IAS Durga Shakti Nagpal Latest News – लखीमपुर खीरी की चर्चित डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल एक बार फिर चर्चा में है. उनसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआई) ने दिल्ली के पूसा रोड स्थित बंगले पर तीन वर्षो से कब्ज़ा के बदले उनसे 1.63 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है. डीएम नागपाल ने आवंटन समाप्त होने के बाद भी बांग्ला को खाली नहीं करने का कारण अपने माता पिता का यहां रहकर इलाज करवाना बताया है. इस लेख में हम आपको आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल की जीवनी (IAS Durga Shakti Nagpal Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल की जीवनी (IAS Durga Shakti Nagpal Biography in Hindi)
| पूरा नाम | आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल |
| उम्र | 40 साल |
| जन्म तारीख | 25 जून 1985 |
| जन्म स्थान | आगरा |
| शिक्षा | कंप्यूटर इंजीनियरिंग |
| कॉलेज | इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय |
| वर्तमान पद | एडीजी – क्राइम |
| व्यवसाय | डीएम लखीमपुर खीरी |
| बैच | 2011 |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | – |
| माता का नाम | – |
| पति का नाम | अभिषेक सिंह |
| बच्चे | दो बच्चे |
| स्थाई पता | – |
| वर्तमान पता | लखीमपुर |
| फोन नंबर | – |
| ईमेल | – |
आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल का जन्म और परिवार (IAS Durga Shakti Nagpal Birth & Family)
दुर्गा शक्ति नागपाल का जन्म 25 जून 1985 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उनके पिता एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं, जिन्हें दिल्ली छावनी बोर्ड में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था. उनके दादा पुलिस अधिकारी थे, जिनकी 1954 में दिल्ली के सदर बाज़ार में ड्यूटी के दौरान हत्या कर दी गई थी.
उनकी शादी 2011 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह से हुई है. 2009 में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान ही उनकी मुलाकात अभिषेक से हुई थी. वर्तमान में, उनके पति अभिषेक सिंह अभिनेता हैं. उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. उन्होंने फिल्मों में काम किया है. आईएएस अधिकारी रहते हुए वे उत्तर प्रदेश सरकार को बिना किसी सूचना दिए 82 दिनों तक पद से अनुपस्थित थे. इस कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया. इसी के बाद उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. उनके दो बच्चे है.
आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल की शिक्षा (IAS Durga Shakti Nagpal Education)
दुर्गा शक्ति नागपाल ने 2007 में इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक किया था. बाद में उन्होंने 2009 में यूपीएससी की परीक्षा में 20वां रैंक प्राप्त किया था. जिसके बाद वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल हो गईं. यूपीएससी के अपने पहले प्रयास में, उन्हें भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में स्थान मिला था लेकिन दूसरी बार उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का निर्णय लिया.
दुर्गा शक्ति नागपाल का आईएएस करियर (IAS Durga Shakti Nagpal Career)
दुर्गा शक्ति नागपाल देश के चर्चित आईएएस अधिकारी है. समय समय पर अपने कार्यो से वे देश की नेशनल मीडिया की हेडलाइन में स्थान पाती रही है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी के तौर पर की थी. जून 2011 में वे मोहाली ज़िला प्रशासन में शामिल हुईं और चौदह महीने तक वहाँ रहीं. पंजाब में आईएएस अधिकारी के रूप में ट्रेनिंग के दौरान ही उन्होंने मोहाली में एक ज़मीन घोटाले का पर्दाफ़ाश किया था. अगस्त 2012 में अभिषेक सिंह से शादी करने के बाद, वह नोएडा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के रूप में उत्तर प्रदेश कैडर में चली गईं.
दुर्गा शक्ति नागपाल यही पर अपनी सेवा देते हुए चर्चा में आयी थी. गौतमबुद्ध नगर में संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में रहते हुए उन्होंने यमुना और हिंडन नदी के किनारों में अवैध रेत-खनन को रोकने के लिए विशेष जांच दल बनाकर उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई की थी. उस समय यूपी में समाजवादी पार्टी का शासन था और राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे. दुर्गा शक्ति नागपाल के नेतृत्व में प्रशासन ने अवैध कार्यों में इस्तेमाल किए गए 24 डम्पर ट्रकों और 300 ट्रॉलियों को जब्त कर लिया और 15 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर 20 मिलियन का जुर्माना लगाया गया.
दुर्गा शक्ति नागपाल को 28 जुलाई 2013 को तब निलंबित कर दिया गया था जब उन्होंने जेवर के रबूपुरा इलाके के कदलपुर गांव में एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार को गिरा दिया था. मस्जिद के निर्माण को राज्य सरकार से मंजूरी नहीं मिली थी. यूपी में उस समय अखिलेश यादव की सरकार थी. नागपाल के उचित कार्यो के बदले अखिलेश यादव सरकार ने मुस्लिम को खुश करने के लिए एक महिला आईएसएस अधिकारी को सस्पेंड तक कर दिया.
बाद में, 28 अगस्त को नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट रविकांत सिंह ने नागपाल के कार्यों का समर्थन किया और उनके स्थानांतरित कर दिया गया. हालांकि इसके बाद उन्हें प्रतीक्षा की सूची में डाल दिया गया. इसी के बाद नागपाल ने यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से 21 सितंबर 2013 को मुलाकात की थी और फिर 22 सितंबर 2013 को नागपाल का निलंबन रद्द कर दिया. बाद में 5 अक्टूबर 2013 को उन्हें कानपुर देहात जिले में संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में पोस्टिंग दी गई.
दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के बाद समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव सहित पार्टी के बड़े नेताओ की जमकर देशभर में निंदा हुई थी. राजनीतिक लाभ लेने के लिए ये लोग इस स्तर तक गिर सकते है, इसका उदाहरण नागपाल के निलंबन से जाहिर हो जाता है. उन दिनों यह मुद्दा देशभर में गर्माया हुआ था. सपा की खूब जमकर आलोचना हुई. भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा था कि सांप्रदायिक और जाति-आधारित भावनाओं को भड़काना और वोट बैंक की राजनीति के लिए एक अच्छे अधिकारी को परेशान करना समाजवादी पार्टी की पहचान है.
2014 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा खूब उठा. भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर राज्यभर में अखिलेश यादव को घेरा और फिर इसी के बाद 2014 के चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त जीत हुई और राज्य के मुखिया योगी आदित्यनाथ बने.
इस लेख में हमने आपको आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल की जीवनी (IAS Durga Shakti Nagpal Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























