सुनियोजित तरीके से प्लान किया गया था मरकज में लोगों का रूकना? 10 हजार लोगों में संक्रमण का खतरा

तब्लीगी जमात से निकले लोगों ने तैयार की कोरोना की बड़ी खेप, देश कोरोना की स्टेज तीन की ओर अग्रसर, 10 हजार से ज्यादा को हो सकता है संक्रमण, 121 मरीज आ चुके हैं सामने, 14 राज्यों में घूम रहे हैं संदिग्ध, राजस्थान में भी हैं 64

Tabligi Jamat 2
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पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. दिल्ली की निजामुद्दीन कॉलोनी स्थित तब्लीगी जमात के मरकज को देश में कोरोना वायरस का सबसे बड़ा केंद्र कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा. रविवार को तलाशी के दौरान करीब 1500 से ज्यादा देशी विदेशी लोगों को यहां से निकाले जाने के बाद अब भयानक परिणाम सामने आ रहे हैं. मरकज से गए लोगों में से अब तक 121 के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है. बताया जा रहा है कि यहां से निकले लोग देश के 14 राज्यों में फैले हुए हैं जिनके कारण देश में 10 हजार से अधिक लोगों को संक्रमण का खतरा हो सकता है. युद्ध स्तर पर इन्हें ढूंढने का अभियान छेड़ा जा चुका है. सबसे अधिक लोग तमिलनाडू में बताए जा रहे हैं तो राजस्थान में इनकी संख्या 64 बताई जा रही है. इसके अलावा प्रदेश मूल 17 लोग वेंं हैं जो कहीं ओर रह रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए तो यही कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सब सुनियोजित तरीके से किया गया था. महामारी की इतनी बड़ी खेप देखते हुए निश्चित तौर पर मान लिया गया है कि देश कोरोना की स्टेज 3 की ओर निकल चुका है.

मार्च के शुरुआत में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अन्य राजनेताओं और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सतर्कता बरतने के लिए कहने के बावजूद 12-15 मार्च के बीच तब्लीगी जमात के मरकज में करीब 10 हजार से ज्यादा मुस्लिम समुदाय से जुड़े देसी विदेशी लोगों का आना जाना लगा रहा. मरकज से निकाले गए 1830 लोगों की पहचान हो चुकी है जिसमें 281 विदेशी भी शामिल हैं जो ट्यूरिस्ट वीजे पर यहां आए हुए थे. एक ओर मरकज से जुड़े लोग अपनी सफाई दे रहे हैं लेकिन दिल्ली पुलिस इसे सुनियोजित तरीके से उठाया गया कदम मान रही है. निकाले जा रहे लोगों की कुछ हरकतें इस ओर संकेत भी दे रही है जैसा कि मना करने के बाद भी उनका जगह जगह थूंकना. उनके इस कृत्य से वायरस फैल सकता है.

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मरकज से निकाले गए लोगों में से अब तक 121 की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है. 441 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं जिनमें से 417 को बिना जांच करवाए कोरोना पेशेंट मानकर इलाज शुरु कर दिया है. 1100 से अधिक लोग क्वारेंटाइन हैं. यहां से लौटे 6 की मौत तेलंगाना में, एक जम्मू कश्मीर और एक तमिलनाडू के व्यक्ति की मौत अस्पताल में हो चुकी है. सरकार की चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि मरकज से निकले दो हजार से अधिक विदेशी भी इधर उधर देशभर में घूम रहे हैं. इन सभी को संक्रमित माना जा रहा है. गृह मंत्रालय ने इन सबकों ढूंढकर देश से बाहर निकालने का आदेश दिया है. शेष सभी को भी युद्ध स्तर पर ढूंढने के आदेश जारी किए जा चुके हैं. बताया जा रहा है कि मरकज के कार्यक्रम में 10 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे. इनमें सबसे अधिक 77 तमिलनाडू से हैं जबकि 64 राजस्थान से हैं. 17 वे राजस्थानी मूल से जुड़े लोग भी हैं जो कहीं ओर बस गए हैं. उन्हें दिल्ली में ही निगरानी में रखा गया है. इन सभी की पहचान हो चुकी है.

