Lalduhoma Latest News – लालदुहोमा मिजोरम के मुख्यमंत्री हैं. लालदुहोमा पर राजनीति का रंग ऐसे चढ़ा कि ‘भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की नौकरी छोड़कर इंदिरा के समय में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. पूर्व आईपीएस लालदुहोमा जो कभी इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रमुख रहे है, आज मिजोरम के मुख्यमंत्री है. लालदुहोमा को गांधी परिवार का वफादार माना जाता है. इस लेख में हम आपको मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा राय की जीवनी (Lalduhoma Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
लालदुहोमा की जीवनी (Lalduhoma Biography in Hindi)
| पूरा नाम | लालदुहोमा |
| उम्र | 76 साल |
| जन्म तारीख | 22 फरवरी 1949 |
| जन्म स्थान | मिजोरम के तुआलपुई |
| शिक्षा | स्नातक |
| कॉलेज | गुवाहाटी विश्वविद्यालय |
| वर्तमान पद | मिजोरम के मुख्यमंत्री |
| व्यवसाय | राजनीतिक |
| राजनीतिक दल | ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | वैसांगा |
| माता का नाम | कैचिंगी |
| पत्नी का नाम | लियानसैलोवी |
| बेटें का नाम | तीन बेटे |
| बेटी का नाम | – |
| स्थाई पता | – |
| वर्तमान पता | – |
| फोन नंबर | – |
| ईमेल | – |
लालदुहोमा का जन्म और परिवार (Lalduhoma Birth & Family)
लालदुहोमा का जन्म 22 फरवरी 1949 को मिजोरम के तुआलपुई गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम वैसांगा था जबकि माता का नाम कैचिंगी था. वे चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. लालदुहोमा का विवाह लियानसैलोवी से हुआ था. उनके तीन बेटे है.
लालदुहोमा की शिक्षा (Lalduhoma Education)
लालदुहोमा ने ख्वाज़ावल के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की और चम्फाई के जीएम हाई स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. बाद में, उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से स्नातक भी किया.
लालदुहोमा का शुरुआती जीवन (Lalduhoma early life)
शुरुआत में लालदुहोमा ने वर्ष 1972 में मिज़ोरम के प्रथम मुख्यमंत्री चौधरी छुंगा के मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रधान सहायक के तौर पर काम किया. लालदुहोमा ने 1972 से 1977 तक मिजोरम के मुख्यमंत्री के निजी सहायक के रूप में काम किया. बीए करने के बाद लालदुहोमा शिलांग में भारतीय सिविल सेवा परीक्षाओं में शामिल हुए. 1977 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) उत्तीर्ण करने के बाद, लालदुहोमा की पहली पोस्टिंग गोवा के पणजी में एक सहायक अधीक्षक (ASP) के रूप हुई थी. बाद में, उनका प्रोमोशन हो गया. लालदुहोमा को गांधी परिवार का करीबी माना जाता रहा है. वे 1982 के एशियाई खेलों की आयोजन समिति के सचिव थे, जिसकी अध्यक्षता राजीव गांधी ने की थी.
लालदुहोमा का राजनीतिक करियर (Lalduhoma Political Career)
लालदुहोमा की राजनीतिक यात्रा कांग्रेस के साथ शुरू हुई. चूँकि उनका गांधी परिवार के साथ विशेष रिश्ता था इसलिए उन्होंने राजनीति में आने के लिए पुलिस की नौकरी भी छोड़ दी और 1984 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. बाद में, इंदिरा के करीबी होने के कारण लालदुहोमा को इंदिरा के कहने पर तुरंत कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त ‘मिजोरम राज्य योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष’ नियुक्त किया गया. उन दिनों इंदिरा का बोलबाला था, इसी कारण राजनीति में आते ही लालदुहोमा को बड़े पद मिल गए.
