लगातार 7 साल अध्यक्ष रह चुके चांदना किसको सौंपेंगे युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की कमान

फरवरी के तीसरे-चौथे सप्ताह में होंगे चुनाव, दिसंबर में फॉर्म भर चुके कार्यकर्ताओं को नहीं होगी दुबारा फॉर्म भरने की जरूरत, मुख्यमंत्री गहलोत ने दिए थे चुनाव के संकेत, चांदना की है युवाओं में पकड़

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में युवा कांग्रेस के पिछले 7 सालों से चुनाव नहीं हुए है. युवा एवं खेल मामलात मंत्री अशोक चांदना ही पिछले 7 साल से प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष हैं. प्रदेश में युवा कांग्रेस में एक बार फिर से चुनाव प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है. बता दें, दिसंबर 2019 में भी युवा कांग्रेस चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई थी, इस दौरान भी काफी कार्यकर्ताओं ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन भी किए थे लेकिन किन्ही कारणों की वजह से कुछ समय बाद ही चुनाव प्रक्रिया थम गई थी. अब नये चुनाव कार्यक्रम के अनुसार जिन्होंने दिसंबर 2019 में नामांकन भरे थे उन्हें फिर से नामांकन भरने की जरूरत नहीं है, वहीं जो नामांकन नहीं कर पाये थे वो लोग इस नए चुनावी कार्यक्रम में नामांकन दाखिल कर पायेंगे.

युवा कांग्रेस के पांच पदों के लिए होगा सीधा चुनाव

राजस्थान प्रदेश युवा कांग्रेस के लिए इस बार 5 पदों पर चुनाव होगा. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महासचिव, जिला अध्यक्ष, जिला महासचिव व विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा. प्रदेश अध्यक्ष सर्वाधिक वोट लाने वाला चुना जायेगा. वहीं उपाध्यक्ष पद पर सीधा चुनाव नहीं होगा बल्कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर चुनाव में हारने वाले टॉप छह प्रत्याशियों को ही उपाध्यक्ष बनाया जायेगा जिसमें एक महिला व एक एससी, एसटी प्रत्याशी को भी उपाध्यक्ष बनाया जायेगा. वहीं प्रदेश में सात महासचिव पद मतदान के जरिए चुने जाऐगें. वहीं महासचिव के लिए टॉप सात सर्वाधिक वोट लाने वाले प्रत्याशियों को महासचिव बनाया जायेगा, जिसमें एक महिला व एक एससी, एसटी प्रत्याशी को भी महासचिव बनाया जायेगा. ऐसे ही सचिव पद के लिए सीधा चुनाव नहीं होगा. महासचिव के चुनाव में आठवे से पन्द्रहवें स्थान पर आने वाले प्रत्याशियों को प्रदेश सचिव नियुक्त किया जायेगा.

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कांग्रेस संगठन के हिसाब से 39 प्रदेश युवा जिलाध्यक्षों के भी चुनाव होंगे. सर्वाधिक वोट लाने वाला अध्यक्ष चुना जायेगा वहीं हारने वाले 7 प्रत्याशी जिला उपाध्यक्ष बनाये जाएंगे. जिला महासचिव पद पर सर्वाधिक वोट लाने वाले टॉप 7 प्रत्याशी जिला महासचिव बनाये जाएंगे वहीं आठ से पन्द्रहवें स्थान पर आने वाले प्रत्याशियों को जिला सचिव बनाया जायेगा. इसके साथ ही प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में भी विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष के लिए चुनाव होगा जिसमें सर्वाधिक वोट लाने वाला अध्यक्ष पद पर नियुक्त होगा.

