हरियाणा में कुमारी शैलजा के राज्यसभा जाने की राह में रोड़ा बने भूपेन्द्र हुड्डा, चल सकते हैं सिंधिया की राह पर

संख्या बल को देखते हुए 25 विधायक हैं हुड्डा के खेमे से, ऐसे में केवल 6 विधायकों के दम पर कैसे राज्यसभा पहुंचेंगी शैलजा, क्रॉस वोटिंग की स्थिति में दूसरी सीट भी जा सकती बीजेपी की झोली में

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पॉलिटॉक्स न्यूज/हरियाणा. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी जाने के बाद अब हरियाणा से बगावत से सुर उठते दिख रहे हैं. राज्यसभा चुनाव के चलते हरियाणा कांग्रेस में अब मप्र जैसे हालात बन रहे हैं. 90 विधायकों वाली हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव होने हैं और इसमें एक सीट कांग्रेस के हिस्से में आना पक्का है. यहां से आलाकमान प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा को दोबारा राज्यसभा भेजना चाहती है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा के लिए इस सीट पर दावा ठोक दिया है. पूर्व सीएम हुड्डा ने अपने तर्क में कहा है कि कुमारी शैलजा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दोनों पदों पर एक साथ नहीं रह सकती है. मध्य प्रदेश में हाथ जला चुकी कांग्रेस अब भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सक्रियता और संभावित बगावत से चिंता में दिख रही है.

बताया जा रहा है कि हुड्डा ने खुद चलकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करके दीपेंद्र हुड्डा के लिए राज्यसभा का टिकट मांगा है. ये बात सही है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जो परिणाम आए, उसके पीछे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की अथा मेहनत से किसी को इनकार नहीं लेकिन इस बात को दरकिनार करते हुए सोनिया ने हुड्डा की मांग को ठुकरा दिया. इसके बाद हुड्डा ने संदेश भेजकर अपने समर्थक विधायकों को दिल्ली स्थित आवास पर बुलाया. गौर करने लायक ये रही कि इस बैठक से कुमारी शैलजा समर्थक विधायकों को दूर रखा गया जिनमें कुलदीप विश्नोई और किरण चौधरी शामिल हैं. बैठक में 25 विधायकों के पहुंचने की सूचना आ रही है. ज्ञात रहे कि हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 31 है.

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भूपेंद्र सिंह हुड्डा का तर्क है कि कुमारी शैलजा प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दोनों पदों पर एक साथ नहीं रह सकती है. बैठक करके हुड्डा ने आलाकमान को न केवल यह जता दिया कि उनकी बूढ़ी हड्डियों में जान अभी भी बाकी है बल्कि यह भी बता दिया कि वे सिंधिया की राह पर चलते हुए बगावत का रूख अपना सकते हैं. हुड्डा अपने सभी समर्थकों के साथ आलाकमान से मिलने की तैयारी कर रहे हैं. माना जा रहा है कि वे आज रात या शुक्रवार सुबह सोनिया गांधी या प्रियंका गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.

ये भी बताना जरूरी है कि अगर सदन में दो या तीन विधायक हुड्डा के इशारे पर बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर दे या वोट ही न डाले तो भी कुमारी शैलजा को राज्यसभा से जाने से रोका जा सकता है. इस स्थिति में दूसरी सीट भी बीजेपी के खाते में चली जाएगी. हालांकि इससे हुड्डा को कोई फायदा नहीं होगा लेकिन कांग्रेस को बैक टू बैक झटका जरूर लगेगा. इसी समीकरण को हुड्डा अपने दावे का आधार बना रहे हैं.

गौरतलब है कि मौजूदा 31 विधायकों में से केवल 6 विधायक ही शैलजा के समर्थन में हैं. इस तरह से बिना हुड्डा के समर्थन के शैलजा का राज्यसभा पहुंचना संभव नहीं. एक खास वजह ये भी है कि हुड्डा अपने दम पर महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुुंडू और सिरसा से निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा से भी कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दिलाएंगे. ऐसा केवल हुड्डा कर सकते हैं. कुमारी शैलजा अपने खेमे के 6 विधायकों के दम पर कुछ नहीं कर सकती.

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चूंकि राज्यसभा में नामांकन को केवल शुक्रवार का दिन रह गया है, ऐसे में देखना रोचक रहेगा कि सिंधिया के अचानक से पार्टी छोड़ने के सदमे से बाहर आते हुए कांग्रेस हुड्डा के बगावती तेवरों को काटेगी या फिर मीठी सी गोली देकर कुमारी शैलजा को राज्यसभा भेजने के लिए राजी कर लेगी.

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