पॉलिटॉक्स ब्यूरो. एक कहावत है ‘पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे लाजवाब’. अब ये कहावत राजस्थान (Rajasthan) में साकार होने जा रही है. अब राजस्थान सरकार स्कूल नेशनल में मेडल लाने वालों को सरकारी नौकरी (Rajasthan Government Job) देने की तैयारी में है. इसके लिए गहलोत सरकार ने 2013 के राजस्थान विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन किया है. अब नेशनल गेम्स में महज हिस्सा लेने पर ही नौकरी देने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य बन गया है. नियमों में संशोधन के चलते 1500 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिल सकेगी. पूर्व खिलाड़ी और दिव्यांग खिलाड़ी भी इस योजना के हकदार होंगे. हालांकि इसमें विभागों द्वारा तय एलिजिलिबिटी क्राइटेरिया भी लागू होगा. गौरतलब है कि पहले केवल देश के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों की ही नौकरी मिलती थी लेकिन अब प्रदेश का नेतृत्व करने वालों को भी नौकरी मिल सकेगी.

इस नए नियम के बाद राजस्थान में नेशनल खेलने वाले खिलाड़ियों की लॉटरी खुल गई है. नए नियमों के मुताबिक स्कूल गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (SGFI) की स्कूल स्तर की नेशनल प्रतियोगिता में मेडल जीतने वाले तथा भारतीय ओलिंपिक संघ के साथ पैरा ओलिंपिक कमेटी के राष्ट्रीय स्तर के खेलों में हिस्सा लेने पर भी सरकारी नौकरी मिलेगी. इस संबंध में प्रदेश के खेल एवं युवा मामलात मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) ने कहा, ‘प्रदेश के युवाओं में खेलों के प्रति जागरूकता लाने के लिए सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों को 2 फीसदी आरक्षण देने के लिए नियमों में संशोधन करने के साथ सरकार के 56 विभागों में नौकरी देने का प्रावधान किया गया है. अब राजस्थान में अब नई कहावत गढ़ गई है, पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे लाजवाब’.

मंत्री चांदना ने बताया कि पहले 52 सरकारी विभागों में ही खिलाड़ियों को नौकरी (Rajasthan Government Job) देने का प्रावधान था जिसमें चार विभाग अतिरिक्त जोड़कर विभागों की संख्या को 56 कर दिया है. नए नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर भी खेल मैदान को प्रोत्साहन दिया जाएगा जिसके लिए तहसील स्तर पर इंडोर और आउटडोर स्टेडियमों का निर्माण किया जाएगा.

खेल मंत्री ने नए नियमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि खिलाड़ियों की राष्ट्रीय खेलों में सफलता के हिसाब से अंक जुड़ेंगे. जिस खिलाड़ी की जैसी परफॉर्मेंस होगी, उतने ही ज्यादा या कम अंक दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अगर किसी खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीता है तो पहले इंटरनेशनल, फिर नेशनल, उसके बाद स्टेट और अन्य टूर्नामेंट के अंक जुड़ने के बाद मैरिट तय की जाएगी. विभाग अपने स्तर पर ट्रायल भी लेंगे और उसके अंक भी तय किए जाएंगे.

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मंत्री अशोक चांदना ने ये भी बताया कि राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने के लिए जनवरी में पहली बार राज्य खेलों का आयोजन किया जाएगा. इन खेलों में विजेताओं को स्कॉलरशिप (Rajasthan Government Job) दी जाएगी जिससे ये खिलाड़ी ​बिना किसी रोक रूकावट के आगे के खेलों की तैयारियां कर सकें. बता दें, राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है कि जो राष्ट्रीय स्तर के खेलों में केवल भाग लेने पर नौकरी दे रहा है.

ये हुए राजस्थान विभिन्न सेवा (संशोधन नियम) 2019 के नए बदलाव:

  • राष्ट्रीय स्तर के खेलों में राजस्थान की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी को दो फीसदी आरक्षण के तहत नौकरी के लिए पात्र बना दिया गया है.
  • स्कूल नेशनल गेम्स के पदक विजेता खिलाड़ी खेल कोटा में नौकरी के पात्र होंगे.
  • दिव्यांग खिलाड़ी भी खेल कोटा के तहत नौकरी के पात्र होंगे.
  • चयन में पादर्शिता रखने के लिए किसी भी राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल बॉडी के खेल प्रमाण पत्र मान्य होंगे. इसका नए संशोधित नियमों में स्पष्ट रूप से उल्लेख है.
  • पूर्व में 52 विभागों में नौकरी दी जाती थी जिसे बढ़कर 56 कर दिया गया है.
  • नए नियमों के मुताबिक राजस्थान लोक सेवा आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर सीधी भर्ती से किसी वर्ष विशेष में भरे जाने वाले कुल पदों के दो प्रतिशत पदों पर खिलाड़ियों के भर्ती किए जाने का प्रावधान है.
    (Rajasthan Government Job)

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