V. Muraleedharan Latest News – वी मुरलीधरन केरल भाजपा के वरिष्ठ नेता है और वर्तमान में मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री है. वी मुरलीधरन केरल भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके है. इस समय वह राज्यसभा से सांसद है. साथ ही वह राज्यसभा में सरकारी उप मुख्य सचेतक भी है. मोदी सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद विश्व के साझेदार देशो में अपने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को भेजा था. उन डेलिगेशन में एक सदस्य के तौर पर वी मुरलीधरन को भी शामिल किया गया था. उनके डेलिगेशन ने मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया और वहां जाकर पाकिस्तान स्थित प्रायोजित आतंकवाद को संबधित देशो के समक्ष रखा. ऐसा करने से भारत के पक्ष को विश्व के कुछ प्रमुख देशो के सामने लाने में मदद मिला. ये सब मोदी सरकार की विदेश नीति का हिस्सा है. इस लेख में हम आपको मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन की जीवनी (V. Muraleedharan Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
वी मुरलीधरन की जीवनी (V. Muraleedharan Biography in Hindi)
पूरा नाम | वी मुरलीधरन |
उम्र | 66 साल |
जन्म तारीख | 12 दिसंबर 1958 |
जन्म स्थान | एरनहोली, कालीकट , केरल |
शिक्षा | बी.ए. |
कॉलेज | गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज |
वर्तमान पद | विदेश राज्य मंत्री |
व्यवसाय | सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता |
राजनीतिक दल | भाजपा |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | गोपालन वननाथन वेट्टिल |
माता का नाम | देवकी नंबल्ली वेल्लम वेल्ली |
पत्नी का नाम | डॉ. के.एस. जयश्री |
बेटें का नाम | – |
बेटी का नाम | – |
स्थाई पता | मकायिरम, 209ए, रोज़ गार्डन, कोचुल्लूर, मेडिकल कॉलेज पी.ओ. तिरुवनंतपुरम, केरल-695011 |
वर्तमान पता | 1, सुनहरी बाग, नई दिल्ली |
फोन नंबर | – |
ईमेल | – |
वी मुरलीधरन का जन्म और परिवार (V. Muraleedharan Birth & Family)
वेल्लमवेल्ली मुरलीधरन का जन्म 12 दिसंबर 1958 को केरल के एरनहोली, कालीकट में हुआ था.
वी मुरलीधरन के पिता का नाम गोपालन वननाथन वेट्टिल था जबकि उनकी माता का नाम देवकी नंबल्ली वेल्लम वेल्ली था.
वी मुरलीधरन का विवाह 1998 को डॉ. के.एस. जयश्री से हुआ था. डॉ. के.एस. जयश्री श्री नारायण कॉलेज, नट्टिका में संस्कृत की प्रोफेसर हैं. उन्हें कोई संतान नहीं है.
वी मुरलीधरन का स्थायी निवास स्थान केरल का कोझिकोड हैं, पर एक मंत्री के रूप में वह दिल्ली में रहते है.
वी मुरलीधरन हिन्दू है. वी मुरलीधरन पर 5 आपराधिक मुकदमा दर्ज है.
वी मुरलीधरन की शिक्षा (V. Muraleedharan Education)
मुरलीधरन की प्रारंभिक शिक्षा कोडक्कलम यूपी स्कूल से और फिर उसके बाद सेंट जोसेफ हायर सेकेंडरी स्कूल, थालास्सेरी से हुई थी. इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज, थालास्सेरी, कालीकट से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक (बी. ए) किया था.
वी मुरलीधरन का राजनीतिक करियर (V. Muraleedharan Political Career)
वी मुरलीधरन की राजनीतिक यात्रा एक छात्र नेता के तौर पर शुरू हुई थी. वे कम आयु से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे. फिर इसी संस्था में रखकर वह विभिन्न पदों पर आसीन होते रहे. माना जाता है कि राजनीति में उनका आना आपातकाल के दिनों में हुआ था. यह समय 1975 का था. एबीवीपी में रहते हुए वे 1979 में कन्नूर जिला सचिव बनाये गए और फिर उसी के एक वर्ष बाद 1980 में संघठन के राज्य प्रमुख (संयुक्त सचिव) बनाये गए.
