ज्यादा से ज्यादा टीमें बनाकर सर्वे के निर्देश, जाति-धर्म आधारित टिप्पणी करना उचित नहीं- सीएम गहलोत

ज्यादा से ज्यादा टीमें तैयार कर हर घर सर्वे करने के जिला कलेक्टरों को दिए निर्देश वहीं पत्रकारों से कहा राजस्थान में अभी नहीं है कम्यूनिटी संक्रमण की स्थिति, कुछ बीजेपी विधायकों को नाम लिए बिना दिया जवाब- खाने के पैकेट पर भेदभाव के आरोप गलत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में दिन-ब-दिन दौगुनी गति से बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या ने शासन, प्रशासन के साथ आम आदमी को सकते में ला दिया है. रविवार को भी प्रदेश में 104 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए, जिससे प्रदेश में बीती रात तक कोरोना संक्रमित कुल मरीजों की संख्या बढकर 804 हो गई, वहीं 2 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई. राजधानी जयपुर में रविवार को 40 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए. इस तरह कोरोना का एपिसेंटर बने जयपुर में अब तक 341 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को प्रदेश के विभिन्न जिला कलेक्टरों एवं पत्रकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कोरोना संकट पर चर्चा की. वहीं शाम को जयपुर के विधायकों के साथ कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की.

इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने बीजेपी के कुछ विधायकों द्वारा जाति-धर्म पर आधारित टिप्पणियों और खाने के पैकेट में भेदभाव को लेकर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां उचित नहीं हैं.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकना एक बड़ी जंग है, जिसे सभी लोगों को मिलकर लड़ना हैै. पूरी मानवता को बचाने के लिए इस संघर्ष में सभी वर्गों और समुदायों को आपसी भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता की सेवा के लिए साथ मिलकर काम करना होगा. कोरोना वायरस जाति या धर्म नहीं देखता, इसलिए हमें भी इस लड़ाई में जाति, धर्म या राजनीतिक विचारधारा की बात या इनके आधार पर भेद नहीं करना चाहिए.

रविवार शाम जयपुर केे विधायकों के साथ कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान बीजेपी नेताओं और सांगानेर विधायक अशोक लाहौटी द्वारा सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा बाटी जा रही राहत सामग्री को लेकर जाति-धर्म आधारित टिप्पणियों के बारे में उठाये गये सवालों पर सीएम गहलोत ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां उचित नहीं हैं, क्योंकि प्रदेश की सम्पूर्ण जनता इस गंभीर बीमारी के परिणामों को लेकर चिंतित है और इससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सकारात्मक भूमिका निभा रही है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा इस संकट के दौर में ग्राम सेवकों, नर्सों, अध्यापकों, आशा सहयोगनियों, पुलिस कार्मिकों से लेकर अधिकारियों तक सभी सेवा भाव से काम कर रहे हैं और सभी की भूमिका सराहनीय है. ऐसे में, मरीजों की जांच और इलाज तथा खाने के पैकेट बांटने जैसे कार्यों में भी कोई भेदभाव नहीं हो सकता और ना ही होना चाहिए. सीएम गहलोत ने बताया कि प्रदेश सरकार राजस्थान में मरीजों की बढ़ रही संख्या पर चिंतित है और इससे निपटने के लिए सुविधाओं और संसाधनों के विस्तार की सम्पूर्ण योजना पर लगातार काम कर रही है.

ज्यादा से ज्यादा टीमें बनाकर हो हर घर का सर्वे

जिला कलेक्टर्स के साथ वीसी के दौरान सीएम गहलोत ने विभिन्न जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए रूथलेस कन्टेनमेंट पर फोकस रखा जाए और जो इलाके हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हि्त किए गए हैं, वहां कर्फ्यू और आसपास के इलाकों में लॉकडाउन की सख्ती से पालना कराई जाये. सीएम गहलोत ने इस दौरान भीलवाड़ा मॉडल को फॉलो करते हुए ज्यादा से ज्यादा टीमें तैयार कर हर घर का सर्वे करने के निर्देश दिये ताकि सही समय पर कोरोना संक्रमित लोगों का पता चल सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. सीएम गहलोत ने कलेक्टर्स से कोरोना प्रभावित जिलों में प्रतिदिन किये जा रहे टेस्ट एवं उपलब्ध टेस्टिंग किट के बारे में जानकारी ली.

