बस एक फोन कॉल….और बन गई बात! पंजाब के कैप्टन की मौजूदगी में सिद्धू बने कांग्रेस के ‘कप्तान’

सिद्धू अब पंजाब कांग्रेस के नए 'कप्तान', एक फोन कॉल के बाद कैसे माने 'सिंह' साहब, सिद्धू के बहाने कांग्रेस पार्टी में आलाकमान का इकबाल हुआ बुलंद, अमरिंदर ने सिद्धू को बताया बच्चा, तो सिद्धू ने भी कहा- मोटी चमड़ी वाला हूं, अमरिंदर ने जताई एक बार और एक साल के लिए मुख्यमंत्री बनने की इच्छा

एक फोन कॉल और... बन गई बात!
एक फोन कॉल और... बन गई बात!

Politalks.News/PunjabPolitics.
पंजाब में अभूतपूर्व समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद पर ताजपोशी हुई. पंजाब कांग्रेस भवन में हुए समारोह में सिद्धू ने एक बार फिर अपने तेवर दिखाए. जब वह भाषण देने के लिए खड़े हुए तो भगवान को याद किया, क्रिकेट शॉट मारने का एक्शन किया. अपने दाईं ओर बैठे कैप्टन और हरीश रावत को इग्नोर करते हुए आगे बढ़े और पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भट्‌ठल और लाल सिंह के पैर छूकर आशीर्वाद लिया. इसके बाद वे भाषण देने खड़े हुए. सिद्धू ने कहा कि ‘मेरा दिल चिड़े के दिल जैसा नहीं है, जो मेरा विरोध करेंगे, वो मुझे और मजबूत बनाएंगे, मेरी चमड़ी मोटी है, मुझे किसी के कहने-सुनने से कोई फर्क नहीं पड़ता

‘प्रधान’ बनते ही विपक्ष पर नवजोत ने उगली ‘ज्वाला’
नवजोत सिद्धू ने अपने भाषण में विरोधियों को खूब ललकारा. सिद्धू बोले- परखने से कोई अपना नहीं रहता, किसी भी आइने में ज्यादा देर चेहरा नहीं रहता. आज सारे कांग्रेस कार्यकर्ता प्रधान बन गए क्योंकि कार्यकर्ताओं के सहयोग के बिना कोई पार्टी राजनीति में टिक नहीं सकती’. इस बीच सिद्धू ने किसानों के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुआ कहा कि, ‘जिनके मत से बनती हैं सरकारें, आज दर बदर सड़कों पर भटक रहे हैं बेचारे‘. 15 अगस्त से सिद्धू का बिस्तरा कांग्रेस भवन में लगेगा, मंत्रियों से अपील है कि, ‘वे मुझसे मिलने आएं, पंजाब मॉडल को आगे ले जाकर दिल्ली मॉडल को फेल करना है

‘सिंह साहब’ के सामने गिनाईं पंजाब की समस्याएं
नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सामने पंजाब के सामने खड़ी चुनौतियों को गिना दिया. सिद्धू ने कहा कि, ‘इस वक्त सबसे बड़ा मसला ये है कि हमारे किसान दिल्ली में बैठे हैं. मैं किसानों से मिलना चाहता हूं. इसके अलावा बेअदबी का मसला है. ETT टीचर सड़कों पर हैं. डॉक्टर हड़ताल पर हैं. कंडक्टर, ड्राइवर धरने पर हैं. इन सभी के मसले हमें हल करने हैं. इसके लिए उनकी समस्याएं सुननी होंगी. मैं सभी के बीच जाऊंगा, बात करुंगा और उन्हें हर संभव तरीके से अपने साथ लेकर आऊंगा‘.

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एक फोन कॉल…….और हो गई सुलह !
अब सियासी गलियारों में सबसे बड़ी चर्चा इस बात की है कि तमाम विरोध के बीच ऐसा क्या हुआ कि अमरिंदर सिंह सिद्धू की ताजपोशी में पहुंच गए. जबकि विधायकों और सांसदों का विरोध हो रहा था. जबकि खुद अमरिंदर सिंह सिद्धू से सार्वजनिक माफी मंगवाने पर अड़े थे. जानकार सूत्रों की मानें तो कल रात सोनिया गांधी का फोन गया था अमरिंदर सिंह के पास और साफ कहा गया कि फैसला हो चुका है हम पीछे नहीं हटेंगे, आप भी कॉपरेट कीजिए. बताया यह भी जा रहा है कि सोनिया ने सांसद बाजवा, बिट्टा और बाजवा को भी फोन किया. सोनिया गांधी के फोन के बाद ही मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया की सुबह विधायकों के साथ चाय पार्टी है. इसके बाद ही आलाकमान संतुष्ट हुआ.