उसी के बाद मुरलीधरन अपनी नौकरी छोड़कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए. उन्ही दिनों वे संघ से भी नियमित जुड़े रहे. पर तब तक उन्होंने किसी राजनैतिक पार्टी को ज्यॉइन नहीं की थी.
मुरलीधरन का प्रत्यक्ष राजनीति में आना वर्ष 1998 में हुआ. इसी वर्ष उन्होंने भाजपा ज्यॉइन कर ली. उस समय देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा था और वह अटल युग था. उस समय उनका दिल्ली आना हुआ और केंद्र की राजनीति में उन्हें स्थान दिया गया. बताया जाता है कि दक्षिण भारत के होने के कारण उन्हें तब के वरिष्ठ भाजपा नेता वेंकैया नायडू की सहायता के लिए दिल्ली में सेवा देने के लिए रखा गया था.
मुरलीधरन को चुनाव बाद वर्ष 1999 में भारत सरकार के युवा मामले और खेल विभाग का उपाध्यक्ष बना दिया गया. मुरलीधरन के लिए यह पहला अवसर था जब उन्हें केंद्र में कोई जिम्मेदारी निभाने का सुअवसर मिला था.
फिर तो उन्हें केंद्र में लगातार जिम्मेदारी मिलती रही है. वर्ष 2004 में उन्हें पार्टी के एनजीओ प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय संयोजक बना दिया गया. फिर अगले वर्ष 2005 में उन्हें भाजपा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ का संयोजक बना दिया गया. चूँकि उसके बाद पार्टी की सरकार नहीं रही और अटल बिहारी भी केंद्र में सक्रिय राजनीति से दूर हो गए. इसी के बाद उन्हें राज्य स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की बड़ी जिम्मेदारी दी गई. यहां ध्यान देने वाली बात है कि केरल में भाजपा की स्थिति शुरू से कमजोर रही है और यह आज भी मजबूत स्थिति में नहीं आ पायी है. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें वर्ष 2006 में केरल भाजपा का उपाध्यक्ष बना दिया. इस पद पर वे चार वर्षो तक रहे. उसी बीच उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा
मुरलीधरन को वर्ष 2010 में भाजपा केरल का अध्यक्ष चुन लिया गया. फिर 2013 में उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए भी चुन लिया गया. माना जाता है कि उनके कार्यकाल में पार्टी के वोट शेयर में वृद्धि हुई हालांकि ये बढे हुए वोट शेयर सीटों को बढ़ाने में ज्यादा कुछ नहीं कर पाया.
उनकी वरिष्ठता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें वर्ष 2018 में राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया और इसके बाद उन्हें जीत भी मिली. बाद में वे 18वीं लोक सभा चुनाव में एक बार फिर से किस्मत आजमाया और केरल के अट्टिंगल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा पर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. बाद में उन्हें फिर से दूसरे कार्यकाल के लिए राज्यसभा से चुन लिया गया और मोदी मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया.
वर्तमान में, वी मुरलीधरन राज्यसभा सांसद है और मोदी मंत्रिमंडल में विदेश राज्य मंत्री है.
वी मुरलीधरन की संपत्ति (V. Muraleedharan Net Worth)
18वीं लोकसभा चुनाव में दाखिल किये गए घोषणापत्र के अनुसार वी मुरलीधरन की कुल संपत्ति 1.18 करोड़ रूपये हैं जबकि उनपर 10.83 लाख रूपये का कर्ज भी है.
इस लेख में हमने आपको मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन की जीवनी (V. Muraleedharan Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.