प्रियंका ने लगाए यूपी पुलिस पर गला दबाकर गिराने के आरोप, साथ ही कहा- ‘मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं करेगी तय’

'मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी, मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया, मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गयी, आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टू-व्हीलर से निकली फिर उसे भी गिरा दिया गया'

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को यूपी पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि CAA के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये पूर्व पुलिस अधिकारी के घर जाते वक्त उन्हें नाजायज रूप से रोकने की कोशिश की गई. पुलिस ने उनका गला दबाया, धक्का दिया जिससे गिर गई. प्रियंका ने बीजेपी और निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है. मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी.

प्रियंका ने संवाददाताओं से कहा कि वह नये नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किये गये सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एस.आर. दारापुरी के परिजन से मुलाकात करने के लिये पार्टी मुख्यालय से निकली थीं. रास्ते में लोहिया चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया. प्रियंका ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “मैं गाड़ी से उतरकर पैदल चलने लगी, मुझे घेरा गया और एक महिला पुलिसकर्मी ने मेरा गला दबाया, मुझे धक्का दिया गया और मैं गिर गयी. आगे चलकर फिर मुझे पकड़ा तो मैं एक कार्यकर्ता के टू-व्हीलर से निकली फिर उसे भी गिरा दिया गया.”

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बताया कि दारापुरी 77 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी हैं. उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन के लिये फेसबुक पर पोस्ट डाली थी, इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उनकी बीवी बहुत बीमार हैं. यह सब किसलिये? क्योंकि आपकी नीति उन्हें पसंद नहीं है? कांग्रेस महासचिव ने अपने फेसबुक पेज पर भी यही बात लिखते हुए कहा कि, “मगर मेरा निश्चय अटल है. मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं, मेरा सत्याग्रह है. भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है. मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी.”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह के अनुसार पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने लोहिया चौराहे पर प्रियंका के वाहन के आगे अपनी गाड़ी लगा दी तो वह पैदल ही चल पड़ीं. करीब एक किलोमीटर दूर पुल पार करने के बाद प्रियंका फिर गाड़ी पर बैठीं. आगे मुंशी पुलिया इलाके में पुलिस ने उन्हें फिर रोका तो वह दोबारा पैदल चलने लगीं और इंदिरा नगर के सेक्टर 18 में अचानक एक गली में मुड़ गयीं. इस दौरान हलकान हुई पुलिस और पार्टी नेताओं के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया. कुछ देर तक तो पता ही नहीं चला कि प्रियंका कहां गयीं, बाद में मालूम हुआ कि वह दारापुरी के घर पहुंच गयीं हैं. इस दौरान उन्होंने करीब तीन किलोमीटर पैदल सफर किया.

दारापुरी के परिजन से मुलाकात के बाद निकली प्रियंका ने संवाददाताओं को बताया की, “मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें. मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली. इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है. अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें.” इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उसकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा, “सबकी राजनीति को खतरा है.”

बता दें, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है. इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज लखनऊ पहुंची. जहां कार्यकर्ताओं से पार्टी ऑफिस में मुलाकात के बाद भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने के लिए पहुंची.

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