बाद में, लालदुहोमा को 31 मई 1984 को मिजोरम कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया. दिसंबर 1984 के लोकसभा चुनाव में, लादुहोमा मिजोरम निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुने गए. उन्हें उसी वर्ष कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा. जल्द ही लालदुहोमा का कांग्रेस से मोह भंग हो गया पर उस समय वो कांग्रेस के टिकट पर जीतकर सांसद थे. संविधान के नियम के अनुसार कोई सांसद और राज्य विधानमंडल के सदस्य उस पार्टी को छोड़ने पर अयोग्य घोषित किए जा सकते हैं, जिसके टिकट पर वे चुने गए थे. अब यही कारण लालदुहोमा को लोकसभा अध्यक्ष ने 24 नवंबर 1988 को अयोग्य घोषित कर दिया. इसके साथ ही लालदुहोमा आजादी के बाद देश के पहले ऐसे सांसद बन गए जिसे ‘दलबदल विरोधी कानून’ के तहत अयोग्य घोषित किया गया हो.
इसी के बाद लालदुहोमा ने 1986 में मिजो नेशनल यूनियन (एमएनयू) का गठन किया, हालांकि बाद में, इसका मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में विलय हो गया. आगे चलकर वर्ष 2018 के चुनाव में उनकी पार्टी ‘ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेपीएम) में शामिल हो गई. इसी के बाद जेपीएम गठबंधन ने उन्हें चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया. हालांकि चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिलने के कारण गठबंधन से अलग एक स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने अपना भाग्य आजमाया. जिसमें उनकी जीत हुई. उन्होंने मिजोरम के आइज़ोल पश्चिम और सेरछिप विधानसभा सीट से विजय हासिल की. हालांकि जीत के बाद उन्होंने आइज़ोल पश्चिम से त्यागपत्र दे दिया और सेरछिप विधानसभा सीट से विधायक बने रहे. बाद में, उन्हें मिजोरम विधान सभा में विपक्षी पीठ के नेता के रूप में चुना गया. लेकिन लालदुहोमा का किस्मत ने एक बार फिर से साथ छोड़ दिया.
दरअसल हुआ यह कि लालदुहोमा राजनीति में बने रहने के लिए कोई भी सीमा पार करने को तैयार थे इसी कारण जब भारत के चुनाव आयोग ने उनके गठबंधन ‘ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेपीएम) को मान्यता नहीं दी तब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए पर जीत के बाद वे निर्दलीय की तरह न रहकर जेपीएम नेता के रूप में काम करना जारी रखा जबकि एक वर्ष बाद ही इस पार्टी को पंजीकृत राजनीतिक दल की मान्यता मिल गई थी.
इसी के बाद मिजोरम विधानसभा के अध्यक्ष लालरिनलियाना सैलो ने उन्हें तब अयोग्य घोषित कर दिया जब उन्हें सत्तारूढ़ दल ‘मिजो नेशनल फ्रंट’ के 12 विधायकों से लिखित शिकायत मिली, जिसमें कहा गया था कि लालदुहोमा ने दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन किया है, क्योंकि एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बाद भी वे जेपीएम पार्टी के नेता के रूप में कार्य करना जारी रखा था. इसी के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें 27 नवंबर 2020 को विधानसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया. लालदुहोमा मिज़ोरम विधान सभा या यूँ कहे भारत के किसी भी राज्य विधानमंडल से हटाए जाने वाले पहले विधायक बन गए.
लालदुहोमा के लिए राजनीतिक करियर में यह बहुत बुरा रहा की उन्होंने भारत के पहले सांसद और देश के किसी भी राज्य के पहले विधायक के रूप में अपना नाम दर्ज करवा लिया, जिसे ‘दल-बदल विरोधी कानून का उल्लंघन के तहत दोषी पाया गया और दोषी पाए जाने के बाद जिसे बर्खास्त किया गया.
राज्य में हुए 2023 के विधानसभा चुनाव में लालदुहोमा की पार्टी ‘ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेपीएम)’ की भारी जीत हुई. उनकी पार्टी ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी ‘मिजो नेशनल फ़्रंट (एमएनएफ)’ को हराकर पहली बार सत्ता में आयी. इसी जीत के बाद लालदुहोमा को 8 दिसंबर 2023 को मिज़ोरम का मुख्यमंत्री बनाया गया.
वर्तमान में, लालदुहोमा मिजोरम के मुख्यमंत्री है.
इस लेख में हमने आपको मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा की जीवनी (Lalduhoma Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























