जीतन राम मांझी की जीवनी | Jitan Ram Manjhi Biography in Hindi

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Jitan Ram Manjhi Latest News – जीतन राम मांझी मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए के तीसरे कार्यकाल की सरकार में सबसे अधिक आयु के केंद्रीय मंत्री है और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री है. वह मोदी सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री है. वह अपनी स्वयं की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM), जो एनडीए का हिस्सा भी है, से गया से सांसद है. इस लेख में हम आपको लोकसभा से सांसद और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री श्री जीतन राम मांझी की जीवनी (Jitan Ram Manjhi Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

जीतन राम मांझी की जीवनी (Jitan Ram Manjhi Biography in Hindi)

पूरा नाम जीतन राम मांझी
उम्र 80 साल
जन्म तारीख 06 अक्टूबर 1944
जन्म स्थान खिजरसराय, बिहार
शिक्षा बीए
कॉलेज मगध विश्वविद्यालय
वर्तमान पद बिहार के गया से सांसद
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, व्यापार
राजनीतिक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम स्वर्गीय रामजीत राम मांझी
माता का नाम सुकुमारी देवी
पत्नी का नाम शांति देवी
बच्चे
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता ग्राम महकार, डाकघर-सपनेरी थाना- महकार गया बिहार
वर्तमान पता दिल्ली
फोन नंबर 9431800705,9934058186
ईमेल jrmpatna[at]gmail[dot]com

जीतन राम मांझी का जन्म और परिवार (Jitan Ram Manjhi Birth & Family)

जीतन राम मांझी का जन्म 6 अक्टूबर 1944 को बिहार के जिले के खिजरसराय क्षेत्र के महकार गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम रामजीत राम मांझी तो उनकी माता का नाम सुकरी देवी था.

जीतन राम मांझी का विवाह वर्ष 1956 में शांति देवी से हुआ था. उनके पांच संतान है. उनके दो बेटे और पांच बेटियां हैं. उनके एक बेटे संतोष सुमन मांझी एमएलसी हैं. जीतन राम मांझी हिन्दू है और वह जाति से मुसहर (दलित) है. उनपर 6 आपराधिक मुकदमा दर्ज है.

जीतन राम मांझी की शिक्षा (Jitan Ram Manjhi Education)

जीतन राम मांझी गया के मगध विश्वविद्यालय से (1966) स्नातक (BA ) हैं.

जीतन राम मांझी का शुरूआती जीवन (Jitan Ram Manjhi Early Life)

जीतन राम मांझी खेतिहर मजदुर (किसान) परिवार से आते और उनका जीवन अत्यंत गरीबी और अभाव के बीता. उनका शुरूआती जीवन और पढाई लिखाई गांव में ही हुआ. उन्हें बड़ी जातियों का पूरा समर्थन मिला और उन्ही के सहयोग से वह पढाई की. उन्हें उच्च जाति के शिक्षक ने पढ़ाया और उन्हें शिक्षा का महत्व समझाया. बाद में उन्होंने 13 साल तक गया टेलीफोन एक्सचेंज में तब तक काम किया जब तक कि उनके छोटे भाई पुलिसकर्मी नहीं बन गए.

जीतन राम मांझी का राजनीतिक करियर (Jitan Ram Manjhi Political Career)

जीतन राम मांझी की राजनीतिक यात्रा 1980 में शुरु हुई जब इसी वर्ष वह कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बिहार के गया जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद जीतन राम मांझी बिहार में चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में पहली बार मंत्री बनाये गए. उसके बाद अगले चुनाव जो 1985 में बिहार में हुआ, उसमें वह दोबारा फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर जीत हासिल की. इस तरह मांझी के लिए 1980 से लेकर 1990 तक का एक दशक समय बहुत शानदार रहा क्योकि इन एक दशक में माझी लगातार मंत्री के पद पर बने रहे जबकि उन एक दशक में बिहार में तीन मुख्यमंत्री बन गए थे जिनमें बिंदेश्वरी दुबे , सत्येंद्र नारायण सिन्हा और जगन्नाथ मिश्रा शामिल थे. मांझी इन तीनो ही मुख्यमंत्रियों के शासन में राज्य मंत्री थे. पर मांझी के लिए उसके बाद का समय कठिन रहा क्योकि वह वह 1990 में हुए बिहार विधान सभा चुनाव में बुरी तरह से हार गए.

