गहलोत ने अमित शाह के जोधपुर दौरे पर साधा निशाना, कहा- टिड्डी दलों के हमले से हुई फसल खराबे पर एक शब्द नहीं बोले शाह

टिड्डी विभाग भारत सरकार के अधीन है और राजस्थान सरकार ने जो ज्ञापन भेज रखे हैं 700 करोड रूपये के उस पर शाह ने कोई चर्चा नहीं की, बीजेपी चाहती है कि देश की जनता का ध्यान मूल मुददों पर जाये ही नहीं

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गृह नगर जोधपुर के दो दिवसीय दौरे के दौरान शनिवार को पत्रकरों से रूबरू हुए. इस दौरान सीएम गहलोत ने गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के बाडमेर, जालौर, जैसलमेर, बीकानेर व फलौदी जिले में टिड्डी दलों का जबरदस्त हमला हुआ और किसानों की फसलें खराब हो गई. शुक्रवार को अमित शाह जोधपुर आए और टिड्डीयों के हमले पर एक शब्द नहीं बोले. जबकि अमित शाह गृहमंत्री होने के साथ-साथ एनडीआरएफ के चेयरमैन भी हैं. टिड्डी विभाग भारत सरकार के अधीन है और राजस्थान सरकार ने जो ज्ञापन भेज रखे हैं 700 करोड रूपये के उस पर शाह ने कोई चर्चा नहीं की.

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि मैंने कुछ दिनों पहले टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. टिड्डीयों ने इस बार रबी की फसल को पूरी तरह चौपट कर दिया है. इन इलाकों में पता ही नहीं चल रहा की बुआई भी हुई थी क्या. एनडीआरएफ का जो अकाल पड़ा हुआ है बाडमेर, जैसलमेर, हनुमानगढ़ में उसकी कोई चर्चा अमित शाह ने नहीं की. गृहमंत्री अमित शाह की प्राइमरी ड्यूटी ये थी वो टिड्डियों की बात करते, राजस्थान को क्या राहत दे रहे उस पर चर्चा करते. केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजे जा चुके है, केन्द्रीय टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुकी है लेकिन दिल्ली में इसकी कोई चर्चा तक नहीं है.

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वहीं अमित शाह की जोधपुर रैली पर सवाल खडा करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार का हव्वा इस रैली को लेकर खड़ा किया गया. बीजेपी के लोग दावा कर रहे थे कि 50 हजार लोग इस रैली में आएंगे. इस रैली को लेकर जो मेहनत की गई इससे बीजेपी के पूरे संभाग की पोल खुल गई. आगे गहलोत ने कहा कि पता नहीं क्यों इस प्रकार का जनसंपर्क करके समझाने का अभियान शुरू किया गया है. पहले पीएम मोदीजी की मन की बात होती थी तो देश समझता था. अब क्या जरूरत पड़ गई कि अमित शाह जी को जोधपुर भेज रहे है. अब कहते है 3 करोड लोगों से जनसंपर्क करेंगे, जनता से 3 करोड परिवार से संपर्क करने की नौबत ही क्यों आई. अगर कोई गलती की ही नहीं है तो सब जगह लोगों को क्यों भेज रहे हो. एनआरसी पर प्रधानमंत्री कुछ बोल रहे है गृह मंत्री कुछ और बोल रहे है. प्रधानमंत्री जी कह रहे है हमारे यहां एनआरसी की कोई चर्चा नहीं हुई है जबकि गृह मंत्री कह रहे है मैं इसको लागू करूंगा. मोदी-शाह खुद अपने जाल में फंसते जा रहे है.

आगे मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति कह रहे है कि इस सरकार को अर्थव्यवस्था की समझ ही नहीं है. पंडित नेहरू जिनकी नीतियां अच्छी थी उनको ये लोग भूल गये. अब मोदी सरकार को चाहिए की नरसिम्हा राव जी के समय जब डॉ मनमोहनसिंह जी ने जो नीतियां लागू की थी उन नीतियों को अपनाना चाहिए. कोई इनको पूछने वाला नहीं है ये चाहते क्या है. काला धन इनसे आया नहीं ना फेक करेंसी खत्म हुई आज भी कालाधन वैसा का वैसा है.

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इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि इस समय देश में असली मुददा मंहगाई और रोजगार है. देश में युवाओं की नौकरियां जा रही है बड़ी बड़ी कंपनियां अपने लोगों को निकाल रही है. ऑटोमोबाइल व टैक्सटाइल उद्योग तो विज्ञापन दे रहा है कि हम लोग संकट में है हमें कोई बचाओ. चारों ओर से घिर चुकी केन्द्र सरकार जानबूझकर इस तरह के मुददे लाकर देश को गुमराह कर रही है. कभी 370 की बात कर रहे है, कभी राष्ट्रवाद की बात कर रहे थे चुनाव जीतने के लिए. बीजेपी चाहती है कि देश की जनता का ध्यान मूल मुददों पर जाये ही नहीं. बीजेपी के नेताओं की फितरत में है ऐसे मुददों पर बात करना जिससे समाज में ध्रुवीकरण हो.

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