा सीट से विधायक है. विजयन केरल के नाम दो रिकॉर्ड दर्ज है, पहला वह राज्य के सबसे कम आयु में विधायक चुने गए थे. उस समय उनकी आयु 25 वर्ष थी. उनके नाम दूसरा यह है कि वह पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा चुने जाने वाले केरल के एकमात्र मुख्यमंत्री है. दरअसल विजयन वर्ष 2016 से लगातार दो कार्यकालों के लिए राज्य में मुख्यमंत्री पद पर आसीन है. इस लेख में हम आपको केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की जीवनी (Pinarayi Vijayan Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
पिनाराई विजयन की जीवनी (Pinarayi Vijayan Biography in Hindi)
| पूरा नाम | अनुमुला पिनाराई विजयन |
| उम्र | 80 साल |
| जन्म तारीख | 24 मई 1945 |
| जन्म स्थान | केरल के कन्नूर |
| शिक्षा | बीए |
| कॉलेज | गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज, थालास्सेरी |
| वर्तमान पद | केरल के मुख्यमंत्री |
| व्यवसाय | राजनीतिक |
| राजनीतिक दल | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | स्वर्गीय मारोली कोरान |
| माता का नाम | अलक्कट कल्याणी |
| पत्नी का नाम | कमला विजयन |
| बेटें का नाम | एक बेटा |
| बेटी का नाम | एक बेटी |
| स्थाई पता | – |
| वर्तमान पता | क्लिफ हाउस, तिरुवनंतपुरम, केरल |
| फोन नंबर | – |
| ईमेल | – |
पिनाराई विजयन का जन्म और परिवार (Pinarayi Vijayan Birth & Family)
पिनाराई विजयन का जन्म 24 मई 1945 को केरल के कन्नूर ज़िले में हुआ. पिनाराई विजयन के पिता का नाम स्वर्गीय मारोली कोरान और माता का नाम अलक्कट कल्याणी था. विजयन अपने माता पिता के चौदह संतानो में सबसे छोटे है.
पिनाराई विजयन का विवाह 1979 में कमला विजयन से हुआ. वह एक शिक्षिका थी. उनके दो बच्चे है. एक बेटा और एक बेटी. बेटी वीना विजयन ने मुस्लिम से विवाह किया जिसका नाम पीए मोहम्मद रियास है जबकि बेटे का नाम विवेक किरण विजयन है.
पिनाराई विजयन की शिक्षा (Pinarayi Vijayan Education)
पिनाराई विजयन ने थालास्सेरी के गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए की डिग्री हासिल की.
पिनाराई विजयन का राजनीतिक करियर (Pinarayi Vijayan Political Career)
पिनाराई विजयन की राजनीतिक यात्रा थालास्सेरी के गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज में छात्र संघ गतिविधियों के माध्यम से शुरू हुई थी. छात्र नेता रहते विजयन केरल छात्र संघ (केएसएफ) के कन्नूर जिला सचिव बने, जो बाद में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) बन गया. वे राज्य सचिव और बाद में केएसएफ के राज्य अध्यक्ष बने. इसके बाद वे केरल राज्य युवा संघ (केएसवाईएफ) में चले गए, जो बाद में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) बन गया.
बाद में, विजयन राज्य समिति के अध्यक्ष भी बनाये गए. उस अवधि के दौरान, जब केरल में कम्युनिस्ट अलग-अलग ठिकानों से राजनीतिक गतिविधियों का आयोजन कर रहे थे तब विजयन डेढ़ साल तक जेल में रहे थे. बाद में, उन्हें केरल राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुना गया. वे सीपीआई (एम) के कन्नूर जिला सचिव भी बने. बाद में, विजयन 1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए.
पहली बार विजयन ने कुथुपरम्बा से 1970 का केरल विधानसभा में चुनाव लड़ा. अपने पहले चुनाव में उन्हें जीत मिली. उस समय विजयन राज्य के सबसे कम आयु के विधायक का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज किया था. उसके बाद तो विजयन राज्य के जाने माने नेता बन गए और उन्हें फिर जीत मिलती रही. उन्होंने 1970, 1977 और 1991 में कुथुपरम्बा से तो 1996 में पय्यानूर से विधानसभा का चुनाव लड़ा. कुछ वर्षो के अंतराल के बाद उनकी जीत का सिलसिला फिर से शुरू हो गया और इसी कड़ी में विजयन 2016 और 2021 में केरल के ‘धर्मादोम विधानसभा सीट’ से चुनाव जीता.
विजयन पहली बार 2016 के केरल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बने. राज्य में हुए उस चुनाव में विजयन राज्य के ‘धर्मादोम निर्वाचन क्षेत्र’ से जीतकर विधायक बने थे. उसी के बाद पांच वर्ष के उपरांत हुए राज्य विधानसभा चुनाव में विजयन ने दूसरी बार अपनी सत्ता को कायम रखा.
केरल में हुए 2021 के चुनाव में विजयन के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार ने 99 सीटों पर जीत दर्ज करके राज्य में दोबारा से सत्ता का स्वाद चखा. इसके साथ ही विजयन के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज हुआ, वह यह है कि वह पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा चुने जाने वाले केरल के एकमात्र मुख्यमंत्री भी है.
वर्तमान में, पिनाराई विजयन केरल के मुख्यमंत्री है.
पिनाराई विजयन आपराधिक प्रवृत्ति के नेता
पिनाराई विजयन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता रहे है. इस पार्टी को संक्षेप में सीपीआई (एम) के नाम से अधिक जाना जाता है. भारत के इतिहास में वामपंथी पार्टियों के कारनामें क्रूरता और हिंसा से भरे रहे है. वामपंथी पार्टी का जन्म ही आंदोलन से हुआ है. अब यही कारण रहा कि भारत में ये पार्टियां धीरे धीरे ही सही पर, सिमट गई और अब यह भारत के गिने चुने राज्यों में ही अपने अस्तित्व को बचाये हुए है.
पिनाराई विजयन भी हिंसा से अछूता नहीं रहे है. वह केरल के पहले ऐसे नेता है, जो हत्या के आरोपी रहे है. वडिक्कल रामकृष्णन की हत्या 28 अप्रैल 1969 को कुल्हाड़ी से की गई थी. पर सबूतों के अभाव में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इसी के बाद राज्य में सीपीआई (एम) और आरएसएस में दशकों तक हिंसक संघर्ष चलता रहा, मोटे तौर पर इन संघर्षो में दोनों गुटों के करीब 200 से भी अधिक समर्थकों की जान गई है. आमतौर पर लोगो को बताया जाता है की केरल एक शिक्षित राज्य है पर लोगो को इस जानकारी से दूर रखा जाता है कि केरल भारत के उन टॉप राज्यों में आता है, जहां वामपंथी हिंसा चरम पर रही है.
इस लेख में हमने आपको केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की जीवनी (Pinarayi Vijayan Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























