मुख्यमंत्री गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश- किसी भी अपराध में एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी नहीं की जाएगी बर्दाश्त

डीजीपी भूपेन्द्र सिंह और एडीजी (क्राइम) बीएल सोनी ने सभी थानों के एसएचओ को दिए निर्देश, हर परिवादी की अच्छी तरह से सुनवाई हो, मामले में सीधे एफआईआर नहीं भी बनती है, तो उसका परिवाद दर्ज कर अनुसंधान करें

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में कानून व्यवस्था को लेकर लगातार हो रहे विपक्ष के हमलों और सत्ता में बैठे मंत्री व विधायकों के उठते सवालों के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास में एक अहम बैठक ली. बैठक में हाल ही में हुए मंत्री परसादी लाल मीणा की शिकायत पर ब्रह्मपुरी थानाधिकारी द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं करने के मामले पर सीएम गहलोत ने गहरी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए की किसी भी अपराध में एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

वहीं मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देश पर तुरन्त अमल करते हुए डीजीपी भूपेन्द्र सिंह और एडीजी (क्राइम) बीएल सोनी ने सभी थानों के एसएचओ को निर्देश दिए कि हर परिवादी की अच्छी तरह से सुनवाई हो. थाने में आने वाले मामले में सीधे एफआईआर नहीं भी बनती है, तो उसका परिवाद दर्ज कर अनुसंधान करें. परिवादी को परिवाद की प्राप्ति रसीद उसी समय दे दी जाए. किसी थाना पुलिस के खिलाफ एफआईआर या परिवाद दर्ज नहीं करने की शिकायत मिलने और जांच में पुष्टि होने पर संबंधित थानाधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

इससे पहले सीएमआर में हुई प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में सीएम गहलोत ने बारीकी से कानून व्यवस्थाओं की जानकारी ली. बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी तरह के अपराधों पर प्रभावी शिकंजा कसा जाए. पुलिस बिना किसी देरी के घटनास्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करें. बैठक में डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने सीएम गहलोत को बताया कि प्रदेश में महिला उत्पीड़न व जघन्य अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र सिंह सहित तमाम प्रमुख पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कानून व्यवस्था को लेकर सीएमआर में हुई इस बैठक के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि, प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपराधों पर प्रभावी शिकंजा कसने और लोगों को बेहतर सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए पुलिस बिना देरी के घटनास्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करे.

प्रदेश में पुलिस द्वारा माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए. किसी भी तरह का माफिया हो, पुलिस पूरी सख्ती एवं सतर्कता के साथ कार्रवाई को अंजाम दे, ताकि आमजन को बेहतर सुरक्षा मिल सके. इसके लिए सरकार संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी.

अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पुलिस थानों में आने वाले फरियादियों को एफआईआर दर्ज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो. एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऎसा प्रकरण सामने आने पर अधिकारी संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

गौरतलब है कि, बीते मंगलवार को पीसीसी में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की जनसुनवाई के दौरान गहलोत सरकार में ही उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा फरियादी लेकर पहुंचे थे और मीणा ने ब्रह्मपुरी थानाधिकारी द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं करने की शिकायत की थी. मंत्री मीणा ने इस दौरान कहा था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र की एक मृतका का मुकदमा ब्रह्मपुरी थाना पुलिस दर्ज नहीं कर रही है इसलिए उनके परिजनों के साथ वो जनसुनवाई में शिकायत करने आए हैं. मंत्री परसादी लाल मीणा ने इस दौरान यह भी कहा था की इस पूरे मामले की शिकायत अब वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से करेंगे.

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यहां यह भी बता दें कि हाल ही जयपुर में ही एफआईआर दर्ज नहीं करने पर एक युवक को टावर पर चढऩा पड़ा था. तो वहीं पिछले सप्ताह 30 जनवरी की रात सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार ने भी कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये थे. विधायक अबरार ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अवैध बजरी खनन ओर उसके परिवहन में पुलिस की सांठगांठ का खुलासा किया था. विधायक अबरार ने इस दौरान अपने मोबाइल से कुछ वीडियो भी बनाये थे जिसमें अवैध बजरी से लदे हुए ट्रैक्टर पुलिस की मौजूदगी में वहां से गुजर रहे थे. इस मामले को लेकर विपक्ष ने भी सरकार की कानून व्यवस्था पर जमकर सवाल उठाए थे.

वहीं एडीजी (क्राइम) बीएल सोनी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय की तरफ से एक भी थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज नहीं करने के निर्देश नहीं दिए गए हैं. सभी थाना पुलिस को आमजन की सुनवाई कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. साधारण मामले, जिनमें सीधे एफआईआर नहीं बनती, उनमें परिवाद दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. आमजन की सुनवाई नहीं करने का मामला सामने आने पर ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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