जीतन राम मांझी उन नेताओ में आते है जिनके लिए पार्टियां कोई मायने नहीं रखती है, वह तो पद और जीत के लिए राजनीति करते है. जैसे ही मांझी को लगा की अब लोग कांग्रेस से ऊब गए है और इसी के कारण उन्हें 1990 में हार हुई वैसे ही वह तुरंत बाद जनता दल में चले गए. उसके बाद जब 1996 में जनता दल का विभाजन हुआ और लालू प्रसाद यादव ने अपनी अलग पार्टी जिसको उसने ‘राष्ट्रीय जनता दल बनाई’ नाम दिया को बनाया तो जीतन राम मांझी बिना देर किये तत्काल से लालू यादव की पार्टी राजद में शामिल हो गए. क्योकि उन्हें लगा कि अब बिहार में लालू का बोलवाला है उसी के साथ रहकर मंत्री पद पाया जा सकता है. उसके बाद जीतन राम मांझी 1996 के उपचुनाव में बाराचट्टी सीट जीत ली और उसके बाद हुए राज्य विधान सभा चुनाव 2000 में दोबारा से गया के बाराचट्टी सीट से फिर से राजद के टिकट पर जीत गए.

जीतन राम मांझी लालू यादव और लालू की पत्नी राबड़ी देवी की सरकारों में लगातार 1996 से लेकर 2005 तक मंत्री रहे. उसके बाद वर्ष 2005 के चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) एनडीए गठबंधन से लालू की पार्टी आजेडी हार गई वैसे ही जीतन राम मांझी

राजद से किनारा कर लिया और जनता दल (युनाइडेट) में शामिल होकर जीत दर्ज की. मांझी की सीट वही गया की बाराचट्टी थी पर पार्टी इस बार अलग थी पर जनता तो जनता है उसे क्या पता कि उनके नेताओ के लिए चुनाव एक करियर चमकाने का रास्ता है. खैर इस सीट से माझी ने राजद के समता देव को हराया.

इसके बाद जीतन राम मांझी लालू के समय मंत्री रहते एक घोटाने के मामले में फंस गए. राबड़ी देवी सरकार में एक मंत्री रहते उन पर फर्जी डिग्री पाठ्यक्रम चलाने के लिए संस्थानों को अवैध अनुमति देने का आरोप था. इस कारण मांझी को त्यागपत्र देने पड़ा पर वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में जीतन राम माझी को फिर से शामिल कर लिया गया. इसके बाद वर्ष आता है 2010 का. इस वर्ष बिहार चुनाव में जीतन राम माझी जहानाबाद जिले के मखदुमपुर विधान सभा क्षेत्र से चुने गए.

अब आता है नितीश का मोदी विरोध समय. 2014 में एनडीए का प्रधानमंत्री चेहरा नरेंद्र मोदी को घोषित कर दिया गया था और नितीश कुमार मुस्लिम वोट बैंक के कारण मोदी विरोध में एनडीए गठबंधन से अपनी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) को अलग कर लिया था तो उसी के साथ जीतन राम मांझी भी हो गए और भाजपा के विरोध में गया से चुनाव लड़ा, लेकिन जीतन राम मांझी की उस चुनाव में बुरी तरह से हार गए और उस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे जबकि वहां से भाजपा के हरि मांझी की जीत हुई.

जीतन राम मांझी को एक समय नितीश कुमार का सबसे विश्वासपात्र माना जाता था. अपने ख़राब प्रदर्शन के कारण जब बिहार के वर्तमान सीएम और और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने त्यागपत्र दिया तो उन्ही की पार्टी के जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बन गए. इस तरह वह बिहार के 23वें मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद जब दस महीने बाद पार्टी ने उनसे नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री के रूप में लौटने के लिए इस्तीफा देने को कहा तो मांझी मुख्यमंत्री का पद छोड़ने से साफ साफ इंकार कर दिया. जिसके परिणामस्वरूप जीतन राम मांझी को  जेडीयू से फरवरी 2015 में बाहर निकाल दिया गया. इसी के बाद जीतन राम मांझी ने अपनी स्वयं की एक पार्टी जिसका नाम उन्होंने हिंदुस्तान आवाम मोर्चा-सेक्युलर (HAM-S), गठन किया और भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए में शामिल हो गए.

बाद में वह एनडीए में बने रहे और 2024 के आम चुनाव में वह एनडीए के साथ रहते हुए गया लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए. वह अपनी पार्टी से जीतने वाला अकेला नेता है. पर उनकी वरिष्ठता और दलित जाति को देखते हुए उन्हें मोदी की मंत्रीमंडल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ है. इस समय जीतन राम मांझी मोदी कैबिनेट का हिस्सा है.

वर्तमान में, जीतन राम मांझी गया से अपनी स्वयं की पार्टी हम पार्टी से सांसद है और साथ ही वह मोदी सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री है.

जीतन राम मांझी की संपत्ति (Jitan Ram Manjhi Net Worth)

2024 के लोकसभा चुनाव में दाखिल किये गए घोषणापत्र के अनुसार जीतन राम मांझी की कुल सम्पत्ति 32 लाख रूपये हैं. जबकि उनपर कोई भी कर्ज नहीं है.

इस लेख में हमने आपको बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री जीतन राम मांझी की जीवनी (Jitan Ram Manjhi Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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