पायलट ने दिया गहलोत को करारा जवाब, कहा बच्चों की मौत पर बैठने जाने की परिपाटी नहीं है तो उसे तोड़ा जाना चाहिए

जब हम महिलाओं के घूंघट की पुरानी चली आ रही परिपाटी को तोड़ने की बात करते हैं तो इस परिपाटी को भी तोड़ा जाना चाहिए, पंचायत राज संस्थाओं के सारे चुनाव करवाने की आयोग से की है अपील, बहुमत के बल पर हम अपनी बात किसी के ऊपर थोंपें यह लोकतंत्र में ठीक नहीं है

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट के बीच चली आ रही पुरानी अदावत के बीच पायलट ने सीएम गहलोत के नवजात बच्चों की मौत पर बैठने जाने की परिपाटी नहीं होने वाले बयान पर करारा पलटवार करते हुए कहा है कि एक तरफ जहां हम लोग परम्पराओं और जो गलत परिपाटीयां बनी हुई हैं उनको खत्म करने की बात करते हैं, हम जब कहते हैं कि महिलाओं को घूंघट से परहेज करना चाहिए, अच्छी बात है कि एक पुरानी गलत चली आ रही परिपाटी तो तोड़ने को बात हम कर रहे हैं. वहीं मैं समझता हूं कि जब किसी के घर में कोई मौत होती है तो उसका दुख बांटने के लिए, परिजनों के आंसू पौंछनें के लिए अगर परम्पराएं नहीं हैं तो ऐसी परम्पराएं भी तोड़नी चाहिएं. पायलट ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि अपनी जनता-अपने मतदाताओं का दुख बाटें, उनके घर जाएं. छोटे बच्चों की मौत पर कोई तैरवीं या तिये कार्यक्रम नहीं होता लेकिन उनके मां-बाप के आंसुओं को पौंछनें की जिम्मेदारी हम सब की है जो हमें मिलकर निभानी चाहिए.

दरअसल, बीते शनिवार पीसीसी पहुंचे सीएम अशोक गहलोत ने बगैर नाम लिए उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोटा मामले में कुछ लोगों ने अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की. गहलोत ने कहा था नवजात बच्चों की मौत पर बैठने जाने की कोई परिपाटी नहीं है ऐसे में उनके घरों में जाकर बैठने का कोई तुक नहीं था.

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याद दिला दें, पिछले दिनों कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में हुई 110 से ज्यादा नवजात बच्चों की मौत के बाद 3 जनवरी उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अस्पताल का दौरा किया था और नवजात बच्चों को खोने वाले पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया था. साथ ही अपनी ही सरकार के कामकाज को असंतोषजनक बताते हुए जिम्मेदारी तय करने की बात भी कही थी. इसके बाद से प्रदेश में सत्ता हो या विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी चली आ रही है.

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मकर सक्रांति के मौके पर पीसीसी पहुँचे प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट में पीसीसी पदाधिकारियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जमकर पतंगबाजी की. इस मौके पर पायलट ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी. वहीं बीजेपी नेताओं द्वारा सीएए के समर्थन में उड़ाई जा रही पतंग के सवाल पर कहा कि आज के दिन राजनीति की बात ना करें तो बेहतर है. लेकिन मुद्दे हवा में उड़ाने की बजाय धरातल पर जाएंगे तो उसका अच्छा रिस्पांस किसी भी दल को मिल सकता है.

हम चाहते हैं जो भी मुद्दे हैं उस पर चर्चा हो, लोगों की भावनाओं के अनुरूप काम होना चाहिए. आज पूरे देश में असंतोष का माहौल है. विश्वविद्यालयों में पुलिस जा रही है लोगों को मारा जा रहा है. इस तरह की घटना किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए अच्छी बात नहीं है. देश का नौजवान अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है. केंद्र सरकार में संवाद की कमी है, बहुमत के बल पर हम अपनी बात किसी के ऊपर थोंपें यह लोकतंत्र में ठीक नहीं है.

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वहीं नवगठित पंचायतों के चुनाव के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश की सरकार ने जो नवगठित पंचायतों के लिए नोटिफिकेशन निकाला था. उस नोटिफिकेशन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट के स्टे करने के बाद अब चुनाव के सारे रास्ते खुल गए है. जो काम सरकार को करना है वार्ड का पुनर्गठन और पुनःसीमांकन का नोटिफिकेशन के हिसाब से वह पूरी की जा चुकी है.

पायलट ने बताया कि मैंने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर आग्रह किया है प्रदेश में अब जल्दी चुनाव करवाये जाएं क्योंकि सारी कानूनी बाधाएं खत्म हो चुकी हैं. निर्वाचन आयोग अब अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाए, इसमें सरकार पूरी तरह से सहयोग करेगी. अब निर्वाचन आयोग पर निर्भर है कि वह कितना जल्दी चुनाव करवा पाते हैं. न्यायालय में जो मामले अटके हुए थे वह सारे निपट गए हैं.

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