एलएसी में पीछे हटा चीन लेकिन हरकतों से नहीं आ रहा बाज, भूटान में चल दी भारत विरोधी चाल!

भूटान के जरिए भारत पर दबाव बनाने के प्रयासों में चीन, भूटान के साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर दावा पेश करा चीन ने लेकिन भूटान ने दावे को किया खारिज, तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को मना किया चीन ने, इशारा भारत की ओर

Bhutan Prince and PM Modi
Bhutan Prince and PM Modi

PoliTalks.News. भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में बीते दो महीने से चल रहा तनाव अब शांत होते दिख रहा है. रविवार को भारतीय सेना की पेट्रोलिंग में सामने आया कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीनी सेना ने गलवान घाटी से अपने टेंट वापस हटा लिए हैं. मई के बाद से फिंगर 4 के पास चीनी सेना ने बड़ी संख्या में टेंट लगा लिए थे. अब भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर के लेवल पर हुई बातचीत के बाद इस मसले पर सहमति बनी है. पता चला है कि चीनी सैनिकों ने सीमा से एक किमी. पीछे हटते हुए अपनी 63 पोस्ट हटा ली हैं जबकि 10 मई के बाद चीनी सैनिकों द्वारा 300 पोस्ट बनाई गई थी. भारत से कूटनीति में पछाड़ खाने के बाद चीन ने भूटान के जरिए भारत को घेरने की नई चाल चली है. हालांकि भूटान द्वारा इसका सख्ती से विरोध किया जा रहा है.

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दरअसल भारत के खिलाफ चीन पड़ोसी देशों में भी साम-दाम-दंड-भेद की रणनीति अपना रहा है. नेपाल और श्रीलंका को भारत से दूर ले जाने के बाद चीन ने भूटान को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. चीन ने भारत की धरती पर कब्जा जमाने की कोशिश के बाद अब भूटान के भू-भाग पर भी कब्जा जमाने की कोशिश की है. चीन ने पूर्वी भूटान में स्थित साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर अपना दावा पेश किया है. इस संबंध में नई दिल्ली स्थित भूटान के दूतावास ने चीन के दावे को लेकर डिमार्च (विरोध पत्र) जारी किया है. भूटान का कहना है कि इस तरह के फर्जी दावों को सिर्फ दबाव की रणनीति के तौर पर ही देखा जाएगा. हालांकि भूटान और चीन के औपचारिक कूटनीतिक संबंध नहीं हैं लेकिन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में बातचीत होती रही है.

ये बात भी सही है कि भूटान के पश्चिमी और मध्य क्षेत्र को लेकर चीन के साथ सीमा विवाद रहा है लेकिन पूर्वी इलाके को लेकर अब तक कभी कोई विवाद नहीं रहा है और न ही साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर दावा पेश नहीं किया. राजनीतिज्ञ विश्लेषकों का कहना है कि चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहा है. इसका सीधा उदाहरण ये है कि चीन ने भारत की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भूटान-चीन के सीमा विवाद में तीसरे पक्ष को अंगुली उठाने का कोई हक नहीं है.

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ध्यान देने वाली बात ये है कि भूटान-चीन के बीच 1984 से लेकर 2016 तक हुई सीमा वार्ता में पूर्वी सेक्टर का मुद्दा कभी नहीं उठा. सीमा विवाद को लेकर अब तक हुई 24 दौर की वार्ता में दोनों पक्षों के बीच उत्तरी-मध्य भूटान में 495 वर्गकिमी और पश्चिम में 269 वर्गकिमी भू-भाग को लेकर ही चर्चा हुई है. वहीं दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर साल 2016 के बाद से वार्ता नहीं हुई. 2016 में डोकलाम तनाव और फिर कोरोना महामारी की वजह से वार्ता टलती रही लेकिन अब चीन इस नए दावे के बाद अगले दौर की होने वाली वार्ता में पूर्वी सेक्टर को भी बातचीत में शामिल कराने की कोशिश कर सकता है.

भूटान सीमा विवाद पर चीनी काउंसिल के सदस्य ने कहा, ‘साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य से जुड़ी परियोजना चीनी-भूटान के विवाद क्षेत्र में शामिल है और यह दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता के एजेंडे में भी है, इसलिए चीन इस परियोजना का विरोध करता है और परियोजना को लेकर काउंसिल के फैसले को स्वीकार नहीं करता है.’ इसके साथ ही चीन ने साकतेंग परियोजना के लिए फंडिंग का भी विरोध किया है.

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इधर, भूटान की तरफ से भारतीय अधिकारी अपर्णा सुब्रमणि ने कहा कि चीन का दावा सवालों से परे नहीं है लेकिन भूटान की तरफ से स्पष्टीकरण आए बिना चीनी नजरिए के साथ आगे नहीं बढ़ा जा सकता है.

वहीं दूसरी तरफ, भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव्स और श्रीलंका के काउंसिल मेंबर ने कहा कि चीन के काउंसिल मेंबर के दावे को भूटान पूरी तरह से खारिज करता है. साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य भूटान का अभिन्न हिस्सा है और भूटान-चीन के बीच हुई सीमा वार्ता में कभी भी इसे विवादित इलाका नहीं बताया गया.

इससे पहले भूटान और भारत के बीच भी विवादों की अटकलों ने जन्म लिया था. पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में भूटान के असम के बक्सा और उदलगुरी जिलों में किसानों को सिंचाई की आपूर्ति को बंद करने और पानी रोकने की खबर आई थी. हालांकि भूटान ने तुरंत ऐसी खबरों को नकारते हुए कहा था कि इस तरह की खबरें प्रचारित कर भारत और भूटान के मैत्री संबंधों में दरार डालने का प्रत्यन्न किया जा रहा है. गौरतलब है कि विस्तारवादी नीतियों का पालन कर रहे चीन ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के जरिए भारत को आंख दिखाने का काम किया है. अब भूटान के बहाने चीन भारत पर दबाव डालने का प्रयास कर रहा है.

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