जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रियंका पर दिया विवादित बयान, कहा- ‘हिंसा में मारे गए लोगों की तरह शहीद हो जाएं प्रियंका गांधी’

पद्म विभूषण जगद्गुरु ने प्रियंका-राहुल पर गांधी सरनेम इस्तेमाल करने को लेकर भी उठाया सवाल, नागरिकता संशोधन कानून को बताया देशहित में

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. अब पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लिए एक विवादित बयान देकर यूपी में नागरिकता कानून को लेकर मचे घमासान को ओर हवा दे दी है. चित्रकूट में जगद्गुरु ने कहा ‘प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा सीएए-एनआरसी की हिंसा में मारे गए लोगों के घर जाए और शहीद हो जाए’. उन्होंने ये बयान कथित तौर पर प्रियंका के हिंसा में मारे गए लोगों को शहीद बताने और उनके घर जाकर मुलाकात करने को लेकर दिया. कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा में मारे गए लोगों को शहीद कहते हुए उनसे घर जाकर मुलाकात करने की बात कही थी. इस पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रियंका को उनके घर जाकर खुद भी शहीद होने के लिए कहा.

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इतना ही नहीं, पद्म विभूषण जगद्गुरु ने राहुल और प्रियंका के सरनेम में ‘गांधी’ का प्रयोग करने पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कितने दिन तक गांधी के नाम पर जीते रहेंगे और गांधी के नाम पर रोटी सकेंगे. रामभद्राचार्य ने कहा कि प्रियंका गांधी राजनीति में नई हैं इसलिए उन्हें इस तरह की राजनीति से ज्यादा मतलब नहीं रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून देश के लोगों के हित में है.

बता दें, प्रियंका गांधी ने वाड्रा ने शनिवार को यूपी पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि CAA के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये पूर्व पुलिस अधिकारी के घर जाते वक्त उन्हें नाजायज रूप से रोकने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनका गला दबाया, धक्का दिया जिससे गिर गई. प्रियंका ने बीजेपी और निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है. मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी.

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दरअसल कांग्रेस महासचिव यूपी में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किये गये सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एस.आर. दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिये पार्टी मुख्यालय से निकली थीं. रास्ते में लोहिया चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया. प्रियंका ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी, मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया, मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गयी. आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टू-व्हीलर से निकली. पुलिस वालों ने उसे भी गिरा दिया.

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