राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र की हंगामेदार शुरूआत, धारीवाल पर भड़के दिलावर और राठौड़

संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर दो दिवसीय विशेष सत्र का आगाज, साध्वी प्रज्ञा के बयान को पायलट ने बताया निंदनीय, राठौड़ बोले- धारीवाल ने सदन को किया कलंकित

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर बुलाये गए राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) के दो दिवसीय विशेष सत्र की हंगामेदार शुरूआत हुई. इस विशेष सत्र में चर्चा का मुख्य विषय था ‘देश का संविधान कैसे मजबूत हो‘ लेकिन सत्र की शुरुआत एक दूसरे पर टीका टिप्पणी से हुई. और सत्र के शुरूआत में ही सदन में हंगामा हो गया. दरअसल सदन में जब संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने जब भारतीय संविधान पर बोलना शुरू किया तो उन्होंने गुरु गोलवलकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘बंच और थॉट्स‘ का हवाला देकर विपक्ष पर निशाना साधा जिस पर विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया.

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धारीवाल ने सदन में कहा कि गुरु गोलवलकर ने अपनी पुस्तक में जो बातें लिखी है, भाजपा उसी नीति का पालन करती है. इस पर भाजपा विधायक मदन दिलावर बहस के बीच में ही धारीवाल का विरोध कर हंगामा करने लगे. हंगामा बढ़ते देख विधानसभा स्पीकर जोशी ने मदन दिलावर (Madan Dilawar) को चेतावनी देते हुए सदन की गरिमा को बनाए रखने और बैठने को कहा. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड (Rajendra Rathore) सहित अन्य बीजेपी नेताओं ने भी धारीवाल के बयान पर आपत्ति जताई. वहीं कटारिया ने स्वर तेज करते हुए कहा कि अगर सदन में हम पर टीका टिप्पणी की जायेगी तो हम यहां खाली हाथ सुनने नहीं बैठे है.

हंगामे को बढ़ता देख सीपी जोशी (CP Joshi) ने सदन में मौजूद सभी सदस्यों से शांति से सदन में अपनी बात रखने का आग्रह करते हुए कहा कि पिछले 50-60 साल में जो हुआ, उसे भूलकर आगे आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करें.

हंगामा थमने के बाद संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सदन में फिर से बोलते हुए भाजपा और पीएम मोदी पर तीखी टिप्पणी की. धारीवाल ने अमेरिका के हयूस्टन में आयोजित हाउडी मोदी शो का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से की और वो वहां चुपचाप बैठे रहे. क्या यही लोकतंत्र है. मंत्री धारीवाल ने आगे कहा कि सदन में चर्चा इस बात की भी होनी चाहिए कि इस संविधान को बिगाडने का काम किसने किया, अन्यथा यह चर्चा सार्थक नहीं होगी.

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सदन (Rajasthan Assembly) में डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि भारत का संविधान 70 साल पुराना और दुनिया का सबसे बडा संविधान है. जिस समय संविधान बना उस समय बहुत चुनौतियां थी और संविधान निर्माताओं ने 2 साल 11 दिन के अंदर दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान बनाकर देश को दिया. पूरा देश आज कायल है उस पीढी का जिसने देश को संविधान दिया. पायलट ने आगे कहा कि मै चाहता हूं कि संविधान को केंद्र बिंदु बनाते हुए हम भविष्य की तरफ देखे. पायलट ने यह भी कहा कि संविधान की रक्षा करने का काम किसी एक पार्टी का ये नेता का नहीं है देश के सभी 130 करोड़ लोगों को संविधान की रक्षा करने का बीडा उठाते हुए आगे आना चाहिए.

सदन में पायलट ने लोकसभा में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhya Pragya Thakur) द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले को देशभक्त कहने के बयान की निंदा की. साध्वी पर भड़कते हुए पायलट ने कहा कि जिसने राष्ट्रपिता को मारा, उसे राष्ट्रभक्त कहना निंदनीय है. पायलट ने आगे कहा कि देश का युवा ये नहीं जानता है कि किन किन परिस्थितियों का सामना करने के बाद संविधान निर्माताओं ने संविधान लिखा. अनेकों देशों के संविधान को पढकर देश का संविधान बना और यह बात भी सच है कि लगभग 100 बार देश के संविधान में संशोधन हुआ जिससे लोकतंत्र और मजबूत हुआ. पायलट ने सदन (Rajasthan Assembly) में महाराष्ट्र के राजनैतिक घटनाक्रम पर भी धावा बोला. उन्होंने कहा कि वहां के राज्यपाल ने लोकतंत्र की गरिमा को तार तार किया. मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने ठीक समय पर सही निर्णय लिया.

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सदन में संविधान पर अपनी राय रखते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि संविधान दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर चर्चा होना अच्छी बात है. राठौड ने कहा कि सदन में बहुत कम ऐसे मौके आते है जब सभी सदस्य हम कहकर सदन में बात करते है. अन्यथा ‘मैं और मेरा दल’ या ‘तुम और तुम्हारा दल कह’ कर सदन में चर्चा की जाती है. आज संविधान दिवस के उपल्क्षय में आयोजित इस सत्र में हमें एक दूसरे से हम और हमारे संविधान पर चर्चा करनी चाहिए. सदन की पूरी कार्यवाही के दौरन अध्यक्ष सीपी जोशी को कई बार आसन से खड़ा होकर अन्य विधायकों को बैठने के लिए कहना पड़ा. सदन का ये विशेष सत्र शुक्रवार को भी जारी रहेगा. कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया सदन में अपने विचार रखेंगे.

इससे पहले राजस्थान की 15वी विधानसभा (Rajasthan Assembly) के इस तीसरे सत्र की शुरूआत करते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान दिवस (Constitution Day) की 70 वी वर्षगांठ पर आयोजित इस विशेष सत्र में संविधान के कर्तव्यों पर बात करना जरूरी है. पिछले 70 साल में देश ने संसदीय उंचाइयों को हासिल किया है. सत्र की शुरूआत में मंडावा से नर्वनिर्वाचित विधायक रीटा चौधरी व खींवसर से निर्वाचित विधायक नारायण बेनीवाल को विधायक पद की शपथ दिलवाई गई. सत्र की शुरूआत में पिछले दिनों देशभर में दिवंगत हुए नेताओं को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई.

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