राज्यसभा में दिखेगी ‘दादा’गिरी, पीएम मोदी की ‘न्यू टीम’ के सामने ममता दीदी का ‘बंगाल टाइगर’!

बंगाल टाइगर सौरभ गांगुली की दीदी ममता बनर्जी की मुलाकात ने बढ़ाई सियासी अटकलें, मोदी सरकार ने बंगाल से बनाए चार मंत्री तो ममता ने दादा से मुलाकात कर सबको चौंकाया, क्या 'बंगाल टाइगर' को राज्यसभा भेजने की तैयारी में हैं दीदी !

राज्यसभा में दिखेगी 'दादागिरी'
राज्यसभा में दिखेगी 'दादागिरी'

Politalks.News/West Bengal. पश्चिम बंगाल में क्या अब आम चुनाव की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है, जिसके चलते आजकल लगातार बड़े सियासी अपडेट हो रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि बंगाल में ममता बनर्जी और बीजेपी ने अभी से अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कमर कस ली है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां अपने नए मंत्रिमंडल में 4 मंत्रियों को पश्चिम बंगाल से शामिल इस बात का इशारा किया तो वहीं ममता बनर्जी ने पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली के घर जाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी और लम्बी मंत्रणा भी की. गांगुली परिवार के साथ ममता की ये मुलाकात सियासी अटकलों को तेज कर गई है. हालांकि आपको बता दें, पीएम मोदी ने बंगाल से आने वाले बाबुल सुप्रियो और देबोश्री को परफॉर्मेंस के आधार पर विदाई भी दी है.

मोदी मंत्रिमंडल में जिस तरह से बंगाल से चार नेताओं की एंट्री हुई है, उससे यह संकेत मिल गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने 2024 ही नहीं बल्कि अभी से 2026 की तैयारी भी शुरू कर दी है. बंगाल चुनाव में खराब प्रदर्शन की गाज बाबुल सुप्रियो और देबोश्री चौधरी पर गिरी है. दोनों की मोदी मंत्रिमंडल से विदाई हो गई है, लेकिन चार नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करके बंगाल में भाजपा की जमीन मजबूत करने की कोशिश अभी से शुरू कर दी गई है. सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और नीशीथ प्रामाणिक को मंत्री बनाया गया है. हालांकि, ममता ने बाबुल और देबोश्री की विदाई सहित बड़े बदलाव पर तंज भी कसा. देबोश्री के इलाके रायगंज में भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. वहीं बाबुल अपना चुनाव भी नहीं जीत पाए थे. साथ ही चुनाव के दौरान ही पार्टी के कुछ फैसलों पर उन्होंने सवाल खड़े किए थे. जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर कैबिनेट में बदलाव किए गए हैं.

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वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी के इस सियासी दांव पर बड़ा दांव खेलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घर जाकर बीसीसीआई अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली को जन्मदिन की बधाई दी. ममता बनर्जी गांगुली परिवार के साथ 45 मिनट रहीं. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख को गुरुवार दोपहर में गांगुली के आवास पर पहुंचने के बाद उन्हें गुलदस्ता देते देखा गया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सौरव ने लौटते समय ममता को एक साड़ी भेंट की. अपनी आक्रामक कप्तानी और बल्लेबाजी के मशहूर रहे गांगुली इस वक्त बीसीसीआई की बागडोर संभाल रहे हैं. अब इस मुलाकात से सियासी अटकलें तेज हुई हैं. बंगाल में ममता और गांगुली के बीच बेहद अच्छें संबंध हैं. इस साल जनवरी में जब सौरव गांगुली को हार्ट अटैक हुआ था तब ममता उनका हालचाल लेने अस्पताल भी गई थीं. गांगुली को बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनाने में भी ममता की बड़ी भूमिका रही है.

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ममता दीदी के सौरव दादा के घर पहुंचने से सियासी अटकलें लगना शुरू हो गईं हैं कि सौरव गांगुली जल्द ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो सकते हैं. यही नहीं तृणमूल के सूत्रों का कहना है कि गांगुली को बंगाल से राज्यसभा भेजा जा सकता है. लेकिन अभी इसको लेकर गांगुली की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. वहीं सौरव गांगुली और ममता बनर्जी की मुलाकात पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि- ‘अगर सौरव गांगुली को TMC से सांसद बनाया जाता है तो उन्हें आपत्ति नहीं होगी’.

ममता बनर्जी और सौरव गांगुली की इस मुलाकात को बेहद अहम बताया जा रहा है. हाल ही में हुए पश्चिम बंगाल चुनावों में भाजपा ने सौरव गांगुली को अपनी पार्टी में शामिल करने की पुरजोर कोशिश में थी, यहां तक खबरें आ रहीं थीं कि बीजेपी सौरभ गांगुली को बंगाल से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है, लेकिन तब गांगुली ने राजनीति के मैदान में उतरने से साफ इंकार कर दिया था. भाजपा की इच्छा थी कि सौरव गांगुली ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ें. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ.

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आपको बता दें, ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त देकर तीसरी बार सूबे की मुख्यमंत्री बनी हैं. गांगुली भी ममता के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. उसके बाद से ही गांगुली के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगने लगी थीं, हालांकि राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता.

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