Gulabchand Kataria on Ashok Gehlot. बीजेपी के वयोवृद्ध नेताओं में शुमार गुलाबचंद कटारिया को सालों की वफादारी का ईनाम देते हुए भाजपा की मोदी सरकार ने असम का राज्यपाल घोषित किया है. बीते रोज गुरुवार को राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के विदाई समारोह में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुटकी लेते हुए कटारिया की तारीफ की और असम में राजस्थान का मान बढाने की बात भी कही तो वहीं हमेशा अपने शब्द बाणों से सीएम गहलोत को छलनी करने वाले गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री गहलोत की तारीफ की और असम में राजस्थान का मान बढ़ाने और संवैधानिक मूल्यों पर खरा उतरने का आश्वासन दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि आप तो आरएसएस के कैडर के आदमी हैं. आपने पूरी जिंदगी बिता दी, असम में तो बीजेपी की सरकार है, असम में राजस्थानी भरे पड़े हैं तो आप वहां ध्यान रखेंगे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुलाबचंद कटारिया से कहा कि आप जब भावुक होते हैं तो और ढंग से बोलते हैं और जब आप कैमरे के सामने जाते हो तो हमारी खूब ऐसी की तैसी करते हो, आपने कमी नहीं रखी, हमारी, हमारे नेतृत्व की और मेरी भी, कोई कंजूसी नहीं रखी, जमकर आपने कैमरे के सामने क्या-क्या नहीं बोला होगा, वो लोगों के जेहन में है. आज के बाद अब आप बीजेपी के लिए न गुलाबजी भाई साहब रहोगे न सत्ता पक्ष के लिए गुलाबचंद कटारिया रहोगे. आप नए रूप में आ गए हो, अब भाई साहब वाली बात नहीं रहेगी, अब आप गर्वनर बन गए हो. उम्मीद है आप संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करते हुए असम में राजस्थान का डंका बजाएंगे.
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वहीं विदाई समारोह में भावुक हुए गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, मैं आपका हूं, राजस्थान का मान और सम्मान बढ़ाना मेरी जिम्मेदारी है. विश्वास दिलाता हूं कि मेरे किसी आचरण से राजस्थान का गौरव नहीं गिरेगा, बल्कि गौरव बढ़ेगा. इतना भरोसा दिला सकता हूं, मुझे जो भी सेवा का मौका देंगे, प्रदेश हित में जो काम किए जा सकते हैं, इसके लिए प्रधानमंत्री के पास जाना होगा तो जाऊंगा. राजस्थान का उत्थान मेरा उत्थान है. कटारिया ने कहा कि, मैं कई बार भावुक हो जाता हूं, कई बार आपसे भिड़ जाता हूं, कई बार लगा होगा. मेरे मन में किसी के प्रति गलत बात रहती नहीं है. कभी कोई कमी रही तो माफी चाहता हूं. आपका आशीर्वाद रहे ताकि मैं एक अच्छे जनसेवक के तौर पर संविधान की पालना करते हुए लोकतंत्र को मजबूत कर सकूं.
आगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मैंने सांसद के तौर पर 1980 में गहलोत साहब को देखा है. मैं 1980 में विधायकपुरी में रहता था और गहलोत साहब उस समय भी टेलीफोन करने के लिए दो-दो घंटे स्वागत कक्ष पर बैठते थे. अपनी जनता के लिए काम करने का जुनून तो ऐसा ही होना चाहिए, गहलोत की यह बात मैंने उस समय भी नोट की थी. अच्छी बात कहीं से भी मिले उसे मैं लेने से नहीं हिचकता, चाहे वह इधर का हो या उधर का, जो सच है वह तो सच ही रहेगा. कटारिया ने आगे बताया कि मैंने पुरानी पीढ़ी के नेताओं से बहुत कुछ सीखा है. उनमें विचारों की लड़ाई थी लेकिन आपसी संबंध बहुत अच्छे थे. हम सब जनता के हित के लिए यहां आए हैं. जो कुछ हो लेकिन सदन चलाओ, जो बोलना है सदन में बोलिए. सीपी जोशी और मैं कॉलेज के दिनों से डिबेट में अलग-अलग पक्ष से आते थे. 15 वीं विधानसभा में मुझे जो मान सम्मान दिया वह कर्जा कभी नहीं चुका सकूंगा.
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गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मैंने भैरोंसिंह शेखावत, वसुंधरा राजे के साथ काम किया. अंदर कुछ और बाहर कुछ वाली बात मत करो. कोई गरीब कमजोर नहीं होता, भगवान सबको एक ही मशीन देकर भेजता है. हम जनता के अधिकारी नहीं जनता के सेवक हैं. मैं एक सामान्य परिवार से आया. सामान्य परिवार और अभाव कभी बाधा नहीं बनते. अभाव से व्यक्ति खड़ा होता है तो ज्यादा मजबूत हो जाता है और अभाव ही आभूषण बन जाता है.