नागरिकता कानून पर इमरान ने दी परमाणु हमले की धमकी, रवीश कुमार ने दिया करारा जवाब

सीएए की आग अब करने लगी सरहदें पार, पाकिस्तान फिर कर रहा देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप, बांग्लादेश ने मांगा घुसपैठियों का ब्योरा

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Low) का देशभर में तो विरोध हो ही रहा है, अब इसकी आग धीरे धीरे देश की सरहदें भी पार कर रही है. देश के सीनियर लीडर्स भी अब खुलकर पड़ौसी देशों का नाम लेकर विपक्ष पर हमला कर रहे हैं. वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दे दी. इस पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (Raveesh Kumar) ने कहा कि यह उनकी आदत है और वैश्विक मंचों का दुरुपयोग है. वहीं बांग्लादेश ने भारत में अवैध तरीके से रह रहे अपने नागरिकों का ब्योरा मांगा है.

दरअसल देश में नागरिकता कानून लागू होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और बांग्लादेश की सरकार भी खुलकर मैदान में आ गई हैं. पाक पीएम इमरान खान ने स्विटजरलैंड के जेनेवा में आयोजित ‘ग्लोबल फॉरम ऑफ रेफ्यूजी’ में नागरिकता कानून को लेकर कहा कि पाकिस्तान विवादित कश्मीर में भारत द्वारा लगाए गए कर्फ्यू के मद्देनजर भारत से आने वाले अधिक शरणार्थियों को स्थान नहीं देगा.

इसके अलावा इमरान ने कहा कि वर्तमान में भारत में एक नागरिकता कानून को लागू किया गया है, जिसकी वजह से भारत के लाखों मुसलमान को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा. इससे एक ऐसा शरणार्थी संकट पैदा होगा, जिसके आगे दुनिया के अन्य संकट छोटे लगेंगे. उन्होंने कहा कि इस शरणार्थी संकट की वजह से दक्षिण एशिया के दो परमाणु संपन्न देशों के बीच विवाद भी हो सकता है. (Raveesh Kumar)

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इस बात का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (Raveesh Kumar) ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के पूर्ण रूप से आंतरिक मामले पर निराधार व बेबुनियाद बयान देकर अपने संकीर्ण राजनीतिक एजेंडा को बढ़ाने के लिए बहुपक्षीय मंच पर झूठ का सहारा लिया. पूरी दुनिया को स्पष्ट किया जाता है कि यह उनकी आदत है और वैश्विक मंचों का दुरुपयोग है. कुमार ने कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान बीते 72 साल से लगातार सभी अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करता आ रहा है और उनमें से अधिकांश लोगों को भागकर भारत आने को मजबूर होना पड़ा. इमरान दुनिया को ये बताना भूल जाते हैं कि 1971 में उनकी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के साथ क्या किया. पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए.

वहीं देश में CAA और NRC पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार गौहर रिजवी ने कहा कि भारत अगर सुबूत पेश करेगा तो बांग्लोदेश वहां गैरकानूनी तरीके से रह रहे अपने किसी भी नागरिक को वापिस ले लेगा.

गौरतलब है कि सीएए पर देशभर में हिंसा का माहौल पनपता जा रहा है. असम, बंगाल, दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों में भी नागरिकता संशोधन कानून का हिंसात्मक विरोध किया जा रहा है. जगह जगह तोड़फोड और आगजनी हो रही है. सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. पत्थरबाजों ने देश में कश्मीर जैसा माहौल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी. विपक्ष ने भी पूरी तरह विरोधी रूख अपनाया हुआ है.

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वहीं देश के गृहमंत्री अमित शाह ने दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि देशभर में नागरिकता कानून लागू हो चुका है और कोई इसके रोक नहीं सकता. किसी भी राज्य की सरकार को कानून पर विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है. अब देश में सीएए को लेकर अजीब सी गफलत फैलती जा रही है. देश में मोटर व्हीकल कानून की दुरगति भी कुछ ऐसी ही हुई थी. इस कानून के बनने के बाद राज्य सरकारों ने इस पर अपने अपने तरीके से संशोधन कर लिए और कुछ राज्यों ने इसे लागू ही नहीं किया. इसी तरह नागरिकता कानून पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले से ही विरोध करना शुरु कर दिया है. उन्होंने सोमवार और मंगलवार को पैदल मार्च निकाल कर विरोध जता दिया. उन्होंने तीखे तेवर अपनाते हुए कहा कि ये कानून किसी भी तरह बंगाल में लागू नहीं होगा. असम और दिल्ली में भी इस कानून का पूरजोर विरोध हो रहा है.

विपक्ष भी सीएए कानून में संशोधन की अपील लेकर महामहीम रामनाथ कोविंद से भेंट कर चुका है. मायावती ने भी अपने प्रतिनिधि संघ से राष्ट्रपति से मुलाकात की और इसे जनविरोधी बताया. अब केंद्र के आगामी कदम का इंतजार हो रहा है कि इतने हिंसात्मक विरोध के बावजूद केंद्र सरकार किस तरह नागरिकता कानून को देश में लागू करती है.

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