क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों की सही देखभाल हो

सीएम गहलोत ने जिला कलेक्टर्स को अधिक से अधिक संख्या में क्वारंटाइन सेंटर्स तैयार करने के निर्देश दिए. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि अस्पतालों में लोगों को क्वारंटाइन करने से बचें क्योंकि वहां पॉजिटिव पाए गये मरीजों के इलाज के लिये जगह रखना जरूरी है. इसके साथ ही क्वारंटाइन सेंटर पर रखे जा रहे लोगों की सही देखभाल करने और उन्हें समय पर खाना उपलब्ध कराने के निर्देश भी सीएम गहलोत ने दिए. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि लोगों की देखरेख करना राज्य सरकार का दायित्व है.

अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें टास्क सौंपें

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कलेक्टर्स से कहा कि जिलों में अलग-अलग टीमें बनाकर उन्हें टास्क सौंप दिया जाये. जिला रसद अधिकारी की देखरेख में एक टीम खाने-पीने की व्यवस्थाओं को देखे तो चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में टीम विभिन्न क्षेत्रों में स्क्रीनिंग पर ध्यान दे. स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण दिखाई देने पर व्यक्ति का टेस्ट कराया जाए. सीएम गहलोत ने आगे बताया कि रैपिड टेस्ट किट जल्दी आने वाले हैं, इसके बाद प्रदेश में टेस्टिंग कैपिसिटी बढ़ जाएगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को कवर किया जा सकेगा.

लॉकडाउन एवं कर्फ्यू का सख्ती से पालन हो

सीएम गहलोत ने संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में विशेष एहतियात बरतने और वहां लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि भीलवाड़ा में 25 कोरोना पॉजिटिव लोगों के ठीक होने के बाद अभी भी एहतियात के तौर पर 6000 लोग होम क्वारंटाइन में रखे गये हैं.

हर घर का सर्वे सुनिश्चित करें

मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि अन्य जिलों में भी जहां पॉजिटिव मरीज मिले हैं, वहां के कलक्टर्स इस महामारी को गंभीरता से लें और हर घर का सर्वे सुनिश्चित करें. पॉजिटिव मरीज के रिश्तेदारों, करीबियों और उनके संपर्क में आये अन्य लोगों को क्वारंटाइन किया जाये और जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन में रखा जाए. कोई भी पॉजिटिव स्वास्थ्य विभाग की टीम की नजर से बचा ना रह जाए इसका ध्यान रखें. पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के परिजनों को समझाए कि इस महामारी को रोकने का एक उपाय आइसोलेशन में रहना है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने सघन बसावट वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने को कहा.

पत्रकारों से वीसी के जरिये हुए रूबरु

वहीं प्रदेश के चुनिंदा पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि राजस्थान में अभी तक कोविड-19 महामारी कम्यूनिटी संक्रमण की स्थिति में नहीं पहुंची है. जयपुर के रामगंज में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण में है. राज्य सरकार वहां ज्यादा से ज्यादा लोगों के सैंपल टेस्ट और पॉजिटिव रोगियों के संपर्क में आये अन्य लोगों को क्वारंटाइन करने पर जोर दे रही है. सीएम गहलोत ने आगे बताया कि लॉकडाउन के अगले चरण की रूपरेखा को विशेषज्ञों की समिति अंतिम रूप दे रही है.

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वीसी के दौरान एक सवाल के जवाब में सीएम गहलोत ने बताया कि रामगंज में स्वास्थ्य विभाग तथा प्रशासन युद्ध स्तर पर स्क्रीनिंग तथा टेस्टिंग की कार्यवाही को अंजाम दे रहा है, जिससे जल्द संक्रमित लोगों की सही संख्या पता चल जाएगी. घनी आबादी के कारण इस क्षेत्र में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण एक बड़ी चुनौती है, लेकिन सरकार के विभिन्न विभाग उसी गंभीरता के साथ संक्रमण को रोकने के प्रयास में जुटे हैं.

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि भीलवाड़ा मॉडल का मतलब ही सख्ती है. रामगंज सहित पूरे प्रदेश में जहां भी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, वहां तयशुदा प्रोटोकॉल का कड़ाई के साथ प्रभावी रूप से पालन कर स्क्रीनिंग, संदिग्ध मरीजों का सर्वे और सैम्पल लेने का काम किया जा रहा है.एक अन्य सवाल के जवाब में सीएम गहलोत ने बताया कि सर्वे और स्क्रीनिंग का मकसद घर-घर जाकर इस बात का पता लगाना है कि कहीं कोई बीमार तो नहीं है या किसी में इस वायरस से संबंधित लक्षण पाये जाये तो वहां मेडिकल टीम भेजी जा सके. भीलवाड़ा में करीब 6 लाख घरों की स्क्रीनिंग हुई थी जिनमें से 14000 लोगों में फ्लू के लक्षण पाये गये थे, जिनकी आगे जांच कर पॉजिटिव रोगियों का पता लगाया गया. प्रदेश में निरोगी राजस्थान अभियान पहले से ही चल रहा है, जिससे लोगों में जागरूकता है.