प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव लडने के लिए होंगी ये शर्तें

प्रदेश युवा अध्यक्ष का चुनाव लडने के लिए तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी ने कुछ शर्तें रखी है. इसके तहत मंगलवार को संपन्न हुई राहुल गांधी की युवा आक्रोश रैली में जिन्होंने अच्छा परफोर्म किया है या अच्छी भीड ला पाये थे. ऐसे लोग ही नामांकन भर पाएंगे. ऐसा कोई भी कार्यकर्ता जो रैली से जुडा नहीं था या एनएसयूआई कार्यकर्ता है वो सीधा अध्यक्ष के लिए नामांकन नहीं भर पायेगा. वहीं अध्यक्ष पद पर 27 वर्ष से कम के युवा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं कर पायेंगे. इन शर्तो के विपरीत कोई नामांकन करता है तो उसे तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी की इजाजत लेनी पडेगी.

इस प्रकार होगा चुनाव का कार्यक्रम

युवा कांग्रेस के चुनाव के लिए पिछली बार की तरह इस बार भी मतदान की तारीख की घोषणा नहीं की गई है. युवा कांग्रेस की ओर से जारी किए गए चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक 1 से 5 फरवरी तक नामांकन दाखिल किए जायेंगे. इसके बाद 7 और 8 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच कर आपत्तियां ली जाएंगी. वहीं 9 फरवरी को चुनाव चिन्ह आवंटन किये जायेंगे तो 10 फरवरी को मतदान के दिन की घोषणा की जायेगी. जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 18 से 21 फरवरी के बीच मतदान करवाया जा सकता है.

सीएम गहलोत ने दिए थे चुनाव के संकेत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की युवा आक्रोश रैली से पूर्व प्रदेश युवा कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवा कांग्रेस में बदलाव के संकेत दिए थे. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के यह कहने की मैं पिछले 7 साल से प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष हूं. इस पर सीएम अशोक गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान कहा था. आपकों अध्यक्ष बने 7 साल हो गये है, अब चुनाव होंगे तो संभव है कि बदलाव भी हो. इस पर चांदना ने कहा था बदलाव होने भी चाहिए. इसी के बाद से युवा कांग्रेस के चुनाव को लेकर कवायद तेज हो गई थी.

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पिछले महीने दिल्ली की टीम ने लिए थे साक्षात्कार

युवा कांग्रेस ने पिछले साल दिसम्बर में ही चुनाव की घोषणा कर दी थी. जिसके तहत 1 से 7 दिसम्बर तक सदस्यता अभियान भी चलाया गया था. इसके बाद दिल्ली से आई टीम ने 15 व 16 दिसम्बर को इच्छुक आवेदकों के साक्षात्कार भी लिए थे. टीम से हरी झंडी मिलने के बाद ही कोई भी आवेदक नामांकन पत्र भर सकता था. इस टीम ने आवेदकों की सूची भी बनाई थी. जिसके बाद 21 दिसंबर तक नामांकन भी भरे गए थे. इसके बाद किन्हीं कारणों से चुनाव प्रकिया धीमी पड़ी ओर मतदान की तारीख घोषित नहीं हो पाई थी.

अशोक चांदना की है युवाओं में गहरी पकड

गहलोत सरकार में मंत्री व पिछले 7 सालों से प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चांदना की युवाओं में अच्छी खासी पकड है. विधानसभा से लेकर जिलाध्यक्ष तथा प्रदेश युवा कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं को चांदना व्यक्तिगत जानते है. प्रदेश एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं में भी मंत्री चांदना का अच्छा खासा प्रभाव है. शायद यही कारण रहा कि युवा कांग्रेस से निकले चांदना दूसरी बार विधायक और मौजूदा गहलोत सरकार में युवा व खेल मामलात मंत्री है. 7 साल लगातार अध्यक्ष रहे चुके वर्तमान प्रदेश सरकार में मंत्री अशोक चांदना तो खैर इस बार युवा अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन युवाओं में गहरी पकड के कारण माना जा रहा है कि युवा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव जीताने में उनकी अहम भूमिका हो सकती है या यूं कहें जिसके उपर चांदना हाथ रख दें उसका जीतना तय है.