राजस्थान के इन जिलों में हैं सबसे अधिक लोग
श्रीगंगानगर – 20
भरतपुर – 16
बाड़मेर – 12
हनुमानगढ़ – 6
उदयपुर – 5
टोंक – 4
अजमेर – 1 सीकर से भी कुछ लोग होने की संभावना जताई जा रही है.

इनके अलावा, तमिलनाडू से 1500, आंध्र प्रदेश से 463, असम से 299, कर्नाटक से 45, महाराष्ट्र से 109, अंडमान निकोबार से 10, झारखंड से 34, उत्तर प्रदेश से 157, बिहार से 86, मप्र से 82 लोगों के मरकज के कार्यक्रम में जाने की बात सामने आई है. वहीं तमिलनाडू से 501, असम के 216, यूपी के 156, महाराष्ट्र के 109, मप्र के 107, बंगाल के 73, हैदराबाद के 22, हिमाचल और केरल के 15-15, झारखंड के 46 और पंजाब के 9 लोग मरकज में उपस्थित थे. 281 विदेशी भी यहां मिले.

इनके अलावा, मरकज से जुड़े एक विदेशी महिला रांची पहुंची थी, वो भी संक्रमित मिली. ये झारखंड में मिला कोरोना का पहला केस है. सोमवार को यहां की एक मस्जिद से 24 लोगों को निकाल क्वारेंटाइन किया गया था जिनमें 18 विदेशी थे. असम में भी 52 साल का एक शख्स संक्रमित मिला जो मरकज से लौटा था. तमिलनाडू में 57 नए पॉजिटिव केस मिले हैं जिनमें से 50 यहीं से लौटे थे.

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मरकज में कोरोना के इतने केस सामने आने के बाद दिल्ली में हडकंप मच गया है. यहां से जुड़े लोग देशभर में फैले हुए हैं और माना जा रहा है कि सभी संक्रमित हो सकते हैं. इस पर दिल्ली सरकार ने सख्ती से एक्शन में आते हुए मरकज के मौलाना साद और तब्लीगी जमात से जुड़े कई नामजद लोगों पर मामला दर्ज कराने के आदेश दिए हैं. दिल्ली पुलिस ने तुरंत इन सभी पर साजिश रचने, महामारी अधिनियम 1897 और आईपीसी की दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

वहीं इस मामले में नया खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक यहां से निकल कर विदेशी नागरिकों में से 157 ने दिल्ली की 16 मस्जिदों में शरण ली थी. अब प्रशासन और सरकार ने उन मस्जिदों की पहचान कर रही है ताकि संक्रमण को रोका जा सके. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने ऐसे 16 मस्जिदों की लिस्ट जारी की है. पता चला है कि दिल्ली के जाकिर नगर वेस्ट की एक मस्जिद में भी 50 विदेशी आकर ठहरे हुए थे. 22 मार्च की रात से इनमें से 41 लापता हैं. उनके स्वदेश लोटने की तो कोई संभावना है नहीं, ऐसे में माना जा रहा है कि वे देश के कई हिस्सों में जा सकते हैं. इनको भी पॉजिटिव माना जा रहा है.

देश में कोरोना की इतनी बड़ी संख्या में मरीज मिलने के बाद दिल्ली सहित देशभर में दहशत का माहौल है. महामारी की बड़ी जमात सामने आने पर माना जा रहा है कि देश कोरोना की स्टेज-3 की ओर अग्रसर हो चुका है. इसके बाद देश में कोरोना के 16 हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए हैं जहां हालात सबसे अधिक खराब है, इनमें भीलवाड़ा और जयपुर भी शामिल है.

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