कोरोना वॉरियर्स के लिए समुचित प्रबन्ध

मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए समुचित प्रबन्ध हैं. पीपीई किट सहित उपकरणों की वर्तमान में कोई कमी नहीं है. किसी भी संवर्ग के कार्मिक की कोरोना योद्धा के रूप में काम करते समय संक्रमित होकर मृत्यु की स्थिति में प्रदेश सरकार ने परिजनों को 50 लाख रूपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने पर आवश्यकता के अनुसार और अधिक क्वारंटाइन सेंटर्स तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोये यह हमारा संकल्प

एक मीडिया प्रतिनिधि के सवाल के जवाब में सीएम गहलोत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण काम-धंधे बंद होने के चलते एक भी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने देने के संकल्प की पूरी पालना की जा रही है. कुछ अपवाद को छोड़कर राजस्थान में कहीं से भी प्रवासी मजदूरों और उनके परिजनों के भूखे रहने की शिकायत नहीं मिली है. प्रदेश में जहां से भी सूचना मिलती है वहां तुरन्त राशन, सूखी भोजन सामग्री अथवा पका हुआ भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. जयपुर में रोजाना भोजन के एक लाख पैकेट बांटे जा रहे हैं. इसी प्रकार, अन्य शहरों और प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भोजन व्यवस्था की जा रही है. बेघर लोगों, दिहाड़ी मजदूरों, ठेले-थड़ी वालों का सभी जिलों में विशेष सर्वे करवाकर उन्हें सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है.सीएम गहलोत ने यह भी बताया कि राज्य सरकार के निर्देश हैं कि फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों का वेतन फैक्ट्री मालिकों की ओर से लॉकडाउन के कारण नहीं रोका जाये. संकट की इस घडी में फैक्ट्री मालिकों को चाहिए कि जिन मजदूरों के खून-पसीने से उनकी फैक्ट्री चलती है उन्हें परिवार का सदस्य मानकर विपदा की इस घड़ी में उनका साथ दें.

ब्याज मुक्त ऋण के रूप में मिले केन्द्रीय सहायता

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के सभी राज्यों की आर्थिक स्थिति पहले से ही ठीक नहीं थी. कोरोना के संक्रमण और इसके क्रम में लॉकडाउन के कारण हालात और खराब हो गये हैं. हमने सभी राज्यों की इस बेहद चिंताजनक स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री से एक लाख करोड़ रूपये की राशि अनुदान के रूप में देने का आग्रह किया है. राज्य के जीडीपी के 3 प्रतिशत तक की राजकोषीय घाटे की सीमा को 5 प्रतिशत करने, राज्यों को वेज एण्ड मीन्स की स्थिति में ब्याज-मुक्त ऋण उपलब्ध कराने तथा प्रोत्साहन पैकेज देने की मांग भी रखी गई है.

बता दें, राजस्थान के 25 जिलों में अब तक कोरोना का संक्रमण फैल चुका है. जिसमें अकेले जयपुर में सर्वाधिक 341, टोंक-59, बांसवाडा-52, जोधपुर-51, कोटा-40, बीकानेर-34, झुंझुनू-31, जैसलमेर-29, भीलवाडा-28, झालावाड और चुरू में 14-14, भरतपुर-9, दौसा-8, अलवर-7, अजमेर और डूंगरपुर में 5-5, नागौर-6, उदयपुर-4, करौली-3, प्रतापगढ, हनुमानगढ, सीकर और पाली में 2—2, धौलपुर और बाडमेर में अब तक एक एक कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया है. वहीं प्रदेश में ईरान से रेस्क्यू कर लाये गये भारतीयों में से 52 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. इसके अलावा जयपुर में इटली के 2, इन सभी को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 804 तो कोरोना से मरने वालों की संख्या 11 पहुंच गई है. वहीं प्रदेश में अब तक 804 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 121 मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके है जिनमें से 63 को डिस्चार्ज किया जा चुका है.

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