आलाकमान का दो टूक सन्देश
दरअसल, पिछले कुछ सालों में यह नरेटिव बन रहा था कि क्षत्रपों के सामने दिल्ली आलाकमान कमजोर पड़ जाता है. अब पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू के बहाने गांधी परिवार ने आलाकमान के इकबाल को बुलंद करने का जरिए बनाया है. सिद्धू की नियुक्ति से अन्य राज्यों को भी साफ संकेत दे दिया गया है कि आलाकमान जो कहेगा सबको मानना पड़ेगा. पंजाब से सबसे बड़ा मैसेज ये भी दिया गया कि प्रदेशाध्यक्ष की ऐसी ताजपोशी हुई जैसे कि कोई मुख्यमंत्री की होती है. तमाम विधायकों और सांसदों को समारोह में बुलाया गया. दिल्ली से चार्टर बुक कर सभी सांसदों को चंडीगढ़ भेजा गया.

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‘एक साल के लिए बना दो मुख्यमंत्री’
अमरिंदर सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि कैप्टन ने आलाकमान के सामने एक अंतिम इच्छा भी जाहिर की है कि अगर पंजाब में कांग्रेस जीतती है तो एक साल के लिए वो मुख्यमंत्री रहेंगे उसके बाद खुद ही रिटायरमेंट ले लेंगे. लेकिन अब ये सब तो चुनाव के बाद ही तय होता नजर आ रहा है.

चाय पार्टी पिघलती दिखाई दी ‘विवादों की बर्फ’
पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच रिश्तों में जमी बर्फ चाय की गर्माहट के साथ पिघलती दिखी. नए बने प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चाय पार्टी का आयोजन किया और उसमें दोनों की मुलाकात हुई. इस दौरान सिद्धू ने पैर छूकर अमरिंदर सिंह का आशीर्वाद मांगा.

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अभी भी माफी पर अड़े हैं ‘महाराजा’!
अमरिंदर सिंह से जुड़े सूत्रों की माने तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी के सीनियर नेताओं की बैठक में साफ कहा कि जब तक सिद्धू माफी नहीं मांगते, तब तक निजी तौर पर वे उनसे मुलाकात नहीं करेंगे. ताजपोशी पार्टी का कार्यक्रम है. मैं कांग्रेसी हूं, इसलिए जाऊंगा. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैप्टन और सिद्धू के बीच में छिड़ी जंग के दूर होने के आसार तो दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कैप्टन माफी मंगवाने पर अड़े हैं. बता दें कि गुरुवार को नए कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा और संगत सिंह गिलजियां ने कैप्टन से मिलकर उन्हें कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण पत्र दिया था. इस पत्र पर चारों कार्यकारी अध्यक्षों के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू के भी हस्ताक्षर थे.

कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले- सिद्धू के पिता मुझे राजनीति में लाए थे
सिद्धू की ताजपोशी समारोह में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंच से सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने पर बधाई दी. कैप्टन ने समारोह में सुनील जाखड़ की तारीफों के पुल बांधे. कैप्टन ने कहा कि, ‘जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस के लिए बहुत कुछ किया है. उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. इसके बाद सिद्धू और अपने कनेक्शन पर बोले- ‘जब सिद्धू पैदा हुए थे तब से उनके परिवार को जानता हूं. सिद्धू का जन्म 1963 में हुआ था और यही वक्त था जब मैं चीन के बॉर्डर पर शिफ्ट हुआ था. मेरी माता जी ने और सिद्धू के पिता ने भी साथ काम किया. सिद्धू के पिता तब पटियाला के प्रधान हुआ करते थे. इसके बाद मेरी माता जी 1967 में लोकसभा में आ गईं‘. कैप्टन ने कहा कि, ‘जब मैं 1970 में सेना छोड़ के आया तो माता जी ने कहा कि राजनीति में कदम रखो, पर मैं तो बिलकुल भी राजनीति नहीं जानता था. तब माता जी ने कहा- सिद्धू के पिता सरदार भगवंत सिंह सब सिखा देंगे. इसके बाद फिर सिद्धू के पिता के साथ मेरी कई बैठकें हुईं, कुछ मेरे तो कुछ सिद्धू के घर पर. इसके बाद एक समय में सरदार भगवंत सिंह मेरे कदम सियासत में ले ही आए’. कैप्टन ने सिद्धू को लेकर आगे कहा कि, ‘जब मैं इनके घर जाया करता था, तब सिद्धू की उम्र 6 साल हुआ करती थी और ये इधर-उधर भागते फिरते थे‘.

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इसी के साथ खुद अमरिंदर सिंह ने बताया कि, ‘सोनिया जी ने मुझसे कहा कि अब नवजोत पंजाब के अध्यक्ष होंगे और आप दोनों को मिलकर काम करना होगा तो मैंने कह दिया था कि आपका जो भी फैसला होगा, वो हमें मंजूर होगा’.

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