मॉडिफाइड लॉकडाउन के एक दिन पहले प्रदेश में 127 कोरोना संक्रमित केस आए सामने तो 2 की हुई मौत

राज्य सरकार का पूरा ध्यान टेस्टिंग पर, प्रदेश में हो रहे हैं 4 हजार टेस्ट प्रतिदिन, आने वाले दिनों में 10 हजार टेस्ट होंगे प्रतिदिन, अभी 8 जगहों पर जांच केन्द्र बनाए गए, आने वाले दिनों में प्रत्येक जिले में होंगे जांच केंद्र

मॉडिफाइड लॉकडाउन
मॉडिफाइड लॉकडाउन

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में मॉडिफाइड लॉकडाउन के एक दिन पहले तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होने के साथ ही प्रदेश के 26 जिलों में अब कोरोना का संक्रमण फैल चुका है. वहीं प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या अब 1478 पहुंच चुकी है. मॉडिफाइड लॉकडाउन शुरू होने के ठीक एक दिन पहले रविवार को प्रदेश के 12 जिलों से 127 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए वहीं दो ओर कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई. प्रदेश में बढ रही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान टेस्टिंग पर है. जितनी ज्यादा टेस्टिंग होगी उतनी ही जल्द हम कोरोना संक्रमण को नियंत्रित कर पाएंगे. प्रदेश में फिलहाल 4 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं. आने वाले दिनों में 10 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की योजना पर विभाग काम कर रहा है.

मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि रैपिड टेस्टिंग की शुरूआत प्रदेश में हो चुकी है. प्रदेश को पहली खेप में 10 हजार रैपिड टेस्टिंग किट मिल गई हैं. वहीं दूसरी खेप में 1.25 लाख किट चिकित्सा विभाग को और मिल जाएंगी. मंत्री शर्मा ने बताया कि यह एंटीबॉडी टेस्ट है लेकिन इसमें पॉजीटिव आते ही हम उसका पीसीआर टेस्ट करेंगे. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लंबित पडी जांचों के संदर्भ में बताया कि लंबित जांचों को निपटाने के लिए स्वयं मुख्यंमत्री ने उन सैंपल्स को दिल्ली की प्राइवेट लैब में भेजना तय किया ताकि वास्तविक पॉजीटिव केसेज का पता का चल सके.

मंत्री रघु शर्मा ने आगे कहा कि रविवार देर रात तक प्रदेश में 1478 कोरोना पॉजीटिव केसेज पाए गए हैं. वहीं इनमें से 205 पॉजीटिव से नेगेटिव भी हुए हैं और 97 लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया है. प्रदेशभर में हालात अभी तक नियंत्रण में है उसका कारण भी ज्यादा जांचें करवाना ही है. मंत्री शर्मा ने आगे कहा कि भीलवाड़ा में भी रूथलैस कंटेनमेंट के दौरान सघन जांचें की गई. सघन क्षेत्रों में भी मैपिंग कर उसकी जनसंख्या को आधार बनाकर क्लस्टर्स मॉडल पर रैंडम सैंपलिंग की जा रही हैं. ताकि क्षेत्र में कोरोना की ग्रेविटी का पता चले सके और संक्रमितों को क्वारेंटाइन या आइसोलेशन में रखने का निर्णय लिया जा सके.

मंत्री शर्मा ने आगे बताया कि जब 2 मार्च को प्रदेश में पहला कोरोना पॉजीटिव केस आया था तब प्रदेश में एक भी जांच केंद्र नहीं था लेकिन सीएम गहलोत के विजन के चलते प्रदेश में 8 जगहों पर जांच केंद्र विकसित किए गए. प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. यही नहीं आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी 33 जिलों में टेस्टिंग सुविधा विकसित करने का भी लक्ष्य रखा गया है ताकि कोरोना या कोई भी अन्य बीमारियों की तुरंत जांच हो सके और स्थिति अविलंब नियंत्रित किया जा सके.

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बता दें, राजस्थान में अब 26 जिलों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है. प्रदेश में रविवार देर रात तक जयपुर में 535, जोधपुर-228, भरतपुर-102, कोटा-99, टोंक-95, बांसवाडा-60, नागौर-58, झुंझुनू और बीकानेर में 37-37, जैसलमेर 32, भीलवाडा-28, अजमेर-23, झालावाड-20, चुरू-14, दौसा-13, अलवर-7, डूंगरपुर और सवाई माधोपुर में 5-5, उदयपुर-4, करौली और हनुमानगढ में 3-3, प्रतापगढ, सीकर और पाली में 2-2, धौलपुर और बाडमेर में अब तक एक एक कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया है.

गौरतलब है कि जोधपुर और जैसलमेर में ईरान से रेस्क्यू कर लाये गये भारतीयों में से 60 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. इसके अलावा जयपुर में इटली के 2, इन सभी को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1478 तो रविवार को हुई 2 मौत से कोरोना से मरने वालों की संख्या बढकर 23 हो चुकी है. वहीं प्रदेश में अब तक सामने आए 1478 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 205 मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके है जिनमें से 97 को डिस्चार्ज किया जा चुका है.

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