अब हिमाचल में ‘हलचल’, ‘इतिहास चक्र’ तोड़ने के लिए BJP दे सकती है ‘संयोगी’ ठाकुर को विदाई!

उत्तराखंड, कर्नाटक और गुजरात के बाद अब हिमाचल में 'परिवर्तन रथ', भाजपा तोड़ना चाहती है चुनावी 'इतिहास चक्र', 4 साल का कार्यकाल पूरा होने पर दी जा सकती है ठाकुर को विदाई, इसके बाद तेजतर्रार युवा तुर्क पर खेला जा सकता है दांव !

गुजरात के बाद अब हिमाचल में 'हलचल'!
गुजरात के बाद अब हिमाचल में 'हलचल'!

Politalks.News/Himachal.  कर्नाटक, उत्तराखंड और गुजरात के बाद क्या अब हिमाचल प्रदेश की बारी है? भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलेगी या मंत्रिमंडल में बदलाव करके ही काम चलाया जाएगा? एक बड़ा सवाल यह भी है कि अगर बदलाव होता है तो वह कब होगा. अभी तुरंत या मंडी लोकसभा सीट के उपचुनाव के नतीजों तक इंतजार किया जाएगा? आपको बता दें कि पिछले दिनों मंडी के सांसद और राज्य के कई बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का निधन हो गया. उसके बाद से अगर कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व को लेकर रस्साकशी चल रही है तो भाजपा में भी इस बात पर विचार किया जा रहा है कि वीरभद्र सिंह के बाद की राजनीति में उसका क्या दांव हो कि वह लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटे. ध्यान रहे 1993 के बाद से हर पांच साल में भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली होती रही है. यानी पिछले करीब तीन दशक में कोई पार्टी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीती है.

हिमाचल का इतिहास चक्र तोड़ना भाजपा की चुनौती
भाजपा हाईकमान हिमाचल के इस ‘इतिहास चक्र‘ को तोड़ना चाहती है. पिछले दिनों इसे लेकर दिल्ली में हाई लेवल बैठक हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बुलाया गया था. उसके बाद शिमला में भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हुए थे. उस बैठक में राज्य सरकार के तीन मंत्रियों को नहीं बुलाया गया था. तभी से कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा और कम से कम तीन मंत्री हटाए जाएंगे.

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संयोग से बने सीएम हैं ठाकुर
यहां हम आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर साल के अंत में 27 सितंबर 2021 को चार साल पूरे करेंगे. उसके बाद भाजपा के पास चुनाव की तैयारी के लिए एक साल का समय होगा. उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत भी चार साल पूरे करने पर ही हटाए गए थे. तो, अगर हिमाचल में भाजपा को एंटी इन्कंबैंसी की फीडबैक मिली है तो दिसंबर में बदलाव हो सकता है. ध्यान रहे जयराम ठाकुर संयोग से बने मुख्यमंत्री हैं. भाजपा ने पिछला चुनाव पार्टी ने प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में लड़ा था और उन्हें 48 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे. लेकिन धूमल खुद चुनाव हार गए थे, जिसके बाद जयराम ठाकुर को राज्य की कमान मिली थी.

तेज तर्रार ठाकुर हो सकते हैं विकल्प
हिमाचल प्रदेश में भाजपा के पास सबसे युवा और तेजतर्रार चेहरा अनुराग ठाकुर जैसा चेहरा है. हिमाचल में अनुराग ठाकुर की जनआशीर्वाद यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिला था. अब देखना यह होगा की भाजपा कब गुजरात के बाद अपने परिवर्तन रथ को हिमाचल की वादियों में लेकर आती है.

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कई नेताओं की कुर्सी पर नजर- कांग्रेस 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, ‘हिमाचल में भी कई लोग बीजेपी नेताओं की सीएम की कुर्सी पर नजर है. प्रदेश में अनुराग ठाकुर की आशीर्वाद रैली निकाली गई. ऐसे में कभी भी हिमाचल में कुछ भी हो सकता है. बीजेपी की लोकप्रियता राज्य में घट चुकी है. सीएम को जनता नकार चुकी है. ऐसे में हो सकता है कि जयराम ठाकुर की भी कुर्सी चली जाए’.

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