महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने ली राहत की सांस, 21 मई को होंगे विधान परिषद की 9 सीटों पर चुनाव

राज्यपाल की सिफारिश के बाद चुनाव आयोग ने लिया विधान परिषद के चुनाव कराने का फैसला, आयोग की ओर से अधिसूचना हुई जारी, उद्धव ने पीएम मोदी से फोन कर मांगी थी मदद

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे - राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे - राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी

पॉलिटॉक्स न्यूज़/महाराष्ट्र. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर छाए संकट के बादल अब छंटते नजर आ रहे हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश के बाद चुनाव आयोग ने राज्य में विधान परिषद चुनाव कराने का फैसला ले लिया है. आयोग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके मुताबिक, महाराष्ट्र विधान परिषद की 9 सीटों के लिए चुनाव 21 मई को होंगे. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को यह घोषणा की. इसके पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की गुरुवार को चुनाव करवाने की सिफारिश आयोग से की थी. बता दें, विधान परिषद की सभी 9 सीटें 24 अप्रैल को खाली हुई थीं.

चुनाव आयोग की घोषणा के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने राहत की सांस ली है. उद्धव ठाकरे के लिए यह चुनाव बेहद अहम है क्योंकि अभी तक वे न तो विधानासभा के और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं. उद्धव का छह महीने का कार्यकाल 28 मई को खत्म हो रहा है, इस लिहाज से उनकी कुर्सी को खतरा था. उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अभी वह विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. संविधान के तहत उन्हें सीएम बनने के 6 महीने के अंदर यानी 27 मई 2020 तक किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है. उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े ही सीधे सीएम बने हैं, ऐसे में उन पर यह नियम लागू होता है. संविधान के मुताबिक उनका छह महीने में विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी है, अगर ऐसा नहीं होगा तो पद छोड़ना पड़ सकता है. इसको लेकर हाल ही में बुधवार को उद्धव ठाकरे ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात भी की थी.

इसके बाद गुरुवार को प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि जल्द से जल्द महाराष्ट्र विधान परिषद की 9 खाली सीटों पर चुनाव कराया जाए. राज्यपाल ने कहा था कि राज्य में मौजूदा संकट को खत्म को देखते हुए विधान परिषद की सीटों पर चुनाव का ऐलान हो, जो 24 अप्रैल से खाली हैं. अब आयोग ने विधान परिषद के चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है.

बता दें, इसके पहले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने दो बार केबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से सिफारिश की थी कि वह उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत कर दें. उद्धव ठाकरे को गवर्नर के मनोनीत कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाने के लिए कैबिनेट ने राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन, राज्यपाल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, जिसके बाद उद्धव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन कर मदद की गुहार लगाई थी. अब चुनाव आयोग की घोषणा के बाद अब महाराष्ट्र में सियासी संकट खत्म होता दिख रहा है.

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महाराष्ट्र विधान परिषद की स्थिति

महाराष्ट्र विधान परिषद में कुल 78 सीटें हैं. इनमें से 66 सीटों पर तो निर्वाचन होता है, जबकि 12 सीटें राज्यपाल कोटे से मनोनीत की जाती हैं. 30 सदस्यों को विधानसभा के सदस्य यानी एमएलए चुनते हैं. 7-7 सदस्य स्नातक निर्वाचन और शिक्षक कोटे के तहत चुने जाते हैं. इनमें राज्य के सात डिविजन मुंबई, अमरावती, नासिक, औरंगाबाद, कोंकण, नागपुरB और पुणे डिविजन से एक-एक सीट होती है. 22 सदस्य स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के तहत चुने जाते